सतपुड़ा के घने ऊंघते और अनमने से जंगलों में टाइगर का रौद्र रूप!

होमगार्ड के डायरेक्टर जनरल पवन जैन (आईपीएस) की सैर का अनुभव

1227

सतपुड़ा के घने ऊंघते और अनमने से जंगलों में टाइगर का रौद्र रूप!

देश के सर्वाधिक रमणिक वनों में शुमार ‘सतपुडा टाइगर रिज़र्व’ की चूरना रेंज में बुधवार को टाइगर रुद्र का रौद्र रूप और तेंदुआ का अलमस्त रुप देखने को मिला। प्रख्यात पक्षी विशेषज्ञ डॉ सलीम अली के शब्दों में ‘सतपुडा के जंगल दुर्लभ वन्य प्राणियों के दर्शन और बर्ड वॉचिंग के लिए पर्यटकों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है!’

WhatsApp Image 2023 03 30 at 1.16.51 PM

पचमढ़ी की इन वादियों के राष्ट्रीय उद्यान का इलाका बेहद ऊबड़-खाबड़ है। इसमें बलुआ पत्थर की चोटियाँ, संकरी घाटियां, खड्ड और घने जंगल हैं। जिनकी ऊंचाई 300 से 1,352 मीटर (984 से 4,436 फीट) तक है। इसमें धूपगढ़ शिखर 1,350 मीटर (4,430 फीट) जितना ऊंचा है और चूरना के मैदान समतल हैं।
राष्ट्रीय उद्यान का निकटतम शहर कस्बा पचमढ़ी और रेलवे स्टेशन पिपरिया है जो करीब 55 किलोमीटर है। भोपाल से यह सुरम्य वादियां 210 किलोमीटर है।

 

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान जैव विविधता के लिए भी समृद्ध है। यहाँ के जानवरों में तेंदुआ, सांभर, चीतल, भारतीय मंटजेक , नीलगाय, चार सींग वाला मृग, चिंकारा, जंगली सूअर, भालू, काला हिरण, लोमड़ी, साही, उड़ने वाली गिलहरी, माउस हिरण और विशाल गिलहरी भी देखी जाती है।

WhatsApp Image 2023 03 30 at 1.16.48 PM 1

तरह-तरह के पक्षी यहां कलरव करते हैं। हार्नबिल और मोर यहाँ पाए जाने वाले सामान्य पक्षी हैं। वनस्पतियों में मुख्य रूप से होते हैंसाल, सागौन, तेंदू, फाइलेन्थस एम्ब्लिका, महुआ, बेल, बांस और घास जैसे औषधीय पौधे भी हैं।
पिछले सालों में बाघ, ढोल, भारतीय गौर और बारहसिंघा के दर्शन भी हुए, लेकिन यह दुर्लभ प्राणी हैं। अभी तो यहां टाइगर रुद्र का रौद्र रूप और तेंदुआ का अलमस्तता को देखना हो तो सतपुड़ा के टाइगर रिजर्व फारेस्ट में आपका स्वागत है।

WhatsApp Image 2023 03 30 at 1.16.49 PM