Indore : चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत सोमवार को कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को ‘नहाय खाय’ (Nahay Khay) से होगी। छठ उपासक नहाय खाय के दौरान विधि-विधान से स्नान ध्यान कर स्वयं निर्मित चावल, दाल, लौकी की सब्जी के साथ छठ महाव्रत का संकल्प करते हुए भोजन प्रसादी ग्रहण करेंगे।
मंगलवार को खरना का आयोजन होगा। इस दिन व्रतधारी दिनभर का उपवास रखने के बाद शाम को गन्ने के रस में बने चावल की खीर के साथ दूध, चावल का पिठ्ठा और घी चुपड़ी रोटी का प्रसाद भगवान सूर्य को भोग लगाने के पश्चात भोजन करेंगे। इसके बाद व्रतधारियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास (Anhydrous Fasting) होगा। छठ पर्व के तीसरे दिन बुधवार को अस्ताचलगमी सूर्य को व्रतधारियों द्वारा जलकुंड में खड़े होकर अर्घ्य दिया जाएगा। चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन गुरुवार को व्रतियों द्वारा उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य देने के साथ होगा।
पिछले साल कोरोना महामारी के कारण शहर में रह रहे पूर्वांचल के श्रद्धालुओं ने अपने घरों के परिसर में ही कृत्रिम जलकुंड (Artificial Watercourse) का निर्माण कर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया था। इस वर्ष जिला प्रशासन की सशर्त अनुमति के बाद शहर में लगभग 80 स्थानों पर सार्वजनिक छठ महापर्व का आयोजन कोरोना नियमों का पालन करते हुए किया जाएगा।
प्रशासन के आदेश अपर Indore के सभी छठ पूजा आयोजन समितियों को छठ घाटों पर मूलभूत कोविड नियमों का अनुपालन करने के लिए कहा गया है। आयोजन समिति अपने अपने स्तरों पर सभी घाटों पर मास्क एवं सेनिटाइज़ेशन की व्यवस्था रखेंगे। साथ ही सभी श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वो छठ घाटों पर मास्क पहने रहें। वहीं श्रद्धालु छठ घाटों पर आएं, जिन्होंने कोविड के दोनों वैक्सीन डोज़ ले लिए हों। जो छठ व्रती सुरक्षा कारणों से सार्वजनिक छठ घाटों पर नहीं जाना चाहते, वो अपने अपने घरों के परिसर में ही कृत्रिम जल कुंडों में खड़े होकर सूर्य भगवान् को अर्घ्य दे सकते हैं।