Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista:जावद से दिग्विजय सिंह को मिला कांग्रेस की हार का असल कारण!  

1162
Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista:जावद से दिग्विजय सिंह को मिला कांग्रेस की हार का असल कारण! 

Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista:जावद से दिग्विजय सिंह को मिला कांग्रेस की हार का असल कारण! 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इन दिनों राजनीतिक यात्रा पर हैं। उनकी इस यात्रा का मकसद कांग्रेस की उन 66 सीटों पर पार्टी की लगातार हार के कारणों को खोजना और वहां पार्टी की जीत के लिए आधार तय करना है। अभी तक उन्होंने कई जिलों की उन विधानसभा सीटों का दौरा कर लिया, जहां कांग्रेस 3 से 5 चुनाव हारती रही है।

बताते हैं कि दिग्विजय सिंह को इस राजनीतिक यात्रा के दौरान हारी सीटों पर कई मुखर कार्यकर्ताओं ने बताया कि कांग्रेस कहीं से कमजोर नहीं हैं। लेकिन, उसकी हार का कारण पार्टी अंदर है, बाहर नहीं। हर सीट पर सेबोटेज होता है। कभी पार्टी के उम्मीदवार के सामने निर्दलीय खड़े कर दिए जाते हैं, कभी ऐसी स्थितियां निर्मित कर दी जाती है कि पार्टी का उम्मीदवार हार जाता है। कई जगह तो कार्यकर्ताओं ने खुलकर नहीं बोला, लेकिन इशारों में अपनी बात बताई। लेकिन, नीमच के जावद में कार्यकर्ताओं ने साफ़ कहा कि इस सीट को हम क्यों हारते रहे हैं।

जावद से दिग्विजय सिंह को मिला कांग्रेस की हार का असल कारण! 

जावद के कार्यकर्ताओं ने जो कारण बताएं वो इतने पुख्ता थे कि दिग्विजय सिंह को भी लगा यह समस्या सिर्फ जावद की नहीं, हर जगह की है। यहां दो नेताओं की आपसी खींचतान से कांग्रेस लगातार हारती रही है। यही कारण था कि दिग्विजय सिंह ने बैठक में ही जावद विधानसभा इलाके के सत्यनारायण पाटीदार और राजकुमार अहीर को सबके सामने बुलाया और घोषणा करवाई कि चुनाव में कोई भी उम्मीदवार हो, वे पार्टी के खिलाफ काम नहीं करेंगे।

ज्यादातर कार्यकर्ताओं ने बताया कि दो बड़े स्थानीय नेताओं के आपसी झगड़ों के कारण पार्टी हारती रही है। वरना, जावद में कांग्रेस कमजोर नहीं है। कार्यकर्ताओं की सलाह पर ही दिग्विजय ने इन नेताओं को बुलाया और निर्देश दिए। दोनों नेताओं ने विश्वास दिलाया कि उम्मीदवार कोई भी हो, वे निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ेंगे और पार्टी के लिए काम करेंगे। अब चुनाव का नतीजा बताएगा कि दिग्विजय सिंह की सलाह ने काम किया या नहीं!

भाजपा नेताओं का दर्द,कविता पाटीदार को आखिर इतने पद क्यों? 

भारतीय जनता पार्टी में एक ही महिला नेता कविता पाटीदार को कई पदों से नवाज़ने को लेकर इंदौर के भाजपा नेताओं में दर्द है। उन्हें आगे बढ़ाए जाने को लेकर कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को आपत्ति भी है। कहा जा रहा है कि वे स्व भेरूलाल पाटीदार की बेटी है, इसके अलावा उनकी जमीनी पकड़ क्या है! उनके पास कौन से समर्थकों की फ़ौज है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जब इंदौर आए थे तब रूठे नेताओं को मनाने की पार्टी की मुहिम में भी इशारों में ये बात सामने आई थी।

भारतीय जनता पार्टी में एक ही महिला नेता कविता पाटीदार

कार्यकर्ताओं का कहना था कि उनकी राजनीति योग्यताओं को अभी तक परखा तक नहीं गया है। यहाँ तक कि उन्होंने कोई बड़ा चुनाव नहीं लड़ा और न जीता। फिर भी वे राज्यसभा में भेज दी गईं।  वे भाजपा संगठन में प्रदेश महामंत्री भी हैं। जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी है। पहले भी प्रदेश की संगठन मंत्री थी। कई मामलों में पार्टी उनका नाम आगे बढ़ाती रहती है। कविता पाटीदार के पिता स्व भेरुलाल पाटीदार पूर्व में भाजपा सरकार में प्रभावशाली मंत्री रह चुके हैं। कहा जा सकता है कि उनके नाम का फायदा ही इन्हें मिल रहा है।

हमेशा तर्क दिया जाता है, कि वे ओबीसी हैं और महिला हैं, पार्टी को इसका फायदा मिल रहा है। लेकिन, ऐसा कुछ दिखाई नहीं देता कि उनको इतने पदों से नवाजने के बाद भी कहीं से कोई बड़ा फायदा दिखाई दिया हो। पार्टी में महिला नेताओं की कमी नहीं है। लेकिन, उपलब्धियों के सारे तमगे एक ही महिला के गले में डालने का कारण कोई समझ नहीं पा रहा!

