Siberian Ducks: गर्मी की आहट सुनते ही उड़ चले साइबेरियन डक

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गर्मी की आहट सुनते ही उड़ चले साइबेरियन डक

स्वदेश कुमार सिलावट की खास रिपोर्ट

आज सुबह भोपाल में घूमने के दौरान मैंने आकाश में जब नजर उठाई तो साइबेरियन डक (बत्तख) जिन्हें पुराने लोग मुर्गाबी भी कहते हैं, अपनी मंजिल की ओर उड़ते हुए दिखाई दिए। कतार बंद उड़ते हुए यह साइबेरियन पक्षी मनोहारी आकृति बना रहे थे। इस आकृति बनाने के पीछे इनका उद्देश्य यह रहता है कि जो पक्षी दिशा का ज्ञान रखता है वह बारी-बारी से आगे आकर टीम का नेतृत्व करता है। एक के पीछे एक उड़ने का कारण यह है कि आगे के पक्षी द्वारा काटी गई हवा के पीछे चलने वाले पक्षी को उड़ने में सहूलियत होती है। जिससे यह पक्षी एक बार में हजारों किलोमीटर का सफर तय कर लेते हैं। आखिर इनकी मंजिल भी तो रसिया का साइबेरियन प्रांत है।

जब साइबेरियन में गर्मी प्रारंभ होती है तब यह पक्षी उड़कर हमारे भारत देश के विभिन्न जल संरचनाओं में पहुंच जाते हैं। यहां पर प्रजनन एवं बच्चों का पालन पोषण करने के पश्चात जब भारत में गर्मी प्रारंभ होने लगती है तब यह पक्षी उड़ कर अपने मूल स्थान साइबेरियन की ओर चल देते हैं।

इस लंबे एवं कठिन सफर के दौरान यह पक्षी कई पहाड़ों, जंगलों यहां तक कि हिमालय को भी पार करेंगे। किंतु अपने मूल गंतव्य की ओर लौटने की चाहत इन्हें यह सब करवाती है। इस दौरान इन पर ना जाने कितने शिकारी पक्षियों का हमला होगा। इस हमले में कई पक्षी मारे भी जाएंगे। जो बचेंगे वह अपने मूल गंतव्य स्थल पर पहुंचेंगे। गंतव्य स्थल पर पहुंचने वालों की संख्या भी लाखों-करोड़ों में होगी। ना जाने कितने सदियों से इन पक्षियों का यह प्रवास निरंतर जारी है। यह प्रवास ही तो इन्हें ऊर्जा,संरक्षण और जनसंख्या वृद्धि में मदद करता है।