32nd Vyas Samman To Dr. Gyan Chaturvedi: व्यंगकार पद्मश्री डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी को 32वां व्यास सम्मान
नई दिल्ली। के.के बिरला फाउंडेशन ने बृहस्पतिवार को हिंदी के जाने-माने व्यंग कथाकार डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी को 32वां ‘व्यास सम्मान’ प्रदान करने की घोषणा की। फाउंडेशन ने एक बयान में बताया कि प्रतिष्ठित साहित्यकार प्रोफेसर रामजी तिवारी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने पद्मश्री डॉ. चतुर्वेदी को उनके व्यंग्य उपन्यास ‘पागलखाने’ के लिए ‘व्यास सम्मान’ 2022 से नवाजने का फैसला किया है।
यह उपन्यास 2018 में प्रकाशित हुआ था। बयान में बताया गया है कि 1991 में शुरू किया गया ‘व्यास सम्मान’ पिछले 10 वर्षों के दौरान हिंदी में प्रकाशित साहित्यिक रचना के लिए भारतीय नागरिक को दिया जाता है।
उसमें बताया गया है कि चतुर्वेदी की लेखन-यात्रा सत्तर के दशक से धर्मयुग से शुरू हुई। उनका प्रथम उपन्यास नरक-यात्रा अत्यन्त चर्चित रहा, जो भारतीय चिकित्सा विज्ञान की शिक्षा-व्यवस्था पर था। बयान के अनुसार, डॉ. चतुर्वेदी की अब तक लगभग हज़ारों व्यंग्य रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें से बारामासी, मरीचिका , हम न मरब , प्रेम कथ दंगे में मुर्गा , मेरी इक्यावन व्यंग्य रचनाएं समेत अन्य शामिल हैं। भारत सरकार ने 2015 में उन्हे पद्श्री से सम्मानित किया था।
बता दें कि पिछले वर्ष का व्यास सम्मान मध्य प्रदेश इंदौर के जाने-माने ऐतिहासिक उपन्यासकार डॉ शरद पगारे को प्रदान किया गया था।