Kailash Kher Birthday : टूटी चप्पलें और आत्महत्या का ख़याल बहुत ही मुश्किलों भरा था Kailash के लिए वो दौर

524

Kailash Kher Birthday : टूटी चप्पलें और आत्महत्या का ख़याल बहुत ही मुश्किलों भरा था Kailash के लिए वो दौर

शहूर बॉलीवुड सिंगर कैलाश खेर आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। कैलाश खेर (जन्म ७ जुलाई १९७३) को उत्तर प्रदेश में हुआ वे एक भारतीय पॉप-रॉक गायक है जिनकी शैली भारतीय लोक संगीत से प्रभावित है। कैलाश खेर ने अबतक १८ भाषाओं में गाने गाये है और ३०० से अधिक गीत बॉलीवुड में गाये है।

कैलाश खेर को संगीत मानों विरासत में मिली हो। उनके पिता पंडित मेहर सिंह खेर पुजारी थे और अक्सर घरों में होने वाले इवेंट में ट्रेडिशनल फोक सॉन्ग गाया करते थे। कैलाश ने बचपन में पिता से ही संगीत की शिक्षा ले ली थी। लेकिन वह कभी भी बॉलीवुड गाने सुनना पसंद नहीं करते थे और ना ही सुना करते थे पर उनको संगीत से लगाव तो काफी था।

‘तेरी दीवानी’ और ‘सैंया’ जैसे गानों से खुद को सफलता के शिखर पर पहुंचाने वाले कैलाश खेर के फैन हर उम्र के लोग हैं। 7 जुलाई 1973 को यूपी के मेरठ में जन्मे कैलाश खेर के पिता पंडित मेहर सिंह खेर एक पुजारी थे और घरेलू कार्यक्रमों में गाते थे।

kailsh kher

हालाँकि उनके पिता संगीत से जुड़े हुए थे, लेकिन कैलाश खेर के लिए संगीत में ही सफलता हासिल करना इतना आसान नहीं था। खासकर बॉलीवुड सिंगर बनने का सपना साकार करना बहुत मुश्किल था। हालाँकि आज वह 18 भाषाओं में कैलाश खेर के लगभग 300 गाने गा चुके हैं।

परिवार के विरुद्ध विद्रोह
13 साल की उम्र में कैलाश खेर ने अपने परिवार से बगावत कर मेरठ से दिल्ली की राह पकड़ी और दिल्ली आकर संगीत सीखना शुरू कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने पैसे कमाने के लिए एक छोटा सा काम भी शुरू किया, वे विदेशियों को संगीत सिखाकर पैसे कमाते थे। काफी समय दिल्ली में बिताने के बाद साल 1999 तक कैलाश खेल ने अपने एक पारिवारिक मित्र के साथ मिलकर एक्सपोर्ट का बिजनेस करना शुरू कर दिया, लेकिन घाटा होने के कारण पूंजी भी खत्म हो गई, जिसके कारण कैलाश खेर डिप्रेशन का शिकार हो गए। यहाँ तक कि वह आत्महत्या भी करना चाहता था। हालाँकि, समय बीतता गया और कैलाश पैसे कमाने के लिए सिंगापुर और थाईलैंड चले गए।


साधु के साथ बिताया समय
6 महीने बाद कैलाश खेर सिंगापुर और थाईलैंड से देश लौट आए और ऋषिकेश चले गए जहां उन्होंने साधु-संतों के साथ समय बिताया और गाते रहे। यहां साधुओं ने उनकी गायकी को खूब सराहा, जिससे कैलाश खेर का आत्मविश्वास फिर लौट आया। उनका गायक बनने का सपना फिर जाग उठा और वह मुंबई आ गये। हालाँकि, यहाँ एक बड़ा संघर्ष उनका इंतज़ार कर रहा था। पैसों के मामले में हालत इतनी खराब थी कि वह स्टूडियो में टूटी चप्पलें पहनकर घूमते थे। एक दिन राम संपत ने उनसे ऐड का जिंगल गवाया और इसके लिए उन्हें 5000 रुपये दिए गए।


मूवी ब्रेक
सालों के संघर्ष के बाद कैलाश खेर को फिल्म अंदाज में सफलता मिली। कैलाश ने फिल्म का गाना ‘रब्बा इश्क ना होवे’ गाया, जो लोगों को काफी पसंद आया। लेकिन जब उन्होंने फिल्म वैसा भी होता है में ‘अल्ला के बंदे हम’ गाने को अपनी आवाज दी तो लोग उन्हें पहचानने लगे। आज कैलाश खेर सफलता की बुलंदियों पर हैं और उन्हें दर्जनों पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। 2009 में उन्होंने मुंबई की रहने वाली शीतल से शादी की और दोनों का एक बेटा कबीर है।

Dailyhunt