मीडिया प्रभारी को हटाया, अब दर्जनभर अध्यक्ष हटेंगे! 

विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी संगठन में कई बड़े फेरबदल कर रही है। जिस तरह से उलटफेर किया जा रहा है, अभी समझा जा सकता है कि यह काम पूरा नहीं हुआ। अभी भी एक दर्जन से ज्यादा जिलों के भाजपा अध्यक्षों को उनकी निष्क्रियता के कारण बदला जाना बाकी है। यह निष्क्रिय अध्यक्ष कौन हैं, इसकी रिपोर्ट संगठन को मिल चुकी है और बहुत जल्द इन पर कार्रवाई की जाएगी।

BJP's New Ticket Formula

लेकिन इस फेरबदल की श्रृंखला में सबसे महत्वपूर्ण था भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर को हटाया जाना। उन्हें इस महत्वपूर्ण पद से हटाकर संगठन में एक सामान्य सा मंत्री बनाया गया है। दरअसल, भाजपा की ये अपनी स्टाइल है कि वो किसी को पद से हटाकर उसे खुला नहीं छोड़ती, बल्कि उसे कोई छोटा पद देकर इंगेज रखा जाता हैं।

वही लोकेंद्र पाराशर के साथ भी हुआ। अनुमान लगाने वाले यह भी कह रहे हैं लोकेंद्र पाराशर ग्वालियर-चंबल संभाग की भितरवार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के मूड में है। लेकिन, पार्टी की अंदरूनी खबरें इसका समर्थन नहीं कर रही। उनका कहना है लोकेंद्र पाराशर को फिलहाल तो यह चांस मिलने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। पार्टी में नाम का मंत्री पद देकर उन्हें साइडलाइन कर दिया गया है।   चर्चा है कि पाराशर के बाद पार्टी के उन मीडिया प्रवक्ताओं को भी बदला जाएगा, जो नाम के लिए यह पद लेकर बैठे हैं।

आने वाली है IAS तबादला सूची: सबसे ज्यादा इंदौर होगा प्रभावित!

मध्य प्रदेश के प्रशासनिक गलियारों में इन दिनों इस बात की चर्चा है कि जल्द ही आईएएस अधिकारियों की एक और तबादला सूची आने वाली है। इस सूची में दो कमिश्नर के साथ ही मंत्रालय स्तर पर भी फेरबदल की चर्चा है। संभावना है कि इस लिस्ट में पश्चिम मध्य प्रदेश विशेषकर इंदौर के कई आईएएस अधिकारी प्रभावित होंगे।

images 19

इनमें इंदौर के संभागीय कमिश्नर पवन शर्मा के अलावा इंदौर के 2- 3 आईएएस एडीएम भी अन्यत्र भेजे जा सकते हैं। इंदौर के संभागीय कमिश्नर के लिए इंदौर में ही पदस्थ एक विभाग के कमिश्नर के नाम की चर्चा चल रही है। उज्जैन के कमिश्नर के तबादले की भी चर्चा है। बताया गया है कि ये सभी वे अधिकारी हैं जिनका कार्यकाल विधानसभा चुनाव तक एक ही स्थान पर 3 वर्ष से ज्यादा हो गया है या हो जाएगा।

मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार की सुगबुगाहट

मध्यप्रदेश में इन दिनों मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार की चर्चा जोरों पर है। माना जा रहा है कि इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित सिंधिया गुट के मंत्री हो सकते हैं। भाजपा द्वारा कराए गए अंदरूनी सर्वे में पता चला है कि तुलसी सिलावट को छोड़कर छह मंत्रियों का परफॉर्मेंस और रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है।

(Samras Panchayats

माना जा रहा है कि सबसे पहले इन मंत्रियों पर गाज गिर सकती है। इसके अलावा कुछ और मंत्री भी हैं जिन्हें हटाया जा सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल इसी महीने हो सकता है।

इन दिनों फिर चर्चा में है IAS नियाज़ खान!

मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस नियाज खान जो भी करते हैं अनोखा ही करते हैं। वे चर्चा में तब आए जब उन्होंने ‘द कश्मीर फाइल्स’ की जमकर धुलाई की थी। तब उन पर सोशल मीडिया के जरिए कई तरह के कमेंट किए गए। लेकिन, उन्होंने अंग्रेजी में ‘द ग्रेट ब्राह्मण’ किताब लिखकर सबका मुंह बंद कर दिया। अब इसी किताब का हिंदी संस्करण भी जल्द आने वाला है।

IAS नियाज़ खान!

हाल ही में नियाज खान ने बिना कोई संदर्भ के एक ट्वीट किया जिसमें लिखा है … ‘मैंने पाया कि ब्राह्मण सबसे बहादुर लोग होते हैं। यदि वह ईमानदार, धार्मिक और न्याय के साथ खड़ा होता है तो वह #कौटिल्य बन जाता है। यदि ब्राह्मण डरता है, तो इसका मतलब है कि उसने भगवान ब्रह्मा द्वारा दिखाए गए मार्ग को छोड़ दिया है। अतः ब्राह्मणों को हमेशा ईमानदारी और सच्चाई के साथ रहना चाहिए। वे रोल मॉडल हो सकते हैं।

(यह उनके अंग्रेजी ट्वीट का रूपांतरण है)

नियाज खान पिछले साल काफी विवादों में रहे, जब उन्होंने ‘द कश्मीर फाइल्स’ की रिलीज के समय उसके निर्देशक विवेक अग्निहोत्री के साथ ट्विटर पर शास्त्रार्थ किया था। इस मामले में विवाद इतना बढ़ा था कि प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने भी नियाज खान को नसीहत दी थी और शासन ने नियाज़ को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।


Read More…. Kissa-A-IAS:ऐसी निशानेबाज जिनका निशाना कभी नहीं चूका! 


6 साल बाद नॉन IPS अधिकारी बना SP

मध्यप्रदेश में 6 साल बाद पहली बार ऐसा हो रहा है जब नॉन IPS अधिकारी को एक जिले की कमान सौंपी गई है।
राज्य पुलिस सेवा के 1996 बैच के ये भाग्यशाली अफसर हैं मनीष खत्री, जिन्हें भिंड का एसपी बनाया गया है।
बताया गया है कि मनीष खत्री को शासन ने कोई ढाई दर्जन से ज्यादा आईपीएस अफसरों को बायपास कर एसपी बनाया हैं।

IPS

यह सभी अफसर कई सालों से आईपीएस है जिनमें 11 आईपीएस अफसर पुलिस मुख्यालय में बतौर एआईजी और शेष 20 से ज्यादा आईपीएस अफसर कमांडेंट के तौर पर पदस्थ हैं।

VGDCAZIY 400x400

बताया गया है कि कल 2 मई को होने वाली डीपीसी में मनीष खत्री को आईपीएस अवार्ड हो जाएगा। मनीष खत्री के साथ ही राज्य पुलिस सेवा के 1996 बैच के कुछ और अधिकारी हैं जिन्हें आईपीएस अवार्ड हो जाएगा, जिनमें विनोद कुमार सिंह गुना, देवेंद्र पाटीदार धार, सुंदर सिंह कनेश नीमच और रायसिंह नरवरिया मुरैना जिले में एडिशनल एसपी के पद पर पदस्थ हैं।

दिल्ली की दो घटनाओं के चर्चे खूब रहे

केंद्र के सत्ता के गलियारों में बीते सप्ताह दिल्ली की दो घटनाओं के चर्चे खूब रहे। पहली चर्चा पहलवानों के धरना और उस पर चल रही राजनीति को लेकर रही। उत्सुकता इस बात को लेकर ज्यादा रही कि आखिर ऐसी क्या बात हुई कि पहलवानों को चार महीने के अंदर ही दोबारा आंदोलन शुरू करना पडा।

WhatsApp Image 2023 01 18 at 5.04.44 PM 1

arvind kejriwal 1 16477924154x3 1

बताया तो यह भी जा रहा है कि यह सारी कवायद हरियाणा के एक खास को अध्यक्ष बनाने की है। बहरहाल, अब बात दूसरे मुद्दे की। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मकान की मरम्मत और पर्दो की खरीद का ब्यौरा सामने आते ही गलियारों में तरह तरह की चर्चा चली। हालांकि उप राज्यपाल ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन चर्चाओ का दौर फिलहाल जारी है।

केंद्र मे एक नव नियुक्त सचिव को लेकर विवाद

केंद्र मे एक नव नियुक्त सचिव को लेकर अच्छा खासा विवाद शुरू हो गया है। न्यायालय के आदेश को गंभीरता से न लेने के कारण इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले साल इस अधिकारी पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। उस समय यह अधिकारी ASI के महानिदेशक पद पर तैनात थी। पिछले हफ्ते इस आईएएस अधिकारी को एक मंत्रालय का सचिव बना दिया गया।