Honeymoon Murder Mystry: युवा वर्ग में बढ़ती अवैध संबंधों की लालसा से जन्म लेता है अपराध!

कानून का डर नहीं, अपराध करने के बाद ही खुलती आँखें!

1523

Honeymoon Murder Mystry: युवा वर्ग में बढ़ती अवैध संबंधों की लालसा से जन्म लेता है अपराध!

दिनेश सोलंकी की विशेष रिपोर्ट

इंदौर की सोनम रघुवंशी द्वारा अपने पति राजा की हत्या के किस्सों की तरह कई किस्से हैरत अंगेज होकर सामने आए हैं और ऐसे विभत्स कांड से दूषित मानसिकता का ग्राफ तेजी से ऊपर उठ रहा है। इसके पीछे टीवी-ओटीटी सीरियलों और फिल्मों में सामाजिकता के स्थान पर उत्तेजना, अवैध संबंधों को जिस तरह से खुलकर दिखाया जा रहा है और परिवारों में भी घरेलू अवैध संबंधों से कहानियों में जिस तरह का ट्विस्ट डाला रहा है, वह वास्तविक जीवन में भी लगातार जहर घोल रहा है जिससे लगता है कि ऐसे किस्से अभी और होने बाकी होंगे या इनका चलन हो जायेगा। खासकर नई पीढ़ि में लव अफेयर में ब्रेकअप, लिव एन रिलेशनशिप जैसे मामले आपसी संबंधों में गम्भीरता नहीं ओढ़ पा रहे हैं। वहीं पति -पत्नि के संबंधों में प्यार, प्रणय, एक दूसरे के प्रति लगाव, त्याग जैसी भावनाएं कम होकर अवैध संबंधों को लेकर मानसिकता पर वक्रपात कर रहे हैं।

IMG 20250610 WA0030
युवा वर्ग में टीवी सीरियलों में अवैध संबंधों के रिश्ते, ओटीटी प्लेटफार्म में उत्तेजित संबंधों को बढ़ावा देने वाली सीरिजें और फिल्मों में कामुकता, भड़कीले डांस, द्विअर्थी संवाद तेजी से प्रभाव डाल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अपराधिक पृष्ठभूमि पर बनने वाली फिल्मों, ओटीटी प्लेटफार्म के सीरियलों और सामाजिक टीवी सीरियलों से युवाओं का ध्यान अपराध की जगत की ओर बढ़ता जा रहा है। सबसे ज्यादा बुरा असर यह पड़ रहा है कि युवा वर्ग में पुलिस और कानून क्या होता है, इससे वें बेपरवाह हैं और किसी भी श्रेणी का अपराध करने में वे अपने दिमागी फितुर को ही अपनी उस्तादी मानकर अपराध कर बैठते हैं। वे भूल जाते हैं कि आजकल अपराध की जड़ तक जाने में पुलिस और जांच एजेंसियों के पास आधुनिक संचार व्यवस्था कितनी कारगार हो गई। सबसे ज्यादा अहम सुराग तो सीसीटीवी कैमरे दे देते हैं उसके अलावा मोबाइल की सिम से जुड़े उपकरण भी कैच करने में कारगार साबित होते हैं जो अपराध करने वालों को पुलिस घेरे में लाने में देर नहीं लगाते हैं।

IMG 20250610 WA0028

*यूपी में सबसे ज्यादा हत्या के मामलों में पत्नियों का कृत्य*
इंदौर के राजा रघुवंशी की हत्या की तरह उत्तर प्रदेश में पिछले तीन माह में लगातार ऐसे बड़े मामले सामने आए हैं जिसमें पत्नी ने अपने पति को रास्ते से हटाने के लिये नए-नए और विभत्स तरीके अपनाए हैं, लेकिन पुलिस की पकड़ के आगे सब बेअसर साबित हुए हैं और आपराधिक ताने बाने बुनने वाली ऐसी पत्नियां जेल की सलाखों तक जा पहुंचे हैं। इसी साल 3 मार्च को मेरठ में हुआ जघन्य अपराध अब तक सबसे बड़ा हैरान कर देने वाला हत्याकांड रहा है जिसमें पत्नी मुस्कान रस्तोगी ने अपने पति सौरभ की हत्या करके किया था। उसने अपने प्रेमी साहिल शुक्ला के साथ मिलकर उसे ड्रम में डालकर ऊपर से सीमेन्ट का लेप करवा दिया। कितना आसान था मुस्कान और साहिल के लिये कि पुलिस उन तक पहुंच ही नहीं पाएगी और वें दोनों अपने मंसूबे पूरे कर पाएंगे, याने उन्होंने पुलिस और कानून को अपनी मुठ्ठी मे समझा था। इसके पहले बिजनोर जिले की नसीबाबाद में 4 अप्रैल को शिवानी ने अपने पति दीपक कुमार की हत्या अवैध संबंधों के चलते कर डाली थी जबकि दोनों के बीच लव मैरेज हुई थी। 21 अप्रैल को दुबई में कार्यरत अपने पति नौशाद की हत्या उसकी पत्नी रजिया ने अपने प्रेमी रोमाना के साथ मिलकर कर दी थी। कानपुर के साढ़ क्षेत्र में 21 मई को रीना ने अपने भतिजे से अवैध संबंधों के चलते पति धीरेन्द्र पासवान की हत्या कर डाली थी। यूपी के ही बलिया जिले में 14 मई को सिकन्दरपुर के दियारे में एक विभत्स हत्याकांड में उजागर हुआ कि अपने फौजी पति देवेन्द्र की हत्या पत्नी मायादेवी ने अपने प्रेमी और उसके दोस्तों के साथ मिलकर की थी बल्कि उसके 6 टुकड़ों में शव फिकवाया था। ऐसे मामलों में खौफनाक हत्याओं को अंजाम देने वाली महिलाओं, प्रेमी और उनके साथियों की मानसिकता पता चल जाती है कि वे अपने दुष्कर्मों को करने से पहले पुलिस और कानून को या तो मजाक में लेते हैं, या उससे अंजान रहते हैं या फिर अपने दिमागी फितुर को ही लोहा मान बैठते हैं।

*पुलिस और कानून की ताकत पहचाने युवा वर्ग*
अपराध करने से पहले युवा वर्ग यह भूल जाता है कि कानून और पुलिस की ताकत क्या होती है या उनका जांच का दायरा ऐसे अपराधों के मामलों में कितना विस्तृत हो जाता है। अब जरुरी होता जा रहा है कि टीवी सीरियल, ओटीटी और फिल्मों के प्रति शासन गम्भीर बने जो युवा वर्ग को पथ भ्रष्ट बनाने में सबसे आगे हो रहा है। थर्ड ग्रेड की फिल्मों को नहीं रोक पाने का असर अब बड़े बजट की फिल्मों पर भी पड़ रहा है जिसका ताजा उदाहरण हालिया रिलीज फिल्म हाऊसफुल 5 है जिसमें द्विअर्थी संवाद एक्शन के साथ दिखाए गए हैं ऐसे में हर वर्ग में यौवन की उत्तेजना और अपराध एक दूसरे के पूरक बनते जा रहे हैं जिसके लिये सामाजिक चिंतन भी जरुरी हो जाता है।