Satpura Bhawan Fire: दो दिन में सौंपी जाएगी रिपोर्ट, मानवाधिकार आयोग ने कलेक्टर, कमिश्नर और नगर निगम को भेजे नोटिस

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Satpuda Bhawan Fire

Satpura Bhawan Fire: दो दिन में सौंपी जाएगी रिपोर्ट, मानवाधिकार आयोग ने कलेक्टर, कमिश्नर और नगर निगम को भेजे नोटिस

अग्नि दुर्घटना से स्वास्थ्य और जनजातीय कार्य विभाग के कर्मचारियों की भर्ती, पदोन्नति से लेकर सेवानिवृति तक प्रभावित होगी। यहां आग से सब कुछ खाक हो गया है।अनुमान है कि स्वास्थ्य विभाग की जांच एजेंसियों में चल रहे प्रकरणों की 300 समेत 10 हजार से अधिक फाइलें जल गई हैं।

स्वास्थ्य,आदिम जाति संचालनालय  में सिर्फ 30 प्रतिशत काम ही आनलाइन था, 70 प्रतिशत काम मैनुअल था। कंप्यूटरों के जलने से उसमें सुरक्षित डेटा भी नष्ट हो गए हैं।

सतपुड़ा भवन में लगी आग के बुझ जाने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि इस अग्निकांड में कितना नुकसान हुआ है. कौन-कौन से फाइलें जली हैं और उनके जल जाने का क्या असर पड़ सकता है. इसके साथ ही ये भी बड़ी बात है, आग कैसे लगी थी. गृहमंत्री ने कहा है कि’ एक बार जांच पूरी हो जाए तभी पता चल सकेगा कि कितनी फाइलआग से नष्ट हुई हैं. इससे पहले भी साल 2018 में विधनसभा चुनाव के ठीक बाद और साल 2012 में चुनाव के पहले इसी भवन की तीसरी मंजिल धधक उठी थी ,सतपुड़ा भवन के पश्चिमी ब्लॉक की तीसरी मंजिल पर संचालित आदिम जाति विभाग के दफ्तर से शुरू हुई आग से छठी मंज़िल का तीसरी बार निरीक्षण किया. उसने मौके से कुल 14 सैम्पल फॉरेंसिक जांच के लिए इकट्ठा किए. जो राज्य स्तरीय फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी सागर को जांच के लिए भेज दिए गए हैं.सतपुड़ा भवन अब खतरे से खाली नहीं है। बिल्डिंग में हमेशा अनहोनी होने का डर बना रहेगा। आग लगने से बिल्डिंग के इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान हुआ है। भीषण आग से सीमेंट रॉड और अन्य स्ट्रक्चर के नुकसान होने की आशंका है। भवन के कंक्रीट में 50 प्रतिशत से ज्यादा इंटरनल डैमेज पॉसिबल बताया गया है।

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भवन में एक साथ ज्यादा लोगों का बैठना खतरे से खाली नहीं है

मध्य प्रदेश के भोपाल में सतपुड़ा भवन में 12 जून को लगी आग से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। उच्च स्तरीय जांच समिति ने बुधवार को प्रभावित मंजिलों का तीसरी बार दौरा किया। 14 सैम्पल जुटाए गए हैं, जिन्हें सागर स्थित राज्य स्तरीय फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी को भेजा गया है।

ज्यादातर नुकसान भवन के पश्चिमी विंग में हुआ है। अब सरकार पूर्वी विंग के दफ्तरों को खोले जाने पर विचार कर रही है। आदिम जाति कल्याण विभाग के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के दफ्तरों में रखी हजारों फाइलें नष्ट हुई हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की स्थापना, नर्सिंग, शिकायत, लेखा और आयोग शाखा समेत विधानसभा प्रश्न से संबंधित दस्तावेज जल गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शिकायतों  की भी फाइलें थीं.

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भोपाल के पॉश अरेरा इलाके में मौजूद छह मंजिला सतपुड़ा भवन में कई अहम सरकारी विभागों के ऑफिस हैं. इनमें स्वास्थ्य विभाग, उच्च शिक्षा विभाग के साथ ही ईओडब्ल्यू, सीएम मॉनिटरिंग केस, जन शिकायत, आदिवासी कल्याण विभाग की टीएडीपी शाखा, वन विभाग, परिवार कल्याण विभाग आदि शामिल हैं.

स्वास्थ्य विभाग का पूरा रिकॉर्ड रूम यहीं बताया जा रहा है, जिसमें कोविड काल में अस्पतालों को किए गए भुगतानों से लेकर अन्य खर्च और शिकायतों आदि का रिकॉर्ड शामिल है. ईओडब्ल्यू ही व्यापमं घोटाले की जांच कर रही है. इस कारण मध्य प्रदेश ही नहीं देश के कई राज्यों को हिला देने वाले इस घोटाले से जुड़ी जांच फाइलें भी इसी बिल्डिंग में थीं. माना जा रहा है कि ये सब आग की चपेट में नष्ट हो गई हैं.

आग के बहाने ही सही हम सतपुड़ा को याद रखें

अनुमान है कि छठी मंजिल में स्वास्थ्य विभाग के कार्यालयों का पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है। 11 करोड़ रुपये से यह कार्य कराया जा रहा है। लगभग 15 दिन पहले छठी मंजिल का कार्य पूरा होने पर कार्यालय लगने लगे थे। यहां पर नए एसी, ब्रांडेड कंपनी की 25 हजार रुपये प्रति नग से अधिक कीमत की कुर्सियां, टेबल आदि खरीदे गए थे, जो जल गए हैं। लगभग 200 कंप्यूटर जले हैं।

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राज्य मानवाधिकार आयोग ने भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह, कमिश्नर मालसिंह भयड़िया और नगर निगम को नोटिस भेजे हैं। इसमें आग लगने की घटना पर तीन सप्ताह में जवाब मांगा गया है। आयाेग ने सवाल उठाया है कि निगम की फायर ब्रिगेड में 80% दमकलकर्मी हैं? आग बुझाते वक्त अमला बेबस नजर क्यों आया? आग पर काबू नहीं पाने की बड़ी वजह अनट्रेंड फायर फाइटर्स और अधूरे आउटडेटेड संसाधन रहे। ऐसा क्यों?

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