Meerut : UP के मेरठ में पावर कॉरपोरेशन (Power Corporation) के चीफ इंजीनियर देवेंद्र पचोरिया को विजिलेंस टीम ने 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। विद्युत निगम का यह चीफ इंजीनियर दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट (Delhi Meerut Rapid Rail Project) में बिजली लाइन शिफ्टिंग के रूट मैप हैंडओवर के बदले में 12 लाख की रिश्वत NCRTC के कॉन्ट्रेक्टर से मांग रहा था। विजिलेंस टीम तक इसकी शिकायत पहुंची और टीम ने चीफ इंजीनियर को रिश्वत लेते पकड़ लिया।
विद्युत लाइन शिफ्टिंग का काम चंडीगढ़ की कंपनी कर रही है। देवेंद्र पचोरिया को सिविल लाइन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। रैपिड रेल के लिए विद्युल लाइन शिफ्टिंग का काम चंडीगढ़ की कंपनी कर रही है। कंपनी के CMD कुलबीर साहनी से आरोपी देवेंद्र ने रिश्वत मांगी थी। साहनी ने बताया कि उनके पास NCRTC का मुरादनगर से मेरठ तक बिजली लाइन शिफ्टिंग का काम है। इसकी निगरानी केंद्र सरकार कर रही है। इस काम में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों ने पैसा दिया है। उन्होंने बताया कि हमने मोदीनगर, मुरादनगर, शताब्दीनगर, मेरठ और मोदीपुरम तक विद्युल लाइन शिफ्टिंग का काम पूरा कर लिया है। इस काम में करीब 19 करोड़ रुपए लागत आई है।
उन्होंने बताया कि देवेंद्र पचोरिया लगभग दो माह पहले ही मेरठ आए हैं। उन्होंने आते ही इंजीनियर से MD का फोन नंबर मांगा। इसके बाद उन्होंने मुझे फोन किया और मिलने के लिए कहा। आरोप है कि देवेंद्र पचोरिया ने रैपिड रेल प्रोजेक्ट में बिजली लाइन शिफ्टिंग के रूट मैप हैंडओवर करने के बदले में 12 लाख की डिमांड की। रूपए न देने पर देवेंद्र करीब 2 महीने से काम में बाधा डालते रहे, इस कारण NCRTC के Project में देरी हुई।
कुलबीर साहनी ने पावर कॉरपोरेशन (Power Corporation) के सीनियर अफसरों से इसकी शिकायत की। इसके बाद विजिलेंस टीम के प्लान के मुताबिक कॉन्ट्रेक्टर ने देवेंद्र पचोरिया को 2 लाख रुपए देने के लिए गुरुवार को बुलाया। जैसे ही देवेंद्र ने काॅन्ट्रेक्टर से रुपए लिए, विजिलेंस टीम ने उन्हें रंगेहाथों पकड़ लिया।