Narendra Singh Tomar Left BJP : मांधाता के बड़े BJP नेता नरेंद्र सिंह तोमर ने पार्टी छोड़ी!

पर्यटन विकास निगम का उपाध्यक्ष पद भी छोड़ा, कांग्रेस में जाने की ख़बरें!

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Narendra Singh Tomar Left BJP : मांधाता के बड़े BJP नेता नरेंद्र सिंह तोमर ने पार्टी छोड़ी!

Khandwa : भाजपा नेता और पिछले विधानसभा चुनाव (2018) में मांधाता विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार रहे नरेंद्र सिंह तोमर ने भाजपा से इस्तीफ़ा दे दिया। फ़िलहाल वे मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री का दर्जा) थे। उन्होंने भाजपा के प्राथमिक सदस्यता और पर्यटन निगम उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया। वे पदों से इस्तीफा मुख्यमंत्री और संगठन से संबंधित इस्तीफा संगठन मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष को 21 जून को दे चुके थे। कहा जा रहा है कि वे जल्द ही कांग्रेस में शामिल होंगे, वे मांधाता से उम्मीदवार बनाए जा सकते हैं।

मांधाता विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ नेता और जनसंघ के समय सक्रिय नरेंद्र सिंह तोमर 1985 से भाजपा में रहकर लगभग दो दर्जन पदों पर रह चुके हैं। लेकिन, मांधाता के विधायक नारायण पटेल के 2020 में कांग्रेस से भाजपा में आने और उन्हें भाजपा का टिकट मिलने के बाद से ही तोमर पार्टी के नेताओं से नाराज थे। पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष मुख्यमंत्री के होने से उनके उपाध्यक्ष होने के बावजूद कोई उनकी नहीं सुनता था। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले नरेंद्र सिंह तोमर के इस्तीफा देने मांधाता इलाके में भाजपा को करारा झटका लगा। वे राजपूत समाज के भी प्रमुख नेता हैं

बताते है कि अपने इस्तीफे को लेकर नरेंद्र तोमर ने कहा कि पार्टी ने बहुत दिया अब मैं आराम चाहता हूं। छात्र जीवन से लेकर अब तक पार्टी के लिए निष्ठा से काम किया। पार्टी ने भी मुझे बहुत दिया। जिले से लेकर प्रदेश तक विभिन्न पदों की जिम्मेदारी दी। विधानसभा चुनाव में मौका दिया। पार्टी से मुझे कोई शिकायत नहीं है। अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया है। अब आराम करना चाहता हूं।

कई प्रमुख पदों पर रहे
नरेंद्र तोमर जिला सहकारी बैंक और भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष और एनएचडीसी के डायरेक्टर भी रहे हैं। उन्होंने भाजपा में कई प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी भी संभाली हैं। किल्लौद विकासखंड और मांधाता विधानसभा क्षेत्र में उनके समर्थक बड़ी संख्या में हैं। उनके इस्तीफा देने के कारण का खुलासा नहीं हुआ। उनका कहना है कि मैंने परिवार और समाज को समय देने के लिए पार्टी से अलग होने का फैसला किया है। लेकिन, सच्चाई ये बताई जा रही कि जिले में पार्टी और संगठनात्मक गतिविधियों में उन्हें महत्व नहीं मिल रहा था।