Dr Saraswati Suicide Case: भोपाल मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर
भोपाल: भोपाल गांधी मेडिकल कॉलेज की पोस्ट ग्रेजुएट छात्रा डॉक्टर बाला सरस्वती की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कॉलेज के जूनियर डॉक्टर इसी संबंध में आज हड़ताल पर चले गए हैं। जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से गांधी मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही है। कई मरीज यहां-वहां भटक रहे हैं।
राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज GMC की गायनेकोलॉजी (स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ) की जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती का सुसाइड नोट सामने आ गया है। उसने अपने मोबाइल पर सुसाइड नोट लिखा था और इसे अपनी एक सहेली को भेजा था।
जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती के पति ने कॉलेज की तीन महिला डॉक्टर को उसकी मौत का जिम्मेदार ठहराया है।उसने कॉलेज के सहयोगियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है. उसने लिखा है कि यह कॉलेज मेरे लिए बहुत टॉक्सिक है. मैं मेरी थीसिस कभी पूरी नहीं कर पाऊंगी. ये लोग मुझे कभी भी दोबारा नहीं देंगे. यदि मैं अपना खून और आत्मा लगा दूं, अपना सब कुछ दे दूं तो यह भी उनके लिए कभी पर्याप्त नहीं होगा. इस सुसाइड नोट मिलने के बाद पुलिस आरोपियों के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई करेगी.
बाला सरस्वती GMC में थर्ड ईयर की स्टूडेंट थीं। रविवार को उन्होंने रात में एनेस्थीसिया का ओवरडोज ले लिया था। सोमवार को सुबह वह घर में बेसुध मिली थीं, उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां पता चला कि उनकी मौत हो चुकी है।
सूचना मिलने के बाद 27 साल की जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती का परिवार भोपाल आया। उनके मां पिता फूट-फूटकर रोए। बाला सरस्वती के पति जय कुमार ने कहा कि उनसे लगातार कई दिनों तक ड्यूटी कराई जाती थी। अवकाश नहीं दिया जाता था इसके बाद भी कामचोर कहा जाता था। यहां तक कि थीसिस भी मंजूर नहीं कर रहे थे। उन्होंने स्पष्ट आरोप लगाया कि तीन महिला डॉक्टर उनकी पत्नी की मौत की जिम्मेदार हैं।