Atiq & Ashraf Murder Case : अतीक की हत्या में तीन हत्यारों के अलावा दो अज्ञात भी शामिल!

तीनों आरोपियों के बयानों में विरोधाभास, पुलिस को इनका इस्तेमाल होने का संदेह!

1949

Atiq & Ashraf Murder Case : अतीक की हत्या में तीन हत्यारों के अलावा दो अज्ञात भी शामिल!

Prayagraj : अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद के भाई की हत्या के दौरान हुई गोलीबारी की घटना में ANI का एक पत्रकार और यूपी पुलिस का एक सिपाही भी घायल हुआ है। इस घटना से पूरे शहर में जो कोहराम मचा था उसका असर अभी भी देखा जा रहा है। बताया गया कि माफिया डॉन की हत्या करने वाले तीनों शूटर रेलवे स्टेशन के पास होटल में रुके थे। पुलिस होटल का सर्च ऑपरेशन कर CCTV खंगाल रही है।

इस हत्याकांड में तीन हत्यारों के अलावा दो मास्टरमाइंड का भी सुराग मिला है। दो अज्ञात लोगों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या में दर्ज एफआईआर में 5 लोग हैं। तीन पकड़ाए हत्यारों के अलावा दो अज्ञात भी हैं, जिनके नाम सामने नहीं आए! इस घटना के बाद मुख्यमंत्री आवास सहित सभी मंत्रियों सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है।

पुलिस के हवाले से मिली खबर के मुताबिक, अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपियों के बयानों में विरोधाभास है। तीनों को आमने-सामने बैठाकर भी पूछताछ हो रही है। तीनों ने कहा कि उन्हें अपने किए का कोई अफसोस नहीं। पुलिस को शक है कि किसी माफिया के गुर्गों ने शूटर्स को हथियार मुहैया करवाकर ये हत्या करवाई है। तीनों से पूछताछ में ऐसे संकेत मिले हैं। उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक की हत्या का प्लान बनाया गया होगा। इसी माफिया ने हत्याकांड के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया करवाया।

यूपी पुलिस के वरिष्ठ सूत्र के मुताबिक अतीक अहमद उसके भाई अशरफ की हत्या में ZIGANA मेड पिस्टल का इस्तेमाल हुआ है। यह तुर्की मेड पिस्टल होती है, जो क्रॉस बॉर्डर से अवैध तरीके से भारत लाई जाती है। सूत्रों के मुताबिक ये पिस्टल ड्रान के मार्फत से पाकिस्तान से भारत आती रही है। मूसेवाला हत्याकांड में भी क्रॉस बॉर्डर से आई इसी तुर्की मेड पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था।

मामले का सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि घटना को अंजाम देने वालों में न रहम है और न इंसानियत है, वे हत्या के एक्सपर्ट थे। हाथ नहीं हिल रहा,आंखे निशाने पर थी। यह कोल्ड ब्लडेड घटना है। इसमें कौन लोग है, जो पुलिस और मीडिया की मौजूदगी में इस तरह की घटना को अंजाम देते है। सुप्रीम कोर्ट मामले का संज्ञान ले और जांच टीम बनाई जाए जिसमें जांच टीम में यूपी का कोई ऑफिसर शामिल न हो!