Advice to These Ministers : शिवराज के इन मंत्रियों को बड़े नेताओं ने बंद कमरे में नसीहत दी! 

सलाह दी गई 'फालतू बयानबाजी न करें, कार्यकर्ताओं से तालमेल बढ़ाएं!'

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Advice to These Ministers : शिवराज के इन मंत्रियों को बड़े नेताओं ने बंद कमरे में नसीहत दी! 

Bhopal : चुनाव के लिए बीजेपी ने सत्ता और संगठन में कसावट शुरू कर दी। इसे लेकर बीजेपी ऑफिस में बैठकों का लम्बा दौर शुरू हो गया। भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने सिंधिया समर्थक मंत्रियों को करीब आधे घंटे तक समझाइश दी। उन्होंने इन मंत्रियों को गैरजरूरी बयानबाजी से दूर रहने और चुनावी तैयारियों में जुटने के लिए कहा। बैठक के बाद बाहर निकले गोविंद सिंह राजपूत, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी, राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगांव चुप दिखाई दिए। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जो कहा उसका उसका मतलब कोई नहीं समझा! वे सिर्फ इतना बोले ‘बिजली आई-बिजली गई।’

सिंधिया समर्थक मंत्रियों को भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने पार्टी के कार्यक्रमों के हिसाब से कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए कहा। उनसे स्थानीय स्तर पर बढ़ते गतिरोध को भी कंट्रोल करने, कार्यकर्ताओं से तालमेल बनाने की सलाह दी। शिवप्रकाश ने उनसे अनावश्यक बयानबाजी से बचने की भी सलाह दी। उपचुनाव में जो बूथ हारे थे, उन बूथों पर फोकस करने को भी कहा गया है। इन मंत्रियों को अपने विभागों में होने वाले नवाचारों को भी पब्लिक के सामने प्रचारित करने की सलाह दी गई।

 

सिंधिया समर्थकों पर मंत्री की सफाई

सिंधिया समर्थक मंत्रियों की क्लास लेने के सवाल पर मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि पार्टी की सभी बैठकें निर्णायक होती हैं। शिवप्रकाश जी नेताओं का मार्गदर्शन करते हैं। इसमें कौन सी नई बात है। सिंधिया समर्थक मंत्रियों के सवाल पर उनका कहना था कि भाजपा में कोई किसी का समर्थक मंत्री नहीं होता। सभी भाजपा के कार्यकर्ता होते हैं। जो भी कमजोर सीटें हैं, उन्हें जीतने की तैयारी है।

रामभद्राचार्य जी के भोपाल का नाम बदलने की मांग पर भूपेंद्र सिंह ने कहा कि महाराज जी ने विषय रखा है, तो सरकार उस पर विचार करेगी। ‘पठान’ के विरोध पर उनका कहना था कि मुझे लगता है सेंसर बोर्ड ने फ़िल्म को देख लिया है। सेंसर बोर्ड के देखने के बाद ही फिल्म आई है।

 

बिना बुलाए आने पर उमा भारती की सफाई

उमा भारती मंगलवार को कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने पहुंची थीं। करीब आधे घंटे रुकने के बाद वे चली गईं। इसके बाद सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी कि उमा भारती को बैठक में नहीं बुलाया गया, फिर भी वे पहुंच गईं। इसी बात की जानकारी उन्हें लगी, तो उन्होंने ट्वीट करके सफाई दी।

उन्होंने कहा कि ‘लगता है कि मध्यप्रदेश में 2018 का माहौल आ गया, जब हमारे जैसे लोगों को लेकर झूठी बातें फैलाई जाती थी। मैं मध्य प्रदेश से राष्ट्रीय कार्यसमिति की सदस्य हूं, इस नाते से मैं मध्य प्रदेश की कार्यसमिति की स्थाई आमंत्रित सदस्य हूं, इसलिए मैं कल प्रदेश कार्यसमिति में थोड़ी देर के लिए भाजपा का सम्मान रखने के लिए गई। क्योंकि, यह चुनावी वर्ष है। सोशल मीडिया पर जानबूझकर फैलाया जा रहा है कि मैं बिना बुलाए कार्यसमिति में गई, मैं डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट को आगाह करूंगी कि ऐसी झूठी बातें फैलाने से भाजपा को दुश्मनों की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। आप जैसे लोग ही काफी होंगे। पढ़ लिख कर, समझबूझ कर ही अफवाह फैलाइए, मूर्खता मत करिए।’