Employees Annoyed: चार प्रतिशत DA,पर छह माह का एरियर नहीं, कर्मचारी नाराज
भोपाल: राज्य के कर्मचारियों को प्रदेश सरकार ने चार प्रतिशत अतिरिक्त डीए देने का एलान किया है लेकिन यह बढ़ा हुआ डीए एक जनवरी 2023 से मिलेंगा। लेकिन केन्द्र ने जुलाई 2022 से डीए वृद्धि की है। राज्य के कर्मचारियों को छह माह के एरियर्स देने का कोई एलान राज्य सरकार ने नहीं किया है।
मध्यप्रदेश सरकार ने चुनावी साल में प्रदेश के कर्मचारियों को तोहफा देते हुए उनके महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत इजाफा करने का एलान किया है। वृद्धि के बाद राज्य के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 38 प्रतिशत हो गया है। डीए बढ़ने के बाद भी राज्य के कर्मचारी खुश नहीं है क्योंकि महंगाई भत्ते में वृद्धि की तिथि में केन्द्र और राज्य में छह माह का अंतर है। केन्द्र सरकार जुलाई 2022 से यह बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता दे रही है जबकि राज्य सरकार इसी साल जनवरी 2023 से प्रदेश के कर्मचारियों को इसका लाभ देगी।
मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय तृतीय श्रेणी कर्मचारी संघ के संरक्षक रामनारायण आचार्य ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस पर विरोध दर्ज कराया है। उनका कहना है कि प्रदेश के साढ़े सात लाख कर्मचारियों को जुलाई 2022 से दिसंबर 2022 तक की अवधि के महंगाई भत्ते के एरियर का कोई जिक्र राज्य सरकार ने अपने आदेश में नहीं किया है। राज्य सरकार छह माह का महंगाई भत्ते के एरियर राज्य के कर्मचारियों को देने का इरादा नहीं रखती है। प्रदेश के कर्मचारियों से भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि बढ़ा हुआ डीए जुलाई 2022 से दिया जाए।
तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा केन्द्रय दर और केन्द्रीय तिथि से महंगाई भत्ता देने की बात कई बार कही गई है लेकिन इस बार भी जुलाई 2022 से मिलने वाला महंगाई भत्ता एक जनवरी 2023 से देने के आदेश जारी किए गए है यह न्यायोचित नहीं है। उनका कहना है कि इससे राज्य के प्रत्येक कर्मचारी को छह माह का आर्थिक नुकसान हुआ है। एक ओर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को केन्द्र की तिथि से बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दी जा रही है जबकि प्रदेश के कर्मचारी हर बार ठगा हुआ महसूस करते है। यह प्रदेश के कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात है।
ऐसे बढ़ेगा डीए-
प्रदेश के कर्मचारियों को एक अगस्त 2022 से सातवे वेतनमा नमें 34 प्रतिशत की दर से डीए दिया जा रहा था। अब एक जनवरी 2023 से इसमें चार प्रतिशत इजाफा किया जाएगा। डीए बढ़कर 38 प्रतिशत हो जाएगा। इसमें पचास पैसे अथवा उससे अधिक पैसे को अगले उच्चतर रुपए में पूर्णांकित किया जाएगा। पचास पैसे से कम राशि को छोड़ दिया जाएगा। डीए का कोई भी भाग किसी भी प्रयोजन के लिए वेतन के रुप में नहीं माना जाएगा। राज्य सरकार ने यह निर्देश भी दिए है कि डीए के भुगतान पर किया गया व्यय संबंधित विभाग के चालू वर्ष के स्वीकृत बजट के प्रावधान से अधिक नहीं होना चाहिए।