GST Network : GST को PMLA एक्ट से जोड़ने का देश भर के व्यापारियों का विरोध
Ratlam : GST की गड़बड़ी और गलती पर सख्ती तो ठीक हैं लेकिन सिर्फ व्यापारियों में ही सरकार को चोर और अपराधी दिखाई दे रहे हैं। जबकि सबसे अधिक टेक्स कारोबारियों से सरकार को मिलता हैं।ताजा बदलावों से यह बात साबित हो रही हैं कि व्यापार करना सरकार की नजर में सबसे बड़ा अपराध हैं।सरकार ने जीएसटी नेटवर्क को अब प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (PMLA) से जोड़ दिया है।वहीं ED को अधिकार दे दिया गया हैं कि वह GST के डाटा के आधार पर कार्रवाई करें।केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने PML ACT-2002 में संशोधन कर GST नेटवर्क शब्द को शामिल कर लिया है।PML ACT अब तक देशद्रोह,अपराधों,ड्रग्स और अवैध व्यापार से धन कमाने के मामले में लगता रहा हैं।यह बात मप्र कांग्रेस उद्योग एवं व्यापार प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष विशाल डांगी ने कही।
वह मीडियावाला से दुरभाष पर बात कर रहें थे।मीडियावाला द्वारा पूछें गए सवाल पर कि इस कानून में बदलाव
से व्यापार पर क्या इफेक्ट होगा तो विशाल डांगी ने बताया कि स्पष्ट हैं कि यह बदलाव कर सरकार गंभीर अपराधियों और देशद्रोहियों के तराजू में व्यापारियों को तोल रही हैं।हम केंद्र सरकार द्वारा उठाए इस कदम की न केवल निंदा बल्कि विरोध भी करते हैं।GST को किसी भी तरीके से PML Act में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।सरकार इस निर्णय को वापस ले।यूं भी यह धारणा बनती रही हैं कि ED जैसी एजेंसी का उपयोग राजनीतिक प्रतिशोध के लिए किया जाता रहा हैं।
व्यापार करना और GST की गलतियां आपराधिक कृत्य नहीं मानी जा सकती।सरकार के हर ऐसे कदम का व्यापारी वर्ग विरोध करता है।उन्होंने कहा कि साथ ही मप्र कांग्रेस उद्योग एवं व्यापार प्रकोष्ठ इस निर्णय को वापस लेने की मांग करता हैं।जबकि GST एक्ट में कार्रवाई के अधिकार और पर्याप्त शक्तियां विभाग के पास मौजूद हैं तो इसे ED को व्यवसाय की गतिविधियों में शामिल कर व्यापार जगत को भयग्रस्त करना अनुचित ही नहीं अन्यायपूर्ण कृत्य हैं।इस निर्णय को वापस नहीं लिया जाता तो प्रदेश भर में व्यापारी वर्ग द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा और यह आवाज देश स्तर पर भी पंहुचेगी और आंदोलन उग्र रूप धारण कर लेगा, डांगी कहते हैं कि केंद्र सरकार और मध्यप्रदेश सरकार इस संदर्भ में शीध्र व्यापारियों के हित में जीएसटी में बदलाव कर नाराज व्यापारियों के हित में फैसला ले।