Bribery Officers Punished : रिश्वत मांगने वाले AGMP के अधिकारियों को कोर्ट ने सजा सुनाई!
दमोह से महेंद्र परिहार की रिपोर्ट
Damoh : विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम डॉ आरती शुक्ला पांडे ने रिश्वत के मामले में तीन आरोपियों को सजा और अर्थदंड सुनाया। घटना के मुताबिक, दमोह के केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य अनूप अवस्थी पिता विजयशंकर अवस्थी ने 5 मई 2016 को लोकायुक्त कार्यालय में उपस्थित होकर पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त को जीएस यादव (सीनियर ऑडीटर, एजी ऑडिट शाखा ग्वालियर) एवं उनके सहयोगी एलके श्रीवास्तव (सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी एजीएमपी ग्वालियर) एवं अशोक पाल (सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी एजीएमपी ग्वालियर) द्वारा रिश्वत मांगने संबंधी आवेदन प्रस्तुत किया था। उक्त आवेदन में प्रार्थी ने बताया कि वह केन्द्रीय विद्यालय दमोह में प्राचार्य के पद पर कार्यरत है।
विद्यालय में महानिदेशक लेखा परीक्षा (केन्द्रीय प्राप्ति) नई दिल्ली के कार्यालय शाखा ग्वालियर से तीन सदस्यीय ऑडिट टीम 2 से 6 मई तक विद्यालय के लेखा परीक्षा के लिए आए थे। टीम के मुखिया जीएस यादव एवं उनके सहयोगियों ने पहले दिन ही हमारे कार्यालय प्रभारी राना उराव से पूछा कि हमारे लिए खानापीना, होटल खर्च के अलावा और क्या व्यवस्था है! राना ने इसकी सूचना मुझे अगले दिन मौखिक रूप दी। उन्होंने बताया कि राना ने उन्हें किसी भी प्रकार की रिश्वत देने से इंकार कर दिया। इस पर जीएस यादव व उनके साथियों ने ऑडिट के लिए मांगे गए सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने के बावजूद अनावश्यक रूप से परेशान करना शुरू कर दिया।
ऑडिट के मुखिया एवं सदस्यों ने अपरोक्ष रूप से विद्यालय के कर्मियों से सुविधा शुल्क के रूप में रिश्वत की मांग शुरू कर दी। इसके बाद 4 मई को जीएस यादव ने मुझसे थोड़ा नर्म होने को कहा। उनसे इसका तात्पर्य पूछने पर उन्होंने मुझसे सीधे ही 20 हजार की रिश्वत की मांग की।
इस पूरी कार्रवाई के बाद आरोपी जीएस यादव, सीनियर ऑडीटर, एजी ऑडिट शाखा ग्वालियर के द्वारा रिश्वत माँग किया जाना प्रथम दृष्टया पाए जाने पर एवं आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्रों के आधार पर आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई के दौरान अभियोजन द्वारा दस्तावेजी साक्ष्य एवं मौखिक साक्ष्य व तर्क कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए। अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए कोर्ट ने आज 21 फरवरी को पारित निर्णय में आरोपी जीएस यादव, एलके श्रीवास्तव और अशोक पाल को दोषी पाते हुए 4-4 साल की सश्रम कारावास और 14-14 हजार के अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन की तरफ से पैरवी विशेष लोक अभियोजक अनंत सिंह ठाकुर ने की।