Bribe Case : कुमार विश्वास की पत्नी को दी क्लीन चिट, ACB ने नामजद FIR दर्ज की!

जानिए क्या है पूरा मामला

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Bribe Case : कुमार विश्वास की पत्नी को दी क्लीन चिट, ACB ने नामजद FIR दर्ज की!

Jaipur : राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी ने गोपाल केसावत ट्रेप के एक दिन बाद आरपीएससी सदस्यों और अधिकारियों को मौखिक क्लीन चिट दे दी। उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के डाटा विश्लेषण के बाद दिया जाएगा।

एसीबी ने राज्य घुमंतू जाति कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गोपाल केसावत व तीन अन्य को 18.50 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार गोपाल केसावत जयपुर के प्रताप नगर में कुम्भा मार्ग, ब्रह्म प्रकाश दिल्ली, अनिल कुमार धरेन्द्र हनुमानगढ़ टाउन तथा रवीन्द्र शर्मा टिब्बी निवासी हैं। एसीबी ने गिरफ्तार आरोपियों को रिमांड पर लेने की बजाय कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।

एसीबी ने कुमार विश्वास की पत्नी आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा को एफआईआर में नामजद किया। जबकि, अन्य सदस्यों की भूमिका संदिग्ध बताई गई। परिवादी ने कहा है कि गोपाल ने मंजू के नाम पर रिश्वत मांगी थी। अनिल ने परिवादी को आरपीएससी चेयरमैन व अन्य सदस्य से जानकारी का हवाला देते हुए केसावत से मिलवाया था। पीड़ित के परिवाद पर ही एफआईआर दर्ज की गई है। परिवादी ने अपनी शिकायत में आयोग के चेयरमैन व अन्य महिला सदस्य पर भी आरोप लगाए हैं।

आरोप-प्रत्यारोप

RPSC ईओ परीक्षा में रिश्वत कांड के खुलासे के बाद गहलोत सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मंजू शर्मा के समर्थन में बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने से कोई दोषी नहीं बनता। अभी एसीबी की जांच जारी है। बीजेपी प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने सवाल किया कि आखिर राजस्थान की कांग्रेस सरकार की कौन सी मजबूरी है, जो पहले कुमार विश्वास की पत्नी को आयोग की सदस्य बनाया। वहीं अब सरकार इस मामले में सफाई दे रही है।

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40 लाख में पद का सौदा

मुख्य फरियादी एडवोकेट हरदीप सिंह सुंदरियों और दूसरे फरियादी सुंदर ने एसीबी सीकर को 7 जुलाई को लिखित में परिवाद पेश किया। इसमें बताया कि भर्ती मेरिट में लाने के लिए आरोपी अनिल कुमार ने आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा व आरपीएससी चेयरमैन के नाम से यह कहकर रुपए मांगे कि ये दोनों 40 लाख रुपए लेंगे। 25 लाख रुपए पहले व शेष 15 लाख रुपए भर्ती के बाद लेंगे। इसके बदले में अभ्यर्थी विकास को मेरिट में लाकर ईओ के पद पर नौकरी लगवा देंगे। उक्त मामले की एसीबी ने एफआईआर दर्ज की।

गिरफ्तार आरोपी गैर सरकारी व्यक्ति

ईओ भर्ती परीक्षा में पास करवाने के नाम पर 18.50 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद 28 घंटे की मौखिक जांच पर एसीबी ने आरपीएससी को क्लीन चिट दे दी। एसीबी ने सबूतों की जांच की ही नहीं। वहीं, एसीबी ने पहली बार आरोप लगने वाले रसूखदारों को क्लीन चिट देने के लिए प्रेस वार्ता बुलाई। सूत्रों के अनुसार नकल मामले में सरकार की फिर से किरकिरी होने के बाद रविवार को अवकाश के बावजूद एसीबी के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी और आईजी सवाई सिंह गोदारा एसीबी मुख्यालय पहुंचे और आरपीएससी का बचाव करते हुए कहा कि गिरफ्तार आरोपी गैर सरकारी व्यक्ति है और ठग की तरह रिश्वत ली है।