The Kovelex Initiative : इंदौर की स्वास्थ्य सेवाओं को केन्या के दल ने देखा और सराहा!

प्रोजेक्ट में देश के 5 शहरों में इंदौर भी शामिल, जहां कोविड वैक्सीनेशन की समीक्षा की गई!

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The Kovelex Initiative : इंदौर की स्वास्थ्य सेवाओं को केन्या के दल ने देखा और सराहा!

Indore : ‘द कोवेलेक्स इनिशिएटिव’ एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जो USAID द्वारा वित्त पोषित एवं PSI का फ्लैगशिप प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट का मकसद ‘कोविड-19 वैक्सीनेशन’ की रणनीति एवं ‘कोविड-19’ का प्रबंधन तथा स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित व्यवहारों एवं ज्ञान को साझा करना है। इसके अंतर्गत भारत के पांच शहरों अहमदाबाद, भुवनेश्वर, दिल्ली, इंदौर और मुंबई को चुना गया है। साथ ही इसमें 10 देशों नेपाल, विएतनाम, कंबोडिया, बांग्लादेश, साउथ अफ्रीका, नाइजीरिया, इथोपिया, मलाबी, युगांडा एवं केन्या की सहभागिता है। इस पहल का मकसद नॉलेज शेयरिंग एवं लर्निंग के प्लेटफार्म को साझा करना तथा लोक स्वास्थ्य की चुनौतियों को समझना है।
इस संदर्भ में केन्या का प्रतिनिधि मंडल दो दिन के प्रवास पर इंदौर आया। इस प्रतिनिधि मंडल मे डॉ जूडिथ, डॉ मेरीबेय एवं डॉ जेम्स उपस्थित थे। प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने इस क्षेत्र की गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। इस दल ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खजराना, मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक नायता मुड़ला का भ्रमण भी किया। यहां पर शहरी स्वास्थ्य केन्द्र की कार्य प्रणाली, एप्प पर आधारित सेवाओं, आशा कार्यकर्ता की कार्य प्रणाली, महिला आरोग्य समिति की भूमिका को जाना।
कोविड वैक्सीनशन को सफलता कैसे मिली
डॉ तरूण गुप्ता ने कोविड वैक्सीनेशन की सफलता की कहानी बताते हुए कहा कि इंदौर ने 3462820 प्रथम डोज एवं 3196204 द्वितीय तथा 507796 प्रीकॉशन डोज लगाए गए। इंदौर ने 21 जून को सर्वाधिक डोज लगाकर देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस लक्ष्य को पाने के लिए एक मजबूत कार्य प्रणाली बनाई गई थी। जिसमें टीकों की उपलब्धता, कोल्ड चैन, मानवीय संशोधन, आईईसी तथा आम जनता की सुलभ पहुँच तक बनाए वैक्सीन सेंटर शामिल है। इसमें व्यापारिक संगठनों, एनजीओ, निजी चिकित्सा संस्थानों का सहयोग तथा जिला प्रशासन का प्रभावी नेतृत्व सम्मलित है। उम्र और व्यक्ति की सुविधाओं को देखते हुए वैक्सीनेशन का समय तथा पहुंच सुनिश्चित की गई। प्रस्तुतिकरण को केन्या के दल ने सराहा तथा अपनी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। डॉ जैम्स ने केन्या की स्वास्थ्य सेवाओं, कोविड संक्रमण से बचने की रणनीति तथा वैक्सीनेशन प्रणाली से अवगत करवाया।
केन्या के दल ने क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं इंदौर के डीन डॉ संजय दीक्षित, संयुक्त संचालक डॉ जीएल सोढी, संयुक्त संचालक डॉ हेमंत कुमार गुप्ता, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पूर्णिमा गाडरिया, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ तरूण गुप्ता, जिला विस्तार एवं माध्यम अधिकारी मनीषा पंडित, जिला ऐपिडिमियोलॉजिस्ट डॉ अंशुल मिश्रा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक महेश साहू, जिला सहायक कार्यक्रम प्रबंधक विनय पांडे, डब्ल्यूएचओ, पीएसआई तथा नीति आयोग के प्रतिनिधियों तथा केन्या के प्रतिनिधि मंडल ने स्वास्थ्य संबंधित व्यवहार तथा ज्ञान का अदान-प्रदान किया।
इंदौर की शहरी स्वास्थ्य संस्थाओं कोविड-19 की रणनीति एवं कोविड संक्रमण के सर्वाधिक रक्षात्मक उपाय, कोविड वैक्सीनेशन पर जिले के प्रस्तुतिकरण को केन्या के दल ने सराहा। डॉ पूर्णिमा गाडरिया द्वारा शहर के स्वास्थ्य ढांचे की संचालित किए जा रहे एप्प एवं रेफरल सिस्टम तथा विभिन्न स्तरों पर संचालित की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं एवं सुविधाओं की जानकारी दी गई।

डॉ अंशुल मिश्रा ने कोविड संक्रमण के दौरान जिले में उपलब्ध संशोधनों का अधिकतम उपयोग किस तरह किया, इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोविड कंट्रोल रूम, कोविड केयर सेंटर, मोबाईल टीम, आरआरटी, कोन्टेक्ट ट्रेसिंग, सेम्पलिंग, डॉक्टरों की टीम, क्वारंटाईन सेंटर, होम आईसोलेशन, एंबुलेंस, लिक्विड ऑक्सीजन, पब्लिक हेल्थ गाईड लाईन, आईईसी, जिला आपदा प्रबंधन समिति पर विस्तार से प्रकाश डाला।
सेंटर्स का दौरा किया
इस दल ने बजरंगपुरा आंगनवाडी में UHND सेशन को देखा। इस अवसर पर एएनएम किरण बामने, आशा कार्यकार्ता अनिता एवं शीला से UHND पर प्रदान की जाने वाली सेवाओं एएनसी चेकअप, वैक्सीनेशन, एमसीपी कार्ड पोषण परामर्श, स्तनपान एवं पूरक आहार के बारे में जाना, साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बाणगंगा मे मॉडल वैक्सीनेशन सेंटर एवं अन्य सेवाओं की जानकारी भी ली। जिला अस्पताल मे वैक्सीन स्टोर में टीकों को सुरक्षित रखने के लिए ई-वीन प्रणाली को भी जाना।