गर्मी से पहले पॉवर लोड की आशंका से बेचैन हुए बिजली अफसर
भोपाल
प्रदेश में इस साल गर्मी अधिक पड़ने की आशंका ने ऊर्जा विभाग के अफसरों को बेचैन कर दिया है। चुनावी साल में बिजली गुल होने का सीधा असर अफसरों को डांट दिलाने वाला होगा, इसे देखते हुए ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने अभी से तीनों ही विद्युत वितरण कम्पनियों और पावर मैनेजमेंट समेत ट्रांसमिशन कम्पनियों को एलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। इन अफसरों से कहा गया है कि गर्मी के दौर में अप्रैल एवं मई माह में मध्यप्रदेश में विद्युत की मांग 13800 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना है। इसलिए अभी से तैयारी करें और बिजली संकट की स्थिति सामने नहीं आने दें।
प्रमुख सचिव ने बिजली अफसरों से कहा है कि राज्य शासन की मंशानुसार घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे बिजली देना तय करें। प्रमुख सचिव ने ताप, जल विद्युत उत्पादन के साथ गैर पारम्परिक विद्युत उत्पादन की स्थिति की समीक्षा भी की है। उन्होंने कहा कि अप्रैल एवं मई माह में ताप विद्युत के साथ जल एवं गैर पारम्परिक विद्युत उत्पादन का समुचित उपयोग किया जाए। मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत इकाइयों से भरपूर विद्युत उत्पादन करने के निर्देश दिए गए हैं।
साथ ही ताप विद्युत इकाइयों में कोयले की उपलब्धता सुनिश्चति करने को कहा गया है। ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन प्रणाली को तकनीकी रूप से दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं। यह भी कहा गया है कि प्रदेश के किसी भी हिस्से में वोल्टेज की समस्या न रहे और सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली प्रदाय सुनिश्चित किया जाए। बैठक में ग्रिड अनुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए गए। विद्युत वितरण कंपनियों को निर्देशित किया गया है कि खराब ट्रांसफार्मर त्वरित रूप से बदले जाएं और इसके लिए अतिरिक्त ट्रांसफार्मर का प्रबंधन मैदानी इलाके में किया जाए।