सुनी सुनाई: शिव-साधना का मानवीय पक्ष!

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सुनी सुनाई: शिव-साधना का मानवीय पक्ष!

शायद पहली बार इस काॅलम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह की तारीफ में कुछ लाईनें लिख रहे हैं। इस दम्पत्ति ने अपने घोर राजनीतिक विरोधी की जिस तरह देखरेख की वह वाकई तारीफ के काबिल है। 1996 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर ह्दयमोहन जैन ने शिवराज सिंह चौहान को टक्कर दी थी। ह्दयमोहन जैन चुनाव हार गये। शिवराज सिंह चौहान चुनाव जीतकर भी ह्दयमोहन जैन का आशीर्वाद लेने उनके घर पहुंचे थे। बीते 27 वर्षों से शिवराज और साधना सिंह दोनों ह्दयमोहन जी को पितातुल्य मानकर उन्हें सम्मान देते रहे हैं।

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इस सप्ताह ह्दयमोहन जैन गंभीर बीमार होकर भोपाल के बसंल अस्पताल में भर्ती हुए तो साधना सिंह तत्काल अस्पताल पहुंचीं और अपनी देखरेख में ह्दयमोहन जी के आपरेशन की तैयारी कराई। शिवराज जी फोन पर हालचाल लेते रहे। जब तक ह्दयमोहन जी ठीक होकर अपने घर नहीं पहुंच गये तब तक शिवराज और साधना उनकी देखरेख करते रहे। जबकि इन 27 वर्षों में ह्दयमोहन जी ने कांग्रेस के मंच से शिवराज सरकार पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है।

मप्र के सबसे भ्रष्ट कलेक्टर!

यह दावा हम नहीं कर रहे हैं। हम सोशल मीडिया पर किये जा रहे ऐसे दावों और आरोपों का समर्थन भी नहीं करते। लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि हरदा कलेक्टर को मप्र का सबसे भ्रष्ट कलेक्टर बताते हुए पोस्ट डाली जा रही है। पांच दिन हो गये हैं। लेकिन कलेक्टर की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हरदा में आम आदमी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष आनन्द जाट ने फेसबुक पर हरदा कलेक्टर को मप्र का सबसे भ्रष्ट कलेक्टर लिखते हुए उज्जैन के महाकाल लोक के कथित भ्रष्टाचार के लिए उन्हें दोषी बताया है। जाट का दावा है कि महाकाल लोक निर्माण के समय हरदा कलेक्टर ऋषि गर्ग उज्जैन में नगर निगम आयुक्त थे। उन्होंने यह भी दावा किया है कि यह अफसर कांग्रेस नेता सज्जन वर्मा का सबसे खास है। इस पोस्ट में हरदा कलेक्टर पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने हरदा के ग्राम कुसिया की 90 एकड़ वन भूमि की रजिस्ट्री कर दी है।

आपराधिक प्रकरण वापस लेने की कवायद शुरु!

मप्र में विधानसभा चुनाव से 5 महीने पहले अचानक राज्य सरकार को भाजपा कार्यकर्ताओं पर चल रहे आपराधिक प्रकरण वापस लेने की याद आ गई है। सभी जिला कलेक्टरों को मौखिक निर्देश दिये गये हैं कि जिला भाजपा अध्यक्ष के साथ बैठकर प्रकरण वापस लेने के प्रस्ताव तत्काल तैयार कराये जाएं। भोपाल में इसके लिए विधि विभाग, अभियोजन शाखा को प्रस्तावों की समीक्षा करने और गृह विभाग को अंतिम निर्णय लेने के अधिकार दिए गये हैं। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा को नोडल ऑफिसर बनाया गया है। आपराधिक प्रकरण वापसी का अनुमोदन गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा करेंगे। सरकार की ओर से इस कार्रवाई में काफी देर हो चुकी है। मंत्रालय में अटकलें लगाई जा रही है कि अभी तक तय नहीं है कि जनहित में राज्य सरकार किन किन धाराओं के प्रकरण वापस लेगी? यह भी अटकलें चल रही हैं कि इसका लाभ भाजपा कार्यकर्ता को ही मिलेगा कि भाजपा जिलाध्यक्षों से सांठगांठ करके आदतन आपराधी इसका लाभ न ले लें?

दीपक जोशी की कांग्रेस में पहली परीक्षा!

