कर्मचारियों के गृह भाड़ा भत्ते पर सदन में घिरे वित्त मंत्री देवड़ा, अध्यक्ष को करना पड़ा हस्तक्षेप

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आगामी विधानसभा सत्र में सदन में गूंजेगी नीति आयोग की रिपोर्ट और प्रदेश की गरीबी ...

कर्मचारियों के गृह भाड़ा भत्ते पर सदन में घिरे वित्त मंत्री देवड़ा, अध्यक्ष को करना पड़ा हस्तक्षेप

भोपाल: वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा विधानसभा में कर्मचारियों के वेतन और गृह भाड़ा भत्ते को लेकर चल रही विसंगति की स्थिति को लेकर संतोषप्रद जवाब नहीं दे सके। इस पर कांग्रेस विधायकों ने सरकार से नियम बदलने की मांग की तो वित्त मंत्री ने हाईकोर्ट में केस चलने की बात कहकर इसे टालने की कोशिश की। इसके बाद भी संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर विधानसभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना पड़ा।

सदन की कार्यवाही शुरू होने पर प्रश्नोत्तर काल के दौरान विधायक कल्पना वर्मा ने सवाल किया कि प्रदेश के कर्मचारियों को एक जनवरी 2016 से सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता पुनरीक्षण का लाभ नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि वेतन पुनरीक्षण अब तक क्यों नहीं किया गया? वर्मा ने सवाल उठाए कि तीस जून को 365 दिन पूरे करने वाले कर्मचारियों को लाभ नहीं दिया जाता। इसलिए तीस जून को रिटायर होने वाले कर्मचारी वेतन, भत्ते के लाभ से वंचित हो जाते हैं। सरकार को इसमें संशोधन करना चाहिए। इसके जवाब में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि इसको लेकर जबलपुर और इंदौर हाईकोर्ट की एकलपीठ के अलग-अलग फैसले आए हैं। इसलिए सरकार हाईकोर्ट में चल रहे इसी संबंधी अन्य फैसले के बाद ही इस मामले में कोई कार्यवाही कर पाएगी।

मंत्री ने यह भी कहा कि इसको लेकर एक कमेटी बनाई गई है जिसकी रिपोर्ट अभी आना बाकी है। विधायक पीसी शर्मा, ओंकार सिंह ने इसके लिए सरकार से नियमों में बदलाव करने की मांग की और कहा कि 365 दिन पूरे होने पर लाभ मिलने के लिए सरकार को फैसला करना चाहिए। वित्त मंत्री के जवाब से विधायकों को असंतुष्ट देख विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि जब मामला कोर्ट में है तो सरकार फैसला कैसे कर सकती है। इसलिए फैसला आएगा तो सरकार निर्णय लेगी।