उज्जैन से सुधीर नागर की रिपोर्ट
Ujjain : महाकाल मंदिर का लड्डू प्रसाद अब भक्तों को इतना भाने लगा कि डिमांड के अनुसार लड्डू बन नहीं पा रहे हैं। इसका हल निकालने के लिए मंदिर प्रशासन जल्द ही एक नई यूनिट स्थापित करने जा रहा है, जहां ऑटोमेटिक मशीन से प्रसाद के लड्डू बनेंगे। इसके साथ ही मंदिर की व्यवस्था में बदलाव के तहत मंदिर परिसर में नवग्रह मंदिर के नीचे से निकलने का भूमिगत रास्ता बनाने की भी तैयारी शुरू हो गई।
महाकाल मंदिर आने वाले भक्त अपने साथ लड्डू प्रसाद अवश्य ले जाते हैं। इनकी बिक्री से मंदिर के खजाने में हर साल करोड़ों रुपए भी जमा होते हैं। वर्तमान में चिंतामन गणेश मंदिर के पास लड्डू यूनिट है, जहां हाथ से लड्डू बनाए जाते हैं।
लेकिन, यहां रोज लगभग 50 क्विंटल लड्डू ही बन पाते हैं। इसलिए भक्तों के रुझान को देखकर मंदिर प्रशासन ने पट्टाभिराम मंदिर की जमीन का अधिग्रहण किया है। इस जमीन पर लड्डू बनाने की अत्याधुनिक यूनिट स्थापित की जाएगी। ऑटोमेटिक मशीनों से यहां प्रतिदिन 200 से 250 क्विंटल लड्डू प्रसाद तैयार हो सकेंगे। इससे भक्तों को आसानी से मंदिर प्रशासन लड्डू प्रसाद उपलब्ध करा सकेगा।
अंडरग्राउंड रास्ते का काम शुरू
महाकाल मंदिर परिसर में ओंकारेश्वर मंदिर के सामने नवग्रह मंदिर के नीचे से बाहर निकलने के लिए एक अंडरग्राउंड रास्ता बनाया जा रहा है। इससे दर्शनार्थियों की भीड़ अधिक होने पर उन्हें मंदिर से बाहर निकला जा सकेगा और भक्त जल्द दर्शन कर सकेंगे। मंदिर प्रशासन ने इसका मास्टरप्लान तैयार कर लिया है और खुदाई का काम भी शुरू कर दिया है।
इंदौर रोड पर फाइव स्टार होटलें
इंदौर रोड पर अब नामचीन होटलें भी बन सकेंगी। महाकाल लोक बनने के बाद उज्जैन आने वाले लोगों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इसे देखकर कई बड़ी कंपनियां उज्जैन में होटलों के लिए जगह की तलाश में हैं। प्रशासन ने इंदौर रोड पर देवास रोड को जोड़ने वाले रोड के बीच उज्जैन विकास प्राधिकरण की जमीन होटल खोलने के लिए बेचने का निर्णय किया हैं। यहां होटलों के लिए बड़े प्लॉट्स उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे शहर के बाहर ही ट्रैफिक के झंझट से दर्ज रहकर लोग ठहर सकेंगे। फाइव स्टार होटलें भी यहां खुल सकेंगी।
जल्द स्थापित होगी ऑटोमेटिक लड्डू यूनिट
महाकाल मंदिर के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि मांग के मुताबिक, लड्डू प्रसाद तैयार करने के लिए जल्द ही ऑटोमेटिक यूनिट स्थापित की जाएगी।
इसके लिए पट्टाभिराम मंदिर की जमीन का अधिग्रहण विधिवत जिला प्रशासन द्वारा किया जा चुका है। साथ ही नवग्रह मंदिर के नीचे से अंडरग्राउंड एग्जिट रास्ता बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है।