आज जब आप इस खबर को पढ़ रहे होंगे तब भाजपा से कांग्रेस में आए दीपक जोशी अपनी पहली परीक्षा से गुजर रहे होंगे। यानि भोपाल की सड़कों पर कांग्रेस के पक्ष में पहली भगवा रैली निकल रही होगी। कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर इस भगवा रैली का स्वागत करेंगे। दरअसल कांग्रेस ने दीपक जोशी को भाजपा की भगवा राजनीति की काट तलाशने को कहा है। दीपक जोशी ने पहले झटके में ही भाजपा के लिए काम करने वाले संगठन बजरंग सेना को कांग्रेस की ओर लाने का काम किया है।

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बजरंग सेना के बैनर पर निकलने वाली भगवा रैली की सफलता असफलता दीपक जोशी के खाते में जाएगी। वैसे हमारे मुखबिर का कहना है कि कांग्रेस दीपक जोशी को पूरे मप्र में घुमाना चाहती है। दीपक जोशी के जरिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार पर तीखे हमने कराने की रणनीति बना रही है। दीपक क्या बोलेंगे यह कांग्रेस के रणनीतिकार तय करेंगे।

करोड़ों की हवेलियां, कौडियों के दाम!

तो क्या भोपाल में अफसरों की वैध अवैध कमाई से बनाईं गईं करोडों की हवेलियां अब कौडियों के भाव बिकेंगीं। भोपाल में तालाब के किनारे, टाइगर मूवमेंट इलाके में मप्र के आईएएस आईपीएस अफसरों ने अपने रसूख का उपयोग कर अवैध काॅलोनी और उसमें नियमों की धज्जियां उड़ाकर बड़े बड़े बंगले तो बना लिए। इन्हें कानूनन जायज ठहराने इन अफसरों ने भोपाल के प्रस्तावित मास्टर प्लान में लगभग 3 वर्ष पहले यहां का एफएआर 0.06 से बढ़वाकर 0.75 प्रस्तावित करा लिया। इस प्रस्ताव के बाद इस अवैध काॅलोनी में जमीनों की रेट आसमान छूने लगी। एक एक हवेली की कीमत दस दस करोड़ के आसपास आंकी जाने लगी। लेकिन इस सप्ताह शिवराज सरकार ने मास्टर प्लान का जो अंतिम प्रारूप जारी किया है उसमें यहां का एफएआर 0.06 ही कर दिया है। यानि 10 हजार वर्गफीट प्लाॅट पर मात्र 600 वर्गफीट ही निर्माण जायज माना जाएगा। अब अफसरों की इन अवैध हवेलियों पर बुल्डोजर चलना तय माना जा रहा है। रातों रात करोड़ों की हवेलियां कौडियों की हो गई हैं।

कोर्ट कार्रवाई से क्यों भाग रहे हैं रिटायर आईएएस!

मप्र में ईमानदारी का चोला ओढ़कर भ्रष्टाचार का घी पीने वाले एक रिटायर आईएएस अपने कार्यकाल में पत्रकारों को डराने के लिए अपने खिलाफ छपने वाली हर खबर पर कोर्ट केस लगा देते थे। रिटायरमेंट के बाद अब यही केस उनके लिए सिरदर्द बन गये हैं।

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एक पत्रकार उनके खिलाफ छपी खबर के सारे साक्ष्य लेकर कोर्ट पहुंच जाता है। लेकिन इस अफसर की हिम्मत नहीं हो रही कि इन साक्ष्यों का सामना कर सके। कोर्ट से बचने अफसर कभी बुखार तो कभी घुटने में चोट का बहाना करके गायब हो जाते हैं। फिलहाल कोर्ट ने अगली पेशी पर सशरीर मौजूद रहने की सख्त हिदायत दे दी। मजेदार बात यह है कि इस अफसर के खिलाफ लोकायुक्त ने भी जांच पंजीबद्ध कर ली है। रिटायरमेंट के पहले अफसर ने भोपाल में जो महलनुमा कोठी बनाई थी, वह भी सरकारी दस्तावेजों के अनुसार अवैध घोषित हो गई है। यानि अफसर ने रिटायरमेंट के बाद शान से जीने के लिए जो धन और वैभव एकत्रित किया था, अब वह ही उनके जी का जंजाल बन गया है।

और अंत में…!

राजनीतिक क्षेत्र में काम करने वाले किसी सक्रिय कार्यकर्ता की तारीफ यदि विरोधी दल के नेता करें तो कार्यकर्ता का उत्साह कई गुना बढ़ जाता है। पिछले दिनों इंदौर में भाजपा की वरिष्ठतम नेता, पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन (ताई) ने मप्र कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। दरअसल प्रेस क्लब के एक कार्यक्रम में ताई मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थीं। मंच पर बैठे मप्र भाजपा के नव नियुक्त प्रवक्ता गोविन्द मालू को पुन: प्रवक्ता बनने की बधाई देते हुए ताई ने कहा कि मालू की नियुक्ति इस बात का प्रमाण है कि भाजपा ने सही निर्णय लिया है। कांग्रेस के केके मिश्रा पूरे अध्ययन के साथ भाजपा और हमारी सरकार पर हमले करते हैं। मैं उनकी इस शैली की प्रशंसा भी करूंगी। लेकिन अब मालू की नियुक्ति के बाद केके मिश्रा के हमलों का जबाव देने वाला भाजपा में सामने आ गया है।