एग्रीकल्चर प्रोग्रेस रिपोर्ट तैयार करने गिरदावरी कराएगा विभाग, कलेक्टरों को निर्देश
भोपाल: किसानों की फसलों को ओले से हुए नुकसान की भरपाई के लिए फसल बीमा का लाभ दिलाने, प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति की रिपोर्ट देने और बैंकों व शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए रबी 2023 की गिरदावरी रिपोर्ट 10 मई तक तैयार कराने के निर्देश कलेक्टरों को दिए गए हैं। इसको लेकर 20 मई तक सभी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और इसके बाद फसल उत्पादन और नुकसान की स्थिति की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों आयुक्त भू-अभिलेख (सीएलआर) द्वारा वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ली गई बैठक में कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि सभी जिले तहसीलदारों को पत्र जारी कर 2023 की गिरदावरी का जारी कार्य 10 मई 2023 तक पूर्ण कराने को कहें। सीएलआर के निर्देश के बाद कलेक्टरों ने इसके लिए तहसीलदारों से अगले बीस दिन में गिरदावरी का काम पूरा कराने के लिए कहा है। बताया जाता है कि सीएलआर ने यह भी निर्देश दिया है कि अधिक से अधिक किसानों का एमपी किसान एप में पंजीयन कराना है तथा एमपी किसान एप में खाता एवं फसल जोड़ने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित कराने हैं। तहसीलदारों को किसान द्वारा गिरदावरी दर्ज कराने की समयसीमा 10 मई 2023 तक है। इसके बाद पटवारियों द्वारा गिरदावरी पूर्ण करने का काम किया जाएगा। इस पर आपत्ति लेने के लिए समय सीमा 15 मई तक तय की गई है। फिर तहसीलदार, नायब तहसीलदार आपत्ति का निराकरण 20 मई 2023 तक करेंगे। वरिष्ठ कार्यालय द्वारा 20 मई के बाद गिरदावरी डेटा को लॉक कर दिया जाएगा।
सारा एप के माध्यम से होगा काम
सरकार ने यह काम किसानों और पटवारियों से कराने के लिए सारा (स्मार्ट एप्लीकेशन फॉर रेवेन्यू एडमिनिस्टेÑशन) एप तैयार कराया है। इसमें किसान अपने स्तर पर ही गिरदावरी रिपोर्ट अपलोड कर सकते हैं। उनके अपलोड न करने की दशा में पटवारी यह काम पूरा करेंगे। गिरदावरी शुरू किए जाने पर विभाग इसकी टॉप टेन और बाटम टेन के आधार पर जिलों की रैंकिंग भी करेगा।