7 Lakh People Cheated : क्रेडिट कार्ड से लोन दिलाने का झांसा देकर 7 लाख रुपए ठगे! 

लोन के बहाने कई लोगों के दस्तावेज भी लिए, अब क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा!

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7 Lakh People Cheated : क्रेडिट कार्ड से लोन दिलाने का झांसा देकर 7 लाख रुपए ठगे! 

Indore : स्नातक की डिग्री हासिल कर चुका रांची रहने वाले युवक ने लोगों से 7 लाख रुपए ठग लिए। वह क्रेडिट कार्ड लेकर हथियाई राशि खुद के खाते में जमा कर लेता था। पीड़ित युवकों की शिकायत की जांच के बाद क्राइम ब्रांच ने ठग को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी अमनदीप राऊ की पलाश परिसर कालोनी में किराए के फ्लैट में रहता था। उसने स्वयं को बैंक में जॉब होने का झूठ बोलकर लोगों से लोन दिलाने के बहाने दस्तावेज हासिल कर लिए थे।

पुलिस के मुताबिक, आवेदक अभिषेक को नए साल में गोवा घूमने जाने के लिए फ्लाइट का टिकट बुक कराने के लिए अभिषेक के क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर 48846 रुपए किसी अन्य खाते में ट्रांसफर कर दिए। आवेदक के मोबाइल का उपयोग पेटीएम एप से कर उसकी मां का पर्सनल लोन 2 लाख 80 हजार रुपए कर दिया। उसमें आरोपी अमनदीप ने खुद का मोबाइल नंबर एड कर दिया जिससे आवेदक को ट्रांजेक्शन के संबंध में कोई अलर्ट मैसेज बैंक से नहीं मिले।

फर्जी पीडीएफ बनाई

इसी प्रकार अपने मोबाइल से लोन सेक्शन लेटर को एडिटिंग कर फर्जी तरीके से तैयार पीडीएफ बनाकर लोन सेंक्शन होने का बोलकर पैसे लेता था। आरोपी ने उक्त रुपया अपने क्रेडिट कार्ड के अकाउंट, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक में क्यूआर बार कोड से जमा करना बताया। अन्य आवेदक सचिन सेन, योगेश चायवाला और संतोष सोनी के साथ भी लोन कराने का बोलकर धोखाधड़ी की।

एक अन्य आवेदक निखिल प्रजापति से अमनदीप ने बैंक खाता फ्रिज होने से मेरे कुछ पैसे आने वाले हैं। तेरे खाते में डलवा रहा हूं मुझे निकालकर दे देना, बोलकर तीन लाख रुपए निखिल के खाते में डलवाए। निखिल को 3 जनवरी को मोबाइल पर क्रेडिट बी फाइनेंस कंपनी का मैसेज आया कि आपके बैंक लोन की किश्त ओवर ड्यू हो गया है। तब सिविल पैसा बाजार एप पर चेक किया तो पता चला कि आवेदक के नाम पर अलग-अलग बैंक के 12 नाम पर लोन एप्रुवल हुए है,जब समझ आया कि अमनदीप ने मोबाइल का उपयोग कर मेरे साथ धोखाधड़ी की।

फर्जी पालिसी व्हाट्सअप की

आरोपी ने इंश्योरेंस पॉलिसी निवा बुपा हेल्थ इंश्योरेंस की पीडीएफ फाइल व्हाट्सएप की थी। निवा बुपा की ऑफिशियल साइट पर सर्च की तो मुझे भेजी गई पालिसी नंबर की कोई जानकारी नहीं मिली। अन्य फरियादी अंकित पाटीदार ने बताया कि मैंने अमनदीप से क्रेडिट कार्ड सेटलमेंट कराने को कहा था तो अमनदीप ने मुझसे पैन कार्ड, आधार कार्ड पूछा तो मैंने दिखाया, फिर किसी को फोन लगाकर बोले कि इनका क्रेडिट चेक करके बताओ और फोन पर ही अमनदीप बोला कि इनका एक 20000 रुपए और एक 21000 रुपए का सेटलमेंट कर दीजिए।

मेरे वॉलेट से पैसा कट गया

अमनदीप ने बोला कि मेरे वॉलेट से पैसा कट गया है। आप मुझे पेमेंट करें तो मैंने कोटक बैंक के क्रेडिट कार्ड से अमनदीप को पैसा दिया। अमनदीप ने मेरे क्रेडिट कार्ड का नंबर लेकर अपने मोबाइल से कोई प्रोसेस की तो मेरे पास ओटीपी आया। अमनदीप ने पूछा तो मैंने ओटीपी नंबर बता दिया, इसके बाद मेरे क्रेडिट कार्ड से 29918 रुपए निकलने का मैसेज आया।

मामले में क्राइम ब्रांच ने आरोपी पर अपराध क्रमांक 93/24 में धारा 420, 406 एवं अपराध क्रमांक 94/24 में धारा 420, 406 का केस दर्ज कर तकनीकी संसाधनों से तलाश शुरू की। इसी बीच पुलिस को पता चला कि वह राऊ स्थित घर से भागने की तैयारी में है। जानकारी मिलते ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

तीन साल से रहना बताया

आरोपी ने बताया कि वह राऊ में तीन साल से किराए के मकान बदलकर रहता था। मकान के आसपास रहने वाले छात्रों एवं प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों से दोस्ती कर उनके क्रेडिट कार्ड लेकर लोन दिलाने का बोलकर धोखाधड़ी करता था। आरोपी के कब्जे से खुद का क्रेडिट कार्ड, एटीएम कार्ड, चेक बुक, दस्तावेज, मोबाइल, स्वैप मशीन, टेलीकॉम फोन, विभिन्न बैंकों की बनी हुई 4 सील, प्रिंटर और लैपटॉप जब्त किया है।