उज्जैन के महाकाल लोक पहुंची लोकायुक्त की टीम, किया निरीक्षण,स्मार्ट सिटी से मांगी टेंडर एवं अन्य जानकारियां

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उज्जैन के महाकाल लोक प्रवाह लोकायुक्त की टीम, ऑब्जेक्शन, स्मार्ट सिटी से जेआर टेंडर और अन्य जानकारियां

उज्जैन से मुकेश व्यास की रिपोर्ट

उज्जैन। उज्जैन के महाकाल में पिछले रविवार को तूफान तूफान में हर बार सप्त ऋषियों की 6 गलतियों को लेकर कांग्रेस द्वारा शिवराज सरकार पर महाकाल लोक निर्माण को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप जा रहे हैं। आज उसी लोकायुक्त की एक टीम ने नाम लेते हुए उज्जैन में महाकाल लोक का अवलोकन किया।

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टीम के सदस्यों ने पेडेस्टल पर चढ़कर निरीक्षण किया तथा उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड की मूर्तियों के संबंध में जानकारी मांगी। भोपाल से लोकायुक्त का दल महाकाल लोक के निरीक्षण के लिए उज्जैन आया।टीम के सदस्यों ने सप्त ऋषियों की मूर्तियों के गिरने के बाद खाली पड़े पेडेस्टल की जांच की। लोकायुक्त के चीफ इंजीनियर एनएस जोहरी ने उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड से मूर्तियों का टेंडर, एग्रीमेंट और वर्क आर्डर की मूल कॉपी मांगी है। साथ ही इस संबंध में हुए पत्राचार और नोटशीट की भी मूल कॉपी मांगी है। बताया जाता है कि प्रकरण में लोकायुक्त संगठन द्वारा तत्कालीन कमलनाथ सरकार के समय योजना की मंजूरी होने से लेकर आदेश जारी होने तक की जांच की जाएगी। कुछ समय पहले कांग्रेस विधायक महेश परमार ने भी लोकायुक्त से महाकाल लोक में भ्रष्टाचार के संबंध में शिकायत की थी।इसी बीच आंधी और तेज बारिश से महाकाल लोक में फाइबर रिइंफोर्समेंट प्लास्टिक से बनी मूर्तियों के गिरने की जांच की जा रही है। लोकायुक्त टीम ने महाकाल लोक पहुंचकर यहां लगी मूर्तियों और अन्य निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया। वही टीम के सदस्यों ने मूर्तियों की लंबाई नापी और मूर्ति की बनावट की तहकीकात की। लोकायुक्त टीम ने इस संबंध में मीडिया से कोई बातचीत नहीं की।

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लोकायुक्त की टीम महाकाल लोगों में करीब 3 घंटे तक रही। लोकायुक्त टीम ने गुणवत्ता के साथ यह भी देखने की कोशिश की कि जमावट को स्थापित करने के बाद जल जल संरक्षण के लिए क्या अधिकार लिए गए।

वही आज नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई के अधिकारियों के एक दल ने भी महाकाल में लोगों पर छापा मारा। महाकाल लोक लेकर रखरखाव, सुरक्षा व्यवस्था को निगमायुक्त रोशन कुमार सिंह और स्मार्ट सिटी के सीईओ आशीष पाठकों के साथ भी चर्चा की।

सैट के गिरने के बाद कांग्रेस द्वारा बनाई गई जांच कमेटी ने भी महाकाल के लोगों का निरीक्षण किया था। इसी बीच महाकाल लोक के मुख्य नंदी द्वार के खंभे में लगा गुंबद कलश भी नीचे गिर गया था इससे टीले भी टूट गए थे।