नागदा जिला घोषित होते ही विरोध के स्वर भी उठे, आलोट विधायक ने सहमति पत्र वापस लिया

बोले - जावरा जिला बनता है तो मैं ताल के व्यापारियों के साथ हूं

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नागदा जिला घोषित होते ही विरोध के स्वर भी उठे,आलोट विधायक ने सहमति पत्र वापस लिया

अजेंद्र त्रिवेदी की रिपोर्ट

उज्जैन: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भले ही नागदा को जिला बनाने की घोषणा की और नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया, घोषणा के साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो तहसील नागदा जिले में शामिल नहीं होना चाहती है वह शामिल नहीं होगी। इसी तारतम्य में कांग्रेस विधायक मनोज चावला द्वारा उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम को आलोट एवं ताल की सहमति दी थी उसे वापस ले लिया है। ताल में व्यापारी संघ ने विधायक मनोज चावला के समक्ष नागदा में ताल को शामिल करने पर आक्रोश व्यक्त किया।

विधायक के नेतृत्व में व्यापारियों ने ताल में जुलूस निकाला तथा ताल थाने पर थाना प्रभारी को ज्ञापन दिया। विधायक मनोज चावला बोले- रतलाम जिले में यदि नवीन जिला जावरा बनता है तो हम तैयार हैं। गजट नोटिफिकेशन के पश्चात एक माह का समय मिलेगा जिसमें प्रत्येक नागरिक को अपना पक्ष रखने का अधिकार होगा। व्यापारियों ने विधायक मनोज चावला से कहा हमारी पहचान रतलाम एवं जावरा से है जिसे हम बनाए रखना चाहते हैं प्रत्येक व्यापारी हर हालत में फिलहाल रतलाम जिले में ही रहेंगे।

प्रतिनिधिमंडल में व्यापारी अध्यक्ष श्याम महेश्वरी, नटवर सोनी, नवीन मेहता, नरेंद्र भरगढ़, सुनील बांठिया, गोल्डी धनोतिया, मनोहर राठौर, सुजान मल जैन, मनोज जैन, निर्मल बांठिया, लोकतंत्र सेनानी रामचंद्र शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र सिंह सिसोदिया, पार्षद पवन मोदी, बंसी पोरवाल, सुशील सकलेचा, बलदेव सोनी व कई व्यापारी गण नागरिक शामिल थे।

ज्ञात रहे कि पूर्व में महिदपुर को नागदा जिले में शामिल करने का पुरजोर विरोध वहां के विधायक बहादुर सिंह चौहान कर चुके हैं उन्होंने महिदपुर को अलग जिला बनाने की कर रखी है।