कौन डॉक्टर, एक्सपर्ट गए विदेश, किसने दिया इस्तीफा, किसने लिया वीआरएस, सरकार को नहीं पता

सतपुड़ा आग के साइड इफेक्ट : जिलों से स्वास्थ्य विभाग ने मांगी फाइलें तैयार कर रिपोर्ट

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कौन डॉक्टर, एक्सपर्ट गए विदेश, किसने दिया इस्तीफा, किसने लिया वीआरएस, सरकार को नहीं पता

भोपाल: सतपुड़ा में 12 जून को लगी आग के बड़े साइड इफेक्ट सामने आने लगे हैं। सबसे अधिक दिक्कत स्वास्थ्य संचालनालय में सामने आई है जहां सरकार की अनुमति बगैर विदेश जाने और अनुुपस्थित रहने वाले चिकित्सकों, विशेषज्ञों, अधिकारियों की जानकारी का पूरा डेटा जलकर खाक हो गया है। अभी सरकार को यह नहीं मालूम है कि प्रदेश में कार्यरत चिकित्सकों, विशेषज्ञों, स्वास्थ्य अधिकारियों में से कितने रिटायर हो गए और कितनों ने वीआरएस लिया या त्यागपत्र दिया है। स्वास्थ्य संचालनालय को यह भी नहीं मालूम है कि विभाग में कार्यरत कितने लोकसेवकों के मामले में हाईकोर्ट में अवमानना के केस चल रहे हैं और वसूली की जानी है। इन हालातों को देखते हुए अब जिलों से अलग-अलग आठ कैटेगरी तय कर फाइलों के जरिये जानकारी मांगी गई है।

स्वास्थ्य विभाग ने सभी क्षेत्रीय संचालकों, सीएमएचओ, सिविल सर्जन से कहा है कि वे अपने क्षेत्राधिकार में कार्यरत एक्सपर्ट्स, चिकित्सकों, अधिकारियों से संबंधित मामलों की सूची तैयार कर शासन को भेजेंगे। इन अधिकारियों से कहा गया है कि जिन लोक सेवकों के विरुद्ध संचालनालय स्तर पर केस विचाराधीन थे या अनिर्णित थे, उन मामलों की जानकारी प्राथमिकता के आधार पर तैयार कर रिकार्ड्स के साथ भेजी जाए। केस रिपोर्ट तैयार करते समय संबंधित लोक सेवक का आवेदन, पत्राचार की जानकारी और अन्य अपडेट्स भी भेजना है। स्वास्थ्य संचालनालय ने प्रकरणों को अलग-अलग 8 कैटेगरी में बांटकर ही भेजने के लिए कहा है। इसमें यह भी कहा गया है कि जिन लोकसेवकों के मामले में कोर्ट में केस चल रहे हैं और कोर्ट से अवमानना की स्थिति है, साथ ही हाईकोर्ट के आदेश के परिपालन में वसूली की वापसी संबंधी केस की जानकारी भी जिलों से दी जाना है।

परिवीक्षा अवधि खत्म होने, अवकाश की जानकारी भी मांगी
जिलों से स्वास्थ्य विभाग के लोकसेवकों की विदेश याात्रा, अमरनाथ यात्रा, सेवानिवृत्ति और स्वैच्छिक सेवा निवृत्त तथा त्यागपत्र संबंधी प्रकरणों के साथ इससे संबंधित एनओसी की भी जानकारी देने के लिए कहा गया है। विभाग द्वारा जो जानकारी चाही गई है उसमें अवकाश, मातृत्व अवकाश, स्थापना संबंधी प्रकरणों के साथ चिकित्सकों द्वारा पूर्व पदस्थापना स्थल पर कार्यग्रहण करने की अनुमति को लेकर अपेक्षित निर्णय की जानकारी देना शामिल है। इसके साथ ही चिकित्सकों, एक्सपर्ट्स के चार स्तरीय वेतनमान संबंधी आवेदन और कार्यवाही संबंधी प्रकरणों की सूची, परिवीक्षा अवधि खत्म नहीं होने वाले लोकसेवकों के प्रकरण भी भेजने को कहा गया है। नीट पीजी 2023 के लिए विभागीय चिकित्सकों के सभी अभिलेख भी संचालनालय ने मांगे हैं। इसके साथ ही जिलों में अनधिकृत रूप से ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों, विशेषज्ञों, चिकित्सकों के विरुद्ध भी जानकारी चाही गई है। इन सबकी अलग-अलग नस्ती तैयार कर मंगाया गया है।

रिकार्ड में भारी हेराफेरी की आशंका
अब जबकि यह साफ हो गया है कि स्वास्थ्य विभाग के पास डॉक्टर्स, विशेषज्ञ, स्वास्थ्य अधिकारियों के कोई रिकार्ड नहीं बचे हैं तो इसके बाद यह आशंका भी तेज हो गई है कि जिलों से आने वाली जानकारी में इन लोकसेवकों के जन्मतिथि में बदलाव किए जाने, करप्शन और गैरहाजिरी समेत अन्य मामलों में दस्तावेजों में हेराफेरी होना तय है। चूंकि शासन स्तर पर रिकार्ड नहीं बचा है, इसलिए अब जिलों से आने वाली जानकारी को ही आधार मानने की वरिष्ठ अधिकारियों की मजबूरी होगी।