New Delhi : टैक्स भरने वालों के लिए इसे जरूरी खबर माना जा सकता है। बजट आने में अब 10 दिन बचे है। आम आदमी को उम्मीद है कि सरकार उसके टैक्स के बोझ को कम करेगी। दूसरी चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि क्या देश के धनकुबेर सरकार का खजाना भरने के काम आएंगे!
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अगले फाइनेंशियल ईयर का बजट पेश करने जा रही हैं। कोरोना और उसके बाद महंगाई का दंश झेल रहे आम आदमी को इस बजट में टैक्स से राहत की उम्मीद है। ऐसे में क्या सरकार अपना खजाना भरने के लिए धुनकुबेरों या यूं कहें सुपर रिच लोगों पर एक्स्ट्रा टैक्स या वेल्थ टैक्स लगाएगी?
हाल में इस तरह के टैक्स को लेकर दुनियाभर में एक बहस छिड़ी है। Oxfam ने हाल में दुनिया की संपत्ति और इस में अमीर और आम लोगों की हिस्सेदारी को लेकर एक रिपोर्ट जारी की। तभी से धनकुबेरों पर एक्स्ट्रा टैक्स लगाने की बात चल रही है।
दुनियाभर में अमीर-गरीब के बीच की खाई को पाटने के लिए हमेशा रईस लोगों पर वेल्थ टैक्स लगाने की बात होती है। इसमें एक निश्चित सीमा से अधिक संपत्ति के मालिक से कुछ एक्स्ट्रा टैक्स लेने की बात कही जाती है। हालांकि, इस टैक्स का प्रचलन बहुत ही कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह का टैक्स आर्थिक असमानता दूर करने का सही तरीका नहीं हो सकता। वहीं इसके कलेक्शन की अपनी चुनौतियां हैं।
वेल्थ टैक्स से टैक्स चोरी की आशंका
फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस और पॉलिसी (NIPFP) के प्रोफेसर सच्चिदानंद मुखर्जी के हवाले से लिखा है कि गैर-बराबरी और गरीबी को दूर करने का सही तरीका है कि सरकार अपना खर्च बढ़ाए और वितरण की व्यवस्था को ठीक रखे। उनका कहना है कि अगर ज्यादा अमीर लोगों पर एक्स्ट्रा टैक्स लगाया जाता है, तो संभव है कि वो उन देशों में चले जाएं जहां इस तरह के टैक्स न हो। वहीं कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि इस तरह का कदम टैक्स की चोरी को बढ़ा सकता है।
रईसों के टैक्स से दूर होगी गरीबी
ऑक्सफैम की रिपोर्ट में कहती है कि 2020 के बाद दुनिया में जितनी संपत्ति का निर्माण हुआ, उसमें से करीब दो तिहाई पर मात्र दुनिया के 1 प्रतिशत रईस लोगों का कब्जा है। ये दुनिया की 99% आबादी के पास आई संपत्ति से दोगुना है। ऑक्सफैम की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अगर दुनिया के इन 1 प्रतिशत लोगों पर सिर्फ 5 प्रतिशत तक का टैक्स लगाया जाए, तो 2 अरब लोगों को गरीबी से मुक्त किया जा सकता है। इस टैक्स से सरकारों को 1,700 अरब डॉलर तक मिलने की उम्मीद है।
अमीर खुद कह रहे ‘हम पर टैक्स लगाओ’
पिछले दिनों एक अनोखा नजारा देखने को मिला, जब दुनिया के कई रईस लोगों ने खुद पर और टैक्स लगाने’ की बात की। ‘द गार्डियन’ की खबर के मुताबिक दुनिया के 205 अरबपति और खरबपति लोगों के एक ग्रुप के सदस्यों ने सरकारों से उन पर टैक्स लगाने के लिए कहा है। ताकि अरबों लोगों की मदद की जा सके। डिज्नी की उत्तराधिकारी एबिगेल डिज्नी, ‘द हल्क’ के एक्टर मार्क रुफालो ने दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में ‘भीषण असमानता’ को दूर करने के लिए जल्द से जल्द वेल्थ टैक्स लगाने की बात कही. इस संबंध में उन्होंने एक पत्र लिखा। इस ग्रुप में 13 देशों के लोग शामिल हैं।