आयुर्वेद से उपचार के नाम पर 42 लाख रुपये की धोखाधड़ी: गिरोह के 4 सदस्यों को पुलिस ने राजस्थान से किया गिरफ्तार

बुजुर्ग दंपत्ति को धोखा देकर हड़पी जीवनभर की कमाई, पुलिस ने आरोपियों से वापस करवाई पाई-पाई

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आयुर्वेद से उपचार के नाम पर 42 लाख रुपये की धोखाधड़ी: गिरोह के 4 सदस्यों को पुलिस ने राजस्थान से किया गिरफ्तार

भोपाल:मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के दिशा-निर्देशन में प्रदेश में अपराध व अपराधियों पर नियंत्रण के लिए मध्य प्रदेश पुलिस निरंतर और सक्रियतापूर्वक कार्य कर रही है। हाल ही में भोपाल की क्राइम ब्रांच ने आयुर्वेदिक उपचार के नाम पर 42 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के 4 आरोपियों को राजस्थान से गिरफ्तार किया। उल्लेखनीय है कि क्राइम ब्रांच की टीम ने लगातार एक सप्ताह तक राजस्थान में आरोपियों के ठिकानों के आसपास घेराबंदी कर रखी थी। इस अवधि के दौरान पुलिस ने सजगता और तत्परता दिखाते हुए कार्रवाई कर आरोपियों को गिरफ्तार कर फरियादी को संपूर्ण राशि वापस दिलवाकर उन्हें खुशियां लौटाई। संपूर्ण राशि मिलने पर फरियादी ने पुलिस कमिश्नरेट पहुंचकर मध्य प्रदेश पुलिस का धन्यवाद व्यक्त कर उनके इस कार्य की सराहना की।

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पीड़ित को न्याय मिले, यही पुलिस की प्रतिबद्धता- कमिश्नर श्री हरिनारायणचारी मिश्र
मंगलवार को पुलिस कमिश्नर श्री हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा कि आधुनिक समय में सायबर अपराधों के क्षेत्र में सायबर तकनीक का उपयोग कर की जा रही धोखाधड़ी पुलिस के समक्ष एक महत्वपूर्ण चुनौती है। पिछले दिनों 42 लाख रुपये की एक सायबर धोखाधड़ी के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है, जिसमें पुलिस ने एक बुजुर्ग दंपत्ति की जीवनभर की कमाई आरोपियों से वापस करवाई है। क्राइम ब्रांच सहित पूरी पुलिस टीम ने पूरे मनोयोग से अपराधियों की धरपकड़ करने का काम किया। कमिश्नर श्री मिश्र ने कहा कि लगभग 20 दिनों तक मप्र पुलिस की टीम राजस्थान में रही । अलग-अलग स्थानों पर पहुंचकर आरोपियों की पहचान की गई और गैंग के सदस्यों काे पकड़ा गया। पुलिस की पूरी टीम को 30 हजार रुपये की राशि से पुरस्कृत कर सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीड़ित को न्याय दिलाना ही पुलिस की प्रतिबद्धता है।

मप्र पुलिस का मैं जीवन भर ऋणी रहूंगा :- फरियादी श्री विरमानी
संपूर्ण राशि वापस मिलने पर फरियादी श्री राकेश मोहन विरमानी का कहना है कि उनके लिए यह एक स्वप्न के पूरा होने जैसी स्थिति है। उन्होंने कहा कि क्राइम ब्रांच की जितनी प्रशंसा की जाए,कम है। वे लगभग निराशा के गर्त में डूब चुके थे क्योंकि जितनी भी राशि थी, वह उनके प्रॉविडेंट फंड और ग्रेच्युटी की थी और उसी के मासिक ब्याज से उनका घर चलता था। उन्हाेंने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस का मैं जीवनभर ऋणी रहूंगा क्योंकि यही राशि मुझे बढ़ती उम्र में काम आएगी। उन्होंने डीजीपी श्री सुधीर सक्सेना, कमिश्नर श्री हरिनारायणचारी मिश्र और मध्य प्रदेश पुलिस की टीम के सभी लोगों का आभार व्यक्त किया, जो इस कार्रवाई में शामिल हुए ।

आरोपियों ने इस तरह फरियादी को जाल में फंसाया :-
इस संबंध में फरियादी राकेश मोहन विरमानी निवासी बावड़िया कलां, थाना शाहपुरा,भोपाल ने लिखित शिकायत में बताया कि उनकी पत्नी को डीप वैनथ्रोम्बोसिस नाम की बीमारी है, जिसमें पैरों में दर्द होता है व सूजन रहती है। उनका कई जगह उपचार करवाया गया, परंतु आराम नहीं मिला। दिनांक 4 फरवरी 2023 को जब वे अपनी पत्नी के साथ एमपी नगर में आए थे, तब उनकी पत्नी बीमारी के कारण ठीक से चल नहीं पा रही थी, तब वहां खड़े एक युवक ने पूछा कि आप इस तरह क्यों चल रही है, तब उन्होंने युवक को पत्नी की बीमारी के बारे में बताया। तब युवक ने बताया कि उनकी पत्नी का उपचार मुम्बई के पटेल डॉक्टर से करवाएं। युवक ने उन्हें डॉ.पटेल का मोबाइल नंबर देकर कहा कि डाॅक्टर अभी भोपाल में ही हैं। उस युवक ने अपना नाम राजीव बताया।

