Manipur Case : मणिपुर घटना के वीडियो की जांच राज्य से बाहर CBI करेगी!
New Delhi : मणिपुर वायरल वीडियो की जांच केंद्रीय गृह मंत्रालय केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपेगा। इसके अलावा केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर मणिपुर वायरल वीडियो की जांच राज्य से बाहर कराने का भी निवेदन करेगा। जिस मोबाइल से वायरल वीडियो को रिकॉर्ड किया गया, उसे जब्त कर लिया गया है। साथ ही वीडियो बनाने वाले की भी गिरफ्तारी हो गई।
केंद्र का मानना है कि मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधर रही है, पर अभी पूरी तरह सामान्य नहीं हुई। राज्य में 35 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। सरकार के मुताबिक राज्य में रोजमर्रा के सामान की कोई कमी नहीं है। खाद्य और आवश्यक आपूर्ति की कीमत नियंत्रण में हैं। बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी काम पर लौट रहे हैं और स्कूल भी फिर से शुरू हो रहे।
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 3 मई को आदिवासी एकजुटता मार्च निकालने के बाद राज्य में जातीय हिंसा भड़क उठी थी। अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
वीडियो मामले में सात गिरफ्तार
महिलाओं की नग्न परेड कराने की घटना 4 मई को कांगपोकपी जिले में हुई थी। हजारों लोगों की हथियारबंद भीड़ ने एक गांव पर हमला किया, मकानों को लूटा और उसमें आग लगाई। इसके बाद दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया गया। बाद में उनसे सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया। विरोध करने पर उनके दो पुरुष परिजनों की हत्या भी कर दी गई।
ढाई माह बाद पिछले सप्ताह सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो प्रसारित होने के बाद मामला पहली बार सामने आया था। हालांकि, पुलिस का कहना था कि इस मामले में 18 मई को जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी। वीडियो प्रसारित होने के बाद सड़क से लेकर संसद तक में प्रदर्शन हुए।