Doctors Will Go To School : स्कूलों में डॉक्टर बताएंगे बीमारियों से कैसे बचें!   

ड्रग की आदत, मानसिक तनाव, मोटापा, डायबीटिज और कैंसर से कैसे बचा जाए!  

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Doctors Will Go To School : स्कूलों में डॉक्टर बताएंगे बीमारियों से कैसे बचें!   

Indore : इंडियन एकेडमी आफ पेड्रीयाटिक्स के मेंबर डॉक्टर्स शहर के स्कूलों में जाकर बच्चों, शिक्षकों और पालकों को बताएंगे कि बीमारियों से किस तरह लड़ा जा सकता है। इन बीमारियों से बचाव के लिए शहर के करीब 350 शिशु विशेषज्ञों की टीम स्कूलों में जाकर बचाव के तरीके और बच्चों में खानपान की अच्छी आदत के बारें में बताएंगे।

सेंट्रल आइएपी बोर्ड सदस्य डॉ हेमंत जैन ने बताया कि हम स्कूलों में जाकर खानपान, व्यायाम, ड्रग से दूरी, प्रदूषण से कैसे बचे, मोबाइल से दूरी आदि के बारें में जानकारी देंगे। इसके लिए इंदौर में 17 जुलाई को एक कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी। इसके बाद सालभर तक स्कूलों में बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। कार्यशाला में देशभर के कई विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। जो शिशु रोग विशेषज्ञों को भी प्रशिक्षण देंगे।

इस तरह का प्रयोग प्रदेश में पहली बार हो रहा है। डॉक्टर्स की टीम स्कूलों में बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाव के तरीके बताएंगी, जिससे उन्हें अपनी आदतों में शामिल कर इनसे बचा जा सके। क्योंकि, 14 साल से कम उम्र में ही बच्चों को बीमारियों का खतरा शुरू हो जाता है और वे इसे पहचान नहीं पाते। एक समय के बाद यहीं बीमारी गंभीर रुप ले लेती है। मोटापा, डायबीटिज, उच्च रक्तचाप, कैंसर, लिवर, किड़नी आदि की समस्या यदि बचपन में पहचान ली जाए तो इनसे लड़ने में आसानी होगी।

कैसे बचा जाए मानसिक तनाव से 
कम उम्र में ही बच्चे मानसिक तनाव के चलचे आत्महत्या जैसे कदम उठाने लगे हैं। ऐसे में पालकों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह बच्चों को समझे। इन एक साल के कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों और पालकों को इसके लिए समझाइश दी जाएगी। पालकों को बताया जाएगा कि बच्चे पर ज्यादा प्रेशर देना कितना घातक हो सकता है। वहीं बच्चों को इसके परिणामों के बारें में बताया जाएगा।

दो अलग-अलग सेशन होंगे
स्कूली बच्चों को प्रशिक्षण देने के लिए दो अलग-अलग सेशन होंगे। एक सेशन चौथी कक्षा तक के बच्चों के लिए और वहीं दूसरा 12 वीं कक्षा तक के लिए होगा। इसके लिए शुरूआत में शहर के 30 स्कूलों को चुना जाएगा। इन स्कूलों में बच्चों के साथ ही शिक्षक और पालकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि, शिक्षक अन्य विद्यार्थियों को यह बचाव के तरीके सिखा सके। साथ ही पालक घर पर बच्चों के खानपान और व्यायाम का उचित ध्यान रख सके।