6 फरवरी से शुरू किया रुपये वसूलने का सिलसिला
कॉल करने पर डॉ. पटेल 6 फरवरी को अपने असिस्टेंट के साथ मेरे घर आए। समस्या पूछने के पश्चात डॉ.पटेल ने पत्नी के बांये घुटने पर चाकू से कट लगाया और कुप्पीनुमा वस्तु से कटवाली जगह से कुछ समय मुंह से खींचा। उन्होंने सफेद-पीले रंग का पदार्थ दिखाया और कहा कि यह पदार्थ जहर है, जिसके कारण खून की सप्लाई नहीं हो रही है और पैरों में सूजन आती है । उन्होंने कहा यह प्रक्रिया बहुत खतरनाक है और यह प्रक्रिया करने के वे प्रति गतिविधि 6000 रुपये चार्ज करेंगे।

354 बार दिया थैरेपी का धोखा
उनकी स्वीकृति के बाद डॉ.पटेल ने 152 बार और बाद में 202 बार यह प्रक्रिया अपनाई। इस प्रकार 354 बार थैरेपी कर उन्होंने उनसे 21, 54,000 रुपये फीस के रूप में लिए। इसके बाद उन्होंने तेल और दवाई आदि के लिए समय-समय पर थोड़े-थोड़े कर लगभग 21 लाख रुपये और मांगे। 23 फरवरी को डाॅ.पटेल का कॉल आया कि वे 27 फरवरी को को भोपाल नहीं आ पाएंगे, लेकिन वे जल्द भोपाल आकर पूरे पैसे वापस कर देंगे। इसके बाद से ही डाॅ. पटेल, राजीव और उनकी कंपनी संजीवनी आयुर्वेदिक का फोन स्विच ऑफ होने पर फरियादी ने इस की शिकायत पुलिस से की। उन्होंने बताया कि डॉ. पटेल ने अपने साथियों के साथ मुझसे कुल 42 लाख 73 हजार रुपए की ठगी की है।

जोधपुर में आरोपी को धरदबोचा :-
प्रार्थी राकेश मोहन विरमानी की रिपोर्ट पर पुलिस ने धारा 420 के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस आयुक्त श्री हरिनारायणचारी मिश्र व अतिरिक्त पुलिस आयुक्त श्री अनुराग शर्मा के मार्गदर्शन में पुलिस उपायुक्त श्रुतकीर्ति सोमवंशी, अति.पुलिस उपायुक्त अपराध श्री शैलेन्द्र सिंह चौहान, सहायक पुलिस आयुक्त श्री शिवपाल सिंह कुशवाह के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच के थाना प्रभारी अनूप कुमार उईके, टीम के साथ राजस्थान के जोधपुर पहुंचे । पुलिस खाता धारक आरोपी विशाल पिता मेघदान को पकड़ने के लिए जोधपुर जिले के झंवर थाना अंतर्गत नावास पहुंची। विशाल के ना मिलने पर अन्य खाताधारक आरोपी जयपुर जिले के आमरसर थाना क्षेत्र निवासी सावरलाल जाट पिता हनुमान सहाय (27 वर्ष) की तलाश में जुट गई। पुलिस ने उसे जयपुर के ब्लू सिटी मॉल के सामने से पकड़ा। पुलिस द्वारा आरोपी से घटना के संबंध में पूछताछ करने पर उसने अन्य आरोपियों के साथ जुर्म करना स्वीकार किया।

गिरफ्तार आरोपी की निशानदेही पर अन्य को पकड़ा :-
विवेचना के दौरान गिर‌फ्तार आरोपी की निशानदेही पर क्राइम ब्रांच भोपाल की 10 सदस्यीय टीम को कोटा रवाना किया गया, जहां टीम ने एक सप्ताह तक रुककर आरोपियों के संबंध में गोपनीय रूप से पतारसी की। इस दौरान पुलिस की टीम ने गैंग के तीन और सदस्यों मोहम्मद इमरान पिता मोहम्मद जमीर उम्र 32 साल निवासी सागोद, कोटा और अंता, कोटा निवासी मो. जावेद पिता ईशाक उम्र 47 साल तथा खलील पिता अब्दुल जब्बार उम्र 36 साल को गिरफ्तार किया, जिन्हें पुलिस रिमांड पर लेकर विस्तृत पूछताछ कर रही है।

आरोपी इस तरह देते हैं वारदात को अंजाम :-
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनके गैंग में 7-8 लोग हैं, जो भोपाल के सूखीसेवनिया आउटर क्षेत्र में झोपड़ी बनाकर रुके थे। मो.इमरान, मो.जावेद और खलील होटल तथा रेस्टाेरेंटों के आसपास घूमते हैं और ऐसे बुजुर्ग जिनको चलने में दिक्कत होती है, उन्हें टारगेट करते हैं। बाद में मो.शेरू डॉक्टर बनकर उपचार के नाम पर पीड़ित को अपने झांसे में लेता और उससे रूपए वसूलना शुरू कर देता है। जो भी रुपये आते हैं, वे जोधपुर के सावरसिंह के खाते में ट्रांसफर करवाए जाते हैं। रुपए आते ही सभी आपस में बांट लेते हैं और तुरंत अलग-अलग स्थानों से निकाल लेते हैं।