Bhopal : राजधानी भोपाल के रानी कमलापति (हबीबगंज) रेलवे स्टेशन देश का पहला वर्ल्ड क्लास स्टेशन है। भारतीय रेलवे के स्टेशनों के पुनर्विकास का काम जब पूरे देश में शुरू हुआ, तो सबसे पहले बदलाव इसी स्टेशन का किया गया। रेलवे स्टेशनों को भीड़ भरी जगह के बजाए एयरपोर्ट जैसी उन्मुक्त और व्यावसायिक केंद्र में बदला गया है। यहाँ रेल यात्री अपनी ट्रेन का इंतजार करते हुए गुणवत्तापूर्ण समय बिता सकते हैं।
सरकार ने इन 10 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन में बदलाव किया है, इसके बाद अब ये स्टेशन विश्वस्तरीय सुविधाओं वाला हो गया।
* हबीबगंज भारत का पहला रेलवे स्टेशन है जिसे जर्मनी के हाइडेलबर्ग रेलवे स्टेशन की तर्ज पर तैयार किया गया है।
*.पुनर्निर्माण होने के बाद, रेलवे स्टेशन में प्रवेश द्वार के ऊपर कांच की गुबंदनुमा संरचना लगाई गई, जिससे इसकी खूबसूरती में चार चांद लग गए।
* रेलवे स्टेशन को एलईडी लाइट की मदद से ग्रीन बिल्डिंग में तब्दील किया गया है। इसके साथ ही बेकार पानी को भी ट्रीट करके दोबारा इस्तेमाल में लाया जाने लगा।
* कैफेटेरिया और फूड प्लाजा भी बनाए गए हैं। यात्रियों के लिए एक विशाल और आरामदायक वेटिंग लाउंज भी विकसित किया गया।
* हर प्लेटफॉर्म पर यात्रियों के लिए होल्डिंग एरिया भी बनाए गए। ट्रेन से उतरकर स्टेशन से बाहर जाने वाले यात्रियों के लिए भी अंडरपास हैं। ये कदम रेलवे प्लेटफॉर्म पर भीड़ कम करने के लिए लिया गया है।
* स्टेशन के पुनर्विकास का काम भारतीय रेलवे स्टेशन विकास कॉर्पोरेशन के साथ ही निजी संस्था बंसल ग्रुप के द्वारा किया गया।
* ये देश का पहला रेलवे स्टेशन है जिसका पुनर्विकास PPP Model (सार्वजनिक-निजी उपक्रम) के आधार पर किया गया है।
* स्टेशन से बाहर भी व्यावसायिक उपक्रम बनाए गए हैं! जिनमें बस टर्मिनल, ऑफिस लॉबी है। इसके अलावा पश्चिमी दिशा में सर्विस अपार्टमेंट भी बनाए।
* स्टेशन से बाहर पूर्वी छोर पर होटल, हॉस्पिटल, स्पा और कन्वेंशन सेंटर सुविधा के लिए बनाए गए हैं।
* रेलवे स्टेशन के इस पूरे कायाकल्प पर करीब 450 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च आया। जिसमें स्टेशन के विकास पर करीब 100 करोड़ रुपये खर्च हुए। जबकि, करीब 350 करोड़ का खर्च व्यावसायिक विकास पर खर्च किया गया।