Long Time Investment Scheme:NPS से पैसे निकालने के नियमों में बदलाव
रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को एक शानदार ऑप्शन माना जाता है. ये एक लॉन्ग टाइम इन्वेस्टमेंट स्कीम है. नौकरीपेशा लोग नौकरी के दौरान इस स्कीम में पैसा जमा करते हैं, जो रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में मिलती है.
इस स्कीम से पैसों की निकासी के नियमों में बदलाव हुआ है. पेंशन फंड रेगुलेटरी और डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने इस बारे में सब्सक्राइबर्स को सूचित भी कर दिया है. अब पेंशन कॉर्पस को निकालने से पहले सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी (CRA) पर कुछ डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने होंगे.
डॉक्यूमेंट्स अपलोड करना अनिवार्य
NPS से पैसों की निकासी के नए नियम इस स्कीम से बाहर निकलने वाले ग्राहकों के लिए वार्षिक पेमेंट को तेज और आसान बना देंगे. निकासी से जुड़े नए नियम एक अप्रैल 2023 से लागू हो चुके हैं. देश में पेंशन सिस्टम को रेगुलेट करने वाली अथॉरिटी PFRDA ने पहले कहा था कि ग्राहकों के फायदे और सालाना इनकम के समय पर भुगतान के लिए एक अप्रैल 2023 से डॉक्यूमेंट्स को अपलोड करना अनिवार्य होगा.
इन कागजात की पड़ेगी जरूरत
डॉक्यूमेंट्स के रूप में एक ग्राहक को निकासी फॉर्म, निकासी अनुरोध में बताए गए पहचान और निवास का प्रमाण पत्र. इसके अलावा बैंक अकाउंट की डिटेल और परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) कार्ड की कॉपी लगानी होगी.
जनवरी से बदले हैं आंशिक निकासी के नियम
इससे पहले एक जनवरी 2023 से आंशिक निकासी को लेकर पेंशन फंड रेगुलेटरी और डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने नए नियम लागू किए थे. PFRDA ने केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को एक जनवरी 2023 से अपने संबंधित नोडल कार्यालयों के माध्यम से आंशिक निकासी आवेदन जमा करने को कहा है. PFRDA ने कोविड महामारी के दौरान निवेशकों को सेल्फ डिक्लेरेशन तहत आंशिक निकासी की अनुमति दी थी. NPS में निवेश करने वाला पूरे टेन्योर के दौरान सिर्फ तीन बार की आंशिक निकासी कर सकता है.
टैक्स डिडक्शन का लाभ
NPS में 18 साल से लेकर 60 साल की उम्र तक के लोग निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. ये स्कीम सीधे तौर पर सरकार से जुड़ी है. NPS में निवेशक को 80C के तहत डिडक्शन का लाभ मिलता है. इसके अलावा 80CCD के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये तक की Income Tax छूट भी मिलती है. NPS में जमा निवेशक को दो तरह से मिलते हैं.
दो तरह से निकाल सकते हैं पैसा
पहला ये कि आप जमा रकम का सीमित हिस्सा एक ही बार में निकाल सकते हैं, जबकि दूसरा हिस्सा पेंशन के लिए जमा होगा. इस राशि एन्युटी खरीदी जाती है. एन्युटी खरीदने के लिए जितनी अधिक रकम आप छोड़ेंगे रिटायर होने के बाद आपको उतनी अधिक पेंशन मिलेगी. लेकिन एन्युटी से होने वाली कमाई पर आपको टैक्स देना पड़ता है.