Mega Textile Park Should Be In Ratlam : मेगा टैक्सटाइल पार्क रतलाम में ही स्थापित हो: पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी ने CM को लिखा पत्र
Ratlam : मेगा टैक्सटाइल पार्क का चयन रतलाम में हो रहा था जिसे धार या बदनावर में स्थापित करने के लिए निर्णय का मैं विरोध करता हूं।ट्रांसपोर्टेशन के लिए रतलाम की कनेक्टिविटी भी समूचे देश भर से है।पानी,बिजली का अभाव भी यहां नहीं हैं। रतलाम के भौगोलिक और औद्योगिक विकास को लेकर लिए गए निर्णय में सांसद और विधायकों और जनप्रतिनिधियों की रुचि नहीं दिखाई दे रही हैं। अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध लग रही हैं।
इन सब बातों को लेकर पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखकर मेगा टेक्सटाइल पार्क को रतलाम में ही स्थापित करने की मांग की गई।
उन्होंने पत्र में इन बातों का उल्लेख किया कि 4 स्थानों में से 1 स्थान का चयन करने के लिए केंद्र सरकार की एक टीम रतलाम आई थी,जिसने टैक्सटाइल पार्क के लिए के लिए पानी,बिजली भूमि और ट्रांसपोर्टेशन उपलब्धता का अध्ययन कर मेगा टैक्सटाइल पार्क का चयन किया था।अब समाचार पत्र के माध्यम से पता चला की पार्क का चयन रतलाम की बजाय धार जिले के बदनावर में होना हैं।
पूर्व गृहमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता हिम्मत कोठारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर बताया कि इसी माह आपसे भोपाल में जब मुलाकात हुई थी तब मेरे द्वारा आपको कनेरी डैम जिसमें 80 लाख गैलन पानी प्रतिदिन उपलब्ध बताया गया जिसमें उद्योग एवं पेयजल के लिए पानी दिए जाने का प्रावधान रखा गया था, वह उपलब्ध हैं। यदि मेगा टैक्सटाइल पार्क रतलाम में स्थापित होता है तो कनेरी डैम से इसकी दूरी मात्र 7 किलोमीटर रहती। सरकार पाइप लाइन बिछाकर मात्र 4 महीने में ही तैयार कर पानी को पहुंचाया जा सकता हैं।इसके उलट धार जिले के बदनावर में पानी की उपलब्धता नहीं हैं।
कोठारी ने बताया की रतलाम में कनेक्टिविटी या ट्रांसपोर्टेशन के लिए दिल्ली-मुंबई एटलेन लगभग बनकर तैयार हैं। जिसका पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा 4 माह में विधिवत उद्घाटन भी होने वाला हैं।रतलाम की फोरलेन सड़क का अन्य जिलों से भी सुगम केनेंक्टिविटी हैं।रेलवे की दृष्टि से रतलाम जंक्शन पश्चिम रेलवे का डिवीजन केंद्र हैं, जिससे रतलाम भारतवर्ष की ट्रेन लाइनों से जुड़ा हैं।रतलाम में मालवाहक कंटेनर डिपो भी स्थापित हैं,जिससे देश-विदेश में माल का परिवहन होता हैं।
कोठारी ने बताया कि जहां तक बिजली का सवाल है। पूरे प्रदेश में बिजली समान रूप से उपलब्ध हैं जबकि रतलाम जिले में पवन ऊर्जा के माध्यम भी सर्वाधिक हैं। इस मान से भी बिजली पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।रतलाम जिले में उद्योगों के लिए एटलेन के समीप ही औद्योगिक कॉरिडोर के लिए पर्याप्त भूमि का चयन भी किया जा चुका हैं,जिसमें अधिकांश भूमि शासकीय हैं।
परंतु इन सब उपलब्धता के बावजूद समाचार पत्र में छपा कि केंद्र से पंहुची टीम द्वारा यह रिपोर्ट दी गई कि रतलाम में मेगा टैक्सटाइल पार्क के लिए भूमि पानी बिजली एवं आवागमन की उपलब्धता नहीं होने से इसे रतलाम की बजाय धार,बदनावर का चयन किया गया जो कि रतलाम जिलेवासियों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण हैं।मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास केंद्र द्वारा मेगा टैक्सटाइल पार्क को लगने वाली सुविधाओं के चयन हेतु नजर अंदाज किया हैं एवम चयन के लिए केंद्र सरकार की जो टीम आई थी,
उसमें मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध लग रही हैं जो जांच का विषय है। साथ ही ऐसा लगता हैं कि इस योजना के लिए विधायकों एवं सांसदों द्वारा भी रुचि नहीं दिखाते हुए चुप्पी साधी है।जनप्रतिनिधियों द्वारा भी यदि रतलाम की भौगोलिक एवम अन्य जानकारियां केंद्र द्वारा भेजी गई टीम को दी गई होती तो रतलाम के साथ इस प्रकार का पक्षपातपूर्ण निर्णय नहीं होता।
कोठारी ने कहा की ऐसा लगता हैं कि किसी के दबाव में यह निर्णय किया गया हैं।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी आप से अनुरोध है कि रतलाम में संसाधनों की वजह के संबंध में मैंने जो बातें कहीं उसकी जांच करवाने के आदेश दें और पुनः रतलाम में मेगा टैक्सटाइल पार्क के लिए केंद्र सरकार की टीम को रतलाम भेजकर सही निर्णय किया जाए,जिससे रतलाम औद्योगिक केंद्र बनें ।