समयावधि में ACR नहीं लिखने वाले लापरवाह अफसरों पर होगी कार्यवाही

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Finance Department Issued Orders

समयावधि में ACR नहीं लिखने वाले लापरवाह अफसरों पर होगी कार्यवाही

भोपाल: प्रदेश के सरकारी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय चरित्रावली लिखने के लिए तय समयसीमा में काम नहीं करने वाले अफसरों का उत्तदायित्व भी तय किया जाएगा और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जाएगी और दोषी अफसरों की सीआर में भी इसे दर्ज किया जाएगा।

सामान्य प्रशासन विभाग ने शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को फार्म उपलब्ध कराए जाने के लिए तीस अप्रैल की तारीख तय की है। सेल्फ असिसमेंट के लिए 30 जून, प्रतिवेदक अधिकारी द्वारा गोपनीय प्रतिवेदन में मतांकन के लिए 31 अगस्त और समीक्षक अधिकारी द्वारा प्रतिवेदन में मतांकन करने के लिए तीस सितंबर की समयसीमा तय की है। स्वीकार कर्ता अधिकारी द्वारा गोपनीय प्रतिवेदन में मतांकन के लिए 30 नवंबर की समयसीमा तय की गई है। सभी स्तरों से अंतिम रुप से मतांकन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर रहेगी। सभी एसीआर संधारण विभाग के संरक्षण में संधारित की जाएगी।

सेल्फ असेसमेंट प्रस्तुत होंने की तिथि में वृद्धि होंने से उतने ही दिनों की सभी स्तरों पर वृद्धि होगी लेकिन अंतिम तिथि 31 दिसंबर ही रहेगी।

स्वमूल्यांकन प्रस्तुत करने के लिए अंतिम तिथि तीस जून रहेगी। सभी स्तरों से मतांकन पूर्ण करने के लिए तीस नवंबर समयसीमा रहेगी। यदि संबंधित अधिकारी कर्मचारी स्वमूल्यांकन तीस जून तक प्रस्तुत नहीं किया तो इसे समय बाधित माना जाएगा औनर उसके गोपनीय प्रतिवेदन पर इसकी सील भी अंकित की जाएगी और प्रतिवेदक अधिकारी गोपनीय प्रतिवेदन बिना स्वमूल्यांकन कर लिखेंगे। संबंधित अधिकारी और कर्मचारी के स्वमूल्यांकन समय पर प्रस्तुत किए जाने और उसके उपर चैनल अनुसार किसी भी स्तर पर मतांकन अतिम तिथि 31 दिसंबर तक नहीं हो पाया है तो इसके बाद कोई भी टिप्पणी अंकित नहीं की जा सकेगी और इन स्तरों के मूल्यांकन को समय बाधित माना जाएगा और ऐसे मामलों मेें संबंधित पदोन्नति समिति अधिकारी कर्मचारी के समग्र अभिलेख और संबंधित वर्ष के स्वमूल्यांकन के आधार पर मूल्यांकन करेगी।

समयावधि में गोपनीय प्रतिवेदन नहीं लिखने वाले प्रतिवेदक, समीक्षक, स्वीकारकर्ता अधिकारियों से विलंब के लिए उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाकर संबंधित दोषी अधिकारी के विरुदध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए दोषी अधिकारी के गोपनीय प्रतिवेदन में इसका उल्लेख किया जाएगा।