Minor’s Release Order : दुष्कर्म के नाबालिग आरोपी को SC ने रिहा करने के आदेश दिए!
मनावर से स्वप्निल शर्मा की रिपोर्ट
Manawar : नगर में पांच साल पहले जिस नाबालिग ने दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या की थी, उसे सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने के आदेश दिए। यह नाबालिग पांच साल से जेल में था। हाईकोर्ट के आदेश से सजा भुगत रहे इस नाबालिग को लेकर वकील अमित दुबे ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसमें आरोपी की उम्र को लेकर सवाल उठाए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने वर्तमान मनावर एडीजे को आरोपी की सही उम्र का पता लगाने के निर्देश दिए थे। जांच में नाबालिग की उम्र सही पाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को तत्काल रिहा करने के आदेश दिए। क्योंकि, नाबालिग होने के कारण आरोपी को अधिकतम तीन साल की ही सजा दी जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 36 पेज के फैसले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए। कहा गया कि आरोपी की उम्र की पुष्टि किए बिना ही उसे बालिग बताकर न्यायालय में पेश किया गया था। आरोपी ने दिसंबर 2017 में वारदात को अंजाम दिया गया था। उस समय पुलिस ने आरोपी की उम्र 19 साल बताकर उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। इसीलिए एडीजे कोर्ट मनावर ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने भी इस फैसले को यथावत रखा था।
आरोपी के वकील अमित दुबे ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसमें आरोपी की उम्र को लेकर सवाल उठाए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने मनावर के वर्तमान एडीजे को आरोपी की सही उम्र का पता लगाने के निर्देश दिए थे।
इस पर स्कूल प्रमाण पत्रों के आधार पर जांच में पता लगा कि आरोपी की घटना के वक्त सही उम्र 15 साल 5 माह थी। लेकिन, पुलिस ने आरोपी की उम्र 19 साल बताकर उसे सजा दिलाने की जल्दबाजी की थी। आरोपी 5 साल से जेल में होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने उसे तुरंत रिहा करने के आदेश दिए। इस समय आरोपी की उम्र 20 साल से ज्यादा होने के कारण अब उसे किशोर न्यायालय में भी नहीं रखा जा सकता।