30 Dead in Mahakumbh Stampede : महाकुंभ भगदड़ में 30 की मौत, 60 घायल, न्यायिक जांच की घोषणा, मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख!

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30 Dead in Mahakumbh Stampede : महाकुंभ भगदड़ में 30 की मौत, 60 घायल, न्यायिक जांच की घोषणा, मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख!

भगदड़ के 19 घंटे बाद मृतकों और घायलों का आंकड़ा जारी किया!

Prayagraj : महाकुंभ में मंगलवार की आधी रात मची भगदड़ में 30 लोगों की जान गई और 90 लोग घायल हुए। 60 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों में 25 लोगों की पहचान कर ली गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस भगदड़ की घटना की न्यायिक जांच की घोषणा की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक मृतक के परिजन को 25-25 लख रुपए मुआवजा दिया जाएगा।

मेला प्रशासन ने भगदड़ के करीब 19 घंटे बाद बुधवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मृतकों और घायलों का आंकड़ा जारी किया। इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में DIG महाकुंभ नगर मेला क्षेत्र वैभव कृष्ण ने बताया कि आखिर संगम तट पर भगदड़ कैसे मची। DIG वैभव कृष्ण ने बताया कि मंगलवार रात 1 से 2 बजे के बीच बहुत भीड़ हो गई थी। कुछ श्रद्धालु मौनी अमावस्या पर ब्रम्ह मुहूर्त में अमृत स्नान के लिए संगम तट पर ही सो गए थे। मेले में बैरिकेड्स लगे हैं। भीड़ से घाट पर कुछ बैरिकेड्स टूट गए, जिस वजह से जमीन पर सो रहे कुछ श्रद्धालु अफरातफरी में चढ़ गए। कुचलने से जो घायल हो गए उनमें से कुछ की मौत हो गई।

DIG महाकुंभ नगर ने बताया कि 29 जनवरी को शासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी VIP प्रोटोकाल नहीं होगा। कोई VIP प्रोटोकाल इंटरटेन नहीं किया गया। इससे पहले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने महाकुंभ में VIP प्रोटोकॉल पर सवाल उठाए थे। राहुल गांधी ने कहा था कि सरकार को VIP मूवमेंट कल्चर पर लगाम कसनी चाहिए। महाकुंभ के शेष दिनों के लिए व्यवस्था में सुधार करना चाहिए। मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने कहा कि जो श्रद्धालु आएं हैं, उन्हें वापस भेजने के लिए तत्परता से काम कर रहे हैं। मेला प्रशासन ने 1920 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।

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इतनी मौतों की क्या वजह?

मौनी अमावस्या के अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। इस कारण संगम पर लाखों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई। ज्यादातर श्रद्धालु जल्दी स्नान करने के लिए संगम तट पर ही सुबह होने का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए। यह देखकर भगदड़ मच गई। दूसरी ओर, संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे, ऐसे में जब भगदड़ मची तो भागने का मौका नहीं मिला।

अखाड़ा परिषद ने पहले अमृत स्नान करने से इंकार कर दिया था। हालांकि, बाद में हालात सामान्य होने के बाद अखाड़ों ने तय किया कि वह अमृत स्नान में शामिल होंगे। स्नान के लिए संगम में साधु-संतों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। सभी 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान किया।

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प्रयागराज आने वाले 8 एंट्री पॉइंट बंद

प्रयागराज में बुधवार को 9 करोड़ से ज्यादा लोग पहुंचे। श्रद्धालुओं का संगम तट पर आना लगातार जारी है। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मेला प्रशासन ने प्रयागराज आने वाले 8 एंट्री पॉइंट को बंद कर दिया है।

– भदोही- वाराणसी बॉर्डर पर 20 किलोमीटर का लंबा जाम लगा है।

– चित्रकूट बॉर्डर पर भी जाम है।

– कौशांबी बॉर्डर पर 50 हजार से ज्यादा गाड़ियों को रोका गया, यहां 5 घंटे से जाम लगा है।

– फतेहपुर-कानपुर बॉर्डर पर भी जाम देखा जा रहा है।

– प्रतापगढ़ बॉर्डर पर 40 हजार वाहनों को रोका गया।

– जौनपुर बॉर्डर पर प्रयागराज जाने वाली सभी बसों को रोका गया है।

– मिर्जापुर बॉर्डर पर भी लंबा जाम लग गया।

– रीवा बॉर्डर पर भी गाड़ियों को रोका गया है।