खरगोन से आशुतोष पुरोहित की रिपोर्ट
Khargone MP: हाॅकी के पूर्व औलम्पिक खिलाडी और कोच रहे मीर रंजन नेगी का बडा बयान आया है। नेगी का कहना है की देश में हाॅकी को लेकर प्यार और सम्मान कम नही हुआ है। 41 साल बाद औलम्पिक में पुरूषो ने भारत के लिये कास्य पदक जीता है वही महिलाओं ने खेल के जरिये देश का दिल जीता है।
नेगी खरगोन में सरदार स्वर्गीय मनमोहन सिंह चावला की स्मृति में 20 नवम्बर से राज्यस्तरीय महिला हाॅकी प्रतियोगिता के पूर्व बालिका और महिलाओ को तीन दिवसीय प्रशिक्षण देने पहुंचे। फिल्म अभिनेता शाहरुख खान की चक दे इंडिया फिल्म हाॅकी खिलाडी और कोच मीर रंजन नेगी के जीवन पर आधारित बनी है।
मीडिया से चर्चा में नेगी ने दावा किया की बायौपीक फिल्मी बनने से खेल का महौल देश में बनता है। हर खिलाडी की है अपनी कहानी होती है लोगो पसन्द करते है। हाॅकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की उपेक्षा पर नेगी ने एक बार फिर सवाल उठाये। नेगी का मानना था की क्रिकेट का विरोध नही पर सचिन तेंदुलकर की जगह तीन बार औलम्पिक के खिलाडी रहे ध्यानचंद जी को भारत रत्न मिलना था। सम्मान और पदक बांटने में पूर्व सरकार की चूक को इस सरकार ने भी दौहराया है।
इस दौरान हाॅकी के पूर्व खिलाडी नेगी ने सीएम शिवराजसिंह चौहान की हाॅकी विशेषकर महिला हाॅकी को प्रोत्साहन की तारीफ की। नेगी का मानना था की भोपाल ग्वालियर की तरह खरगोन को भी सरकार ने हाॅकी का हब बनाना चाहिये। यहाॅ बहुत सुविधा है। कंगना राणावत के पद्मश्री के सवाल को राजनैतिक कहकर टाल गये।
बाईट – मीर रंजन नेगी पूर्व औलम्पिक खिलाडी और हाॅकी कोच