ED Tightened The Screws :35 हजार की शर्ट, 125 करोड़ी इंजीनियर की करप्शन कथा!
अवैध तरीके अकूत दौलत कमाने वाले झारखंड के रूरल वर्क्स डिपार्टमेंट के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को गुरुवार को जेल भेज दिया। वीरेंद्र राम को पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने ईडी की दरख्वास्त पर उनसे पूछताछ के लिए 24 फरवरी से पांच दिनों की रिमांड मंजूर कर ली है। वीरेद्र राम के ठिकाने पर ईडी की टीम ने लगातार दो दिन छापेमारी की थी। इसमें करीब 1.50 करोड़ के जेवरात, 25 लाख रुपये नगद, एक दर्जन लग्जरी वाहन मिले थे। नौकरशाहों और नेताओं के करीबी माने जाने वाले वीरेंद्र राम के पास 125 करोड़ से अधिक की संपत्ति की जानकारी ईडी को मिली। ईडी की टीम मंगलवार सुबह वीरेंद्र राम के कचहरी चौक के पास अभियंत्रण भवन में स्थित कार्यालय, अशोकनगर सहित वीरेंद्र राम से जुड़े रांची, जमशेदपुर, दिल्ली, सिवान, सिरसा के 24 ठिकानों पर दबिश दी थी। ईडी को वीरेंद्र राम के पास अकूत संपत्ति की जानकारी मिली थी। इसके बाद ईडी मनी लॉड्रिग के आरोप में छापेमारी के बाद हिरासत में लेकर पूछताछ की। बुधवार देर रात वीरेंद्र राम को गिरफ्तार कर लिया गया।
15 नवम्बर 2019 को सरायकेला के ग्रामीण विकास विभाग के जेई सुरेश प्रसाद वर्मा के डिमना चौक स्थित आनंद विहार कॉलोनी स्थित घर से एसीबी की टीम ने 2.45 करोड़ रुपए जब्त किया था। इसके अलावे आभूषण और निवेश से संबंधित कागजाता भी मिले थे। जमशेदपुर एसीबी की टीम ने ठेकेदार विकास कुमार शर्मा से 10 हजार रुपए घूस लेते जेई सुरेश प्रसाद वर्मा को पकड़ा था। पूछताछ में सुरेश ने बताया था कि पहली मंजिल के कमरे वीरेंद्र राम को किराए पर दे रखे हैं। रुपए वीरेंद्र के हैं। एसीबी की टीम ने उस कमरे में रहने वाले आलोक रंजन को भी पकड़ा था, जो खुद को वीरेंद्र का भतीजा बताया था. हालांकि जांच में यह बात सामने आई कि आलोक रंजन ने किराए पर मकान लिया था. आलोक को किराए पर वीरेंद्र राम ने ही रखवाया था। इस मामले में ईडी ने 2020 में सुरेश प्रसाद वर्मा और आलोक रंजन पर केस दर्ज किया था। एसीबी ने सुरेश प्रसाद और आलोक रंजन के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था, इसी आधार पर ईडी ने मनी लॉड्रिग के तहत मामला दर्ज किया था।
ईडी को छानबीन में यह भी जानकारी मिली है कि वीरेद्र राम नौकरशाहों और नेताओं के भी काले धन का निवेश करता था। रसूखदारों के करीबी माने जाने वाले वीरेंद्र राम की पत्नी फुलकुमारी राम 2019 में जुगसलाई और कांके विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती थी। हालांकि 2019 में ही एसीबी का छापा के बाद 2.45 करोड़ रुपये बरामदगी के बाद गंभीर आरोप के वजह से टिकट कट गया। ऊपर तक पहुंच रखने वाले वीरेंद्र राम एक ही पद पर करीब आठ वर्षों तक जमे रहे। इसी वर्ष जनवरी में ग्रामीण विकास विभाग का मुख्य अभियंता बनाया गया था। ईडी जांच में वीरेंद्र राम के पॉलिटिकल कनेक्शन के बारे में भी जानकारी मिली है।
अलग-अलग बैंक खातों से जमा हुए करोड़ों रुपये
जांच में पाया गया है कि आरके इन्वेस्टमेंट और आरपी इन्वेस्टमेंट एंड कंसल्टेंसी के खातों से पैसे आए थे। ईडी ने दोनों फर्म के संचालक राजेश कुमार केडिया और रीना पाल का भी बयान दर्ज किया है। दोनों ने बताया है कि उनके बैंक खातों का संचालन सीए मुकेश मित्तल करते हैं। उन लोगों को यह जानकारी नहीं है कि उनके खातों के जरिए पैसे क्रेडिट हुए हैं।
इनकम टैक्स रिटर्न में भी आय की जानकारी नहीं
ईडी ने पाया कि वीरेंद्र की पत्नी राजकुमारी देवी ने कई महंगी गाड़ियों व अचल संपत्ति की खरीद की थी। इसका जिक्र आयकर रिटर्न में भी नहीं था। राजकुमारी देवी ने बताया है कि उनके खातों में पति ने पैसे डलवाए इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी। वहीं वीरेंद्र राम ने स्वीकार किया कि ठेके में कंपनियों से वह 0.3 फीसदी कमीशन लेते थे। कमीशन की राशि उन्होंने कई बड़े नौकरशाहों, बड़े नेताओं और उनके रिश्तेदारों को भी दी।
अब तक क्या-क्या हुआ जब्त
40 लाख कैश, 1.52 करोड़ के जेवरात। बेटे आयुष के नाम पर खरीदी गई टोयटा फॉर्च्यूनर, ऑडी एजी, मेसर्स परमानंद सिंह बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड की फॉर्च्यूनर सिग्मा 4, पत्नी राजकुमारी के नाम पर ऑडी ए 6 35 टीडीआई, पनामति देवी के नाम की स्कोडा सुपर्व, मेसर्स राजेश कुमार कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड की इनोवा, गुमला के अंकित साहू की टोयटा। ईडी ने वीरेंद्र राम के भतीजे आलोक रंजन से भी लंबी पूछताछ की है। वीरेंद्र राम की काली कमायी की देखरेख आलोक ही करता था। गौरतलब है कि साल 2019 में एसीबी जमशेदपुर ने जब वीरेद्र राम के मातहत अभियंता सुरेश कुमार वर्मा को गिरफ्तार किया था, तब सुरेश के घर के एक कमरे से 2.67 करोड़ मिले थे।
वीरेंद्र राम पर लटकी निलंबन की तलवार
वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी की आधिकारिक सूचना ईडी से मिलते ही सरकार वीरेंद्र राम के नियमानुसार निलंबन की प्रक्रिया शुरू करेगी।
कब, कहां खरीदी अचल संपत्ति
● 2023 दिल्ली के छतरपुर में पिता के नाम पर जमीन
● 2019 डिफेंस कॉलोनी में पत्नी के नाम पर फ्लैट
● 2019 खुद के नाम पर जमशेदपुर में डुप्लेक्स
● 2015 दिल्ली के साकेत में मकान
● 2006 रांची के पिठौरिया में जमीन का प्लॉट
● 2003 जमशेदपुर में खुद के नाम पर डुप्लेक्स