HC Reprimanded The Deputy Collector : हाइकोर्ट ने डिप्टी कलेक्टर को फटकारा, खुद को सुप्रीम कोर्ट न समझें!
Jabalpur : कोर्ट की कार्रवाई में बीच में बोलने और पूर्व आदेश की मनमानी व्याख्या करने वाले रीवा के डिप्टी कलेक्टर अनुराग तिवारी को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति ने जमकर फटकार लगाई। साथ ही उन्हें सुप्रीम कोर्ट न समझने की हिदायत भी दी।
जबलपुर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की ग्रीष्म अवकाशकालीन पीठ एक पूर्व आदेश की मनमानी व्याख्या से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहें थे। हाईकोर्ट ने पूर्व आदेश का नियत समय अवधि में परिपालन सुनिश्चित न किए जाने पर रीवा के डिप्टी कलेक्टर को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए थे। जिस पर डिप्टी कलेक्टर अनुराग तिवारी न्यायालय में हाजिर हुए। इस दौरान डिप्टी कलेक्टर का लिखित जवाब रिकॉर्ड पर दर्ज कराया गया, जिस पर डिप्टी कलेक्टर ने साफ़ किया कि मामले को हाईकोर्ट द्वारा निरस्त किया जा चुका है, यथास्थिति कायम रखने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था की गई है। इतना पढ़ते ही न्यायमूर्ति नाराज हो गए।
खुद को सुप्रीम कोर्ट समझने की नादानी न करें
न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने डिप्टी कलेक्टर अनुराग तिवारी को सख्त लहजे में समझाया कि आप खुद को सुप्रीम कोर्ट समझने की नादानी बिलकुल भी न करें। अपील को इस दिशा-निर्देश के साथ निराकृत किया गया था कि 90 दिन के अंदर दूसरे पक्ष को विधिवत सुनवाई का अवसर दें और समुचित निर्णय पारित करें। किन्तु प्रशासन ने ऐसा करने की जहमत नहीं उठाई।
बीच में बोलने लगे डिप्टी कलेक्टर
न्यायमूर्ति डिप्टी कलेक्टर को समझाइश दे ही रहें थे कि वे बीच में बोलने लगे। इस पर कोर्ट ने डिप्टी कलेक्टर को फटकारते हुए कहा कि मामले को गंभीरता से सुनें और अपनी गलती स्वीकार कर सुधार की दिशा में सोचें अन्यथा दिक्कत में पड़ जाएंगे।