5 Years Rigorous Imprisonment To Patwari: रिश्वतखोर पटवारी को 5 वर्ष के कठोर कैद की सजा
राजेश चौरसिया की रिपोर्ट
छतरपुर: विशेष न्यायाधीश सुधांशु सिन्हा की कोर्ट ने रिश्वतखोर पटवारी गौरीशंकर पाठक को पांच वर्ष के कठोर कैद की सजा से दंडित किया है।
बताया गया है कि प्लॉट के सीमांकन के एवज में पटवारी ने 5 हजार रुपए की रिश्वत ली थी जिसके लिए उन्हें पांच वर्ष का कठोर कैद तथा 20 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि फरियादी विजय कुमार अवस्थी ने 6 जून 2015 लोकायुक्त पुलिस सागर को इस आशय की शिकायत की थी कि राजनगर में स्थित प्लाट के सीमांकन करने के एवज में पटवारी गौरीशंकर पाठक उससे 5 हजार रूपये रिश्वत की मांग कर रहा है। लोकायुक्त पुलिस ने विजय अवस्थी को वॉयस रिकार्डर देकर पटवारी की रिश्वत मांग संबंधी बातों का रिकॉर्ड कराया, बातचीत के दौरान आरोपी गौरीशंकर पाठक ने 5 हजार रूपये रिश्वत लेने की बात की। 12 जून को ट्रेप दल लोकायुक्त सागर से रवाना होकर राजनगर पहुंचा, जहा पर फरियादी ने आरोपी से फोन पर संपर्क किया तो आरोपी ने फरियादी को राजस्व निरीक्षक कार्यालय राजनगर में बुलाया, फरियादी राजस्व निरीक्षक कार्यालय के अंदर गया और आरोपी को पांच हजार रूपये रिश्वत देकर ट्रेप दल को इशारा किया। ट्रेप दल ने अंदर जाकर आरोपी पटवारी गौरीशंकर पाठक को रंगे हाथो पकड़ा। संपूर्ण विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।
अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक एडीपीओ केके गौतम ने पैरवी करते हुए सभी सबूत एवं गबाह कोर्ट में पेश किये एवं आरोपी को कठोर से कठोर सजा की मांग की। विशेष न्यायाधीश सुधांशु सिंहा की कोर्ट ने फैसला सुनाया कि लोक सेवको द्वारा भ्रष्टाचार किया जाना एक विकराल समस्या हो गई है। जो समाज को खोखला कर रही है। भ्रष्टाचार लोकतंत्र और विधि के शासन की नीव को हिला रहा है। ऐसे आरोपियो को सजा देते समय नरम रुख दिखाना कानून की मंशा के विपरीत है और भ्रष्टाचार के प्रति कठोर रुख अपनाया जाना समय की मांग है। कोर्ट ने आरोपी पटवारी गौरीशंकर पाठक को भ्रष्टचार अधिनियम की धारा-7 में चार वर्ष कठोर कारावास एवं 10 हजार रूपये जुर्माना, तथा धारा 13 (1)(डी) में पांच वर्ष की कठोर कैद व 10 हजार रुपये के जुर्माना की सजा सुनाई है।