अब लालू परिवार पर लटकी तलवार…

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अब लालू परिवार पर लटकी तलवार…

अभी महाराष्ट्र में सियासत के सूरमा शरद पवार भतीजे अजित पवार और उनके साथ सत्ता का स्वाद चखने गए एनसीपी विधायकों को सबक सिखाने में उलझे हैं। अब बारी बिहार की है, सो लालू यादव पर सपरिवार कानून की तलवार लटक गई है। अभी-अभी कुछ दिन पहले तो पटना में विपक्षी दलों का मेला लगा था। इसमें सालों बाद लालू के चेहरे पर खुशी दिखी थी‌। राहुल बाबा को शादी करने के लिए मना रहे थे। बारात में जाने और नाचने की उनकी इच्छा का इजहार भी खुलकर किया था। शायद उस दिन की लालू की खुशी को विरोधी पक्ष की नजर लग गई। और अब पूरा परिवार लैंड फॉर जॉब स्कैम के शिकंजे में है। राजनीति का यह रूप बहुत ही कुरूप है। जहां जवानी तो मद, पद और रुतबे में गुजर गई और बुढापे में चैन से घर पर रहने की जगह जेल और बेल में गुजारनी पड़ रही है।

पवार से ज्यादा बड़े तो नीतीश कुमार सियासत के खिलाड़ी हैं। कभी भाजपा का दामन थाम तो कभी कांग्रेस-तेजस्वी को संभाल मुख्यमंत्री की कुर्सी पर डट जाते हैं और मुश्किलों का पहाड़ लालू परिवार पर टूट पड़ता है। हालांकि तेजस्वी ने आशंका जता दी थी कि विपक्ष की बैठक से पहले दिल्ली में मेरे खिलाफ चार्जशीट दायर हो सकती है। विपक्षी दलों की बैठक जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी एजेंसियों के माध्यम से विपक्षी दलों को साधने की कोशिश करेगी। वहीं भाजपा कह रही है कि “जैसी करनी, वैसी भरनी”। लैंड फॉर जॉब मामले में ये लोग चार्जसीटेड हो गए। इन लोगों की करनी इसी तरीके की थी, जिसका फल इन लोगों को मिलने वाला है। दूसरी ओर, राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने इस मामले में कहा कि तेजस्वी यादव इसे लेकर पहले ही आशंका जता चुके हैं। बता दें कि लैंड फाॅर जाॅब केस 12 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। सीबीआई ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दायर की है। नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित मामले में पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और कई अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है। नौकरी के बदले जमीन लेने संबंधी घोटाले में लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस मामले में सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए दूसरे आरोपपत्र में 14 अन्य लोगों का नाम जोड़ा है। वैसे कहें तो भाजपा का यह फार्मूला फिट है। महाराष्ट्र में अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया। तो बिहार के डिप्टी सीएम की कुर्सी खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी। है न खेला…।

उधर महाराष्ट्र में शरद पवार की मंशा पर एनसीपी ने शपथ लेने वाले विधायकों पर एक्शन लेते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया है। अजित पवार समेत अन्य नेता पार्टी से बर्खास्त हो गए। महाराष्ट्र में एनसीपी ने पार्टी से बगावत करने वाले विधायकों पर में एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने इन विधायकों को बर्खास्त किया है। उन्होंने कहा कि इनके द्वारा पार्टी के प्रतीकों का इस्तेमाल करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

तो महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक लगातार जारी है। एनसीपी ने बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की है। हालांकि महाराष्ट्र से यह अच्छे संकेत मिल रहे हैं कि राज-उद्धव के बीच दूरियां कम होंगी, तो बाला साहब ठाकरे की आत्मा को शांति मिलेगी। पर बिहार में लालू परिवार संकट में आ गया है। लगता है कि उड़ीसा में पटनायक का विपक्ष और पक्ष दोनों से दूरी बनाना समझदारी भरा फैसला है। देखना अब यह है कि आगे किस-किसकी करनी उसे डुबोने का काम करती है…और विपक्ष की 2024 आते-आते क्या रंगत होती है।