Dr Bala Sarswati Suicide Case:हड़ताल जारी! इस बात पर अड़े जूनियर डॉक्टर्स, कहा- एक्शन से संतुष्ट नहीं
Bhopal News: भोपाल (Bhopal) में कुछ दिन पहले हुई एक सहकर्मी की मौत के विरोध में यहां स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज (Gandhi Medical College) के 250 से अधिक जूनियर डॉक्टरों ने गुरुवार को तीसरे दिन भी अपनी हड़ताल जारी रखी.भोपाल के मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर सरस्वती की आत्महत्या से गुस्साए साथी छात्रों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है. वह तीन दिन से हड़ताल पर हैं.प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने दावा किया कि जीएमसी में हड़ताल के कारण 40-45 सर्जरी स्थगित कर दी गईं और बाह्य रोगी विभागों और आपातकालीन सेवाओं में 3,000 रोगियों की जांच प्रभावित हुईं.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में जूनियर डॉक्टर की आत्महत्या का मामला शांत भी नहीं पड़ा था कि एक और छात्र ने दवा का ओवरडोज लेकर आत्महत्या करने की कोशिश की। छात्र की हालत गंभीर बनी हुई है। बताया गया है कि कार्तिक नाम के छात्र ने लगभग दो साल पहले एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर ली थी। उसने गुरुवार को दवा का ओवरडोज ले लिया। समय रहते इस बात की जानकारी उसके परिवार वालों को लग गई तो छात्र को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत अभी गंभीर बनी हुई है।
छात्र द्वारा की गई आत्महत्या की कोशिश पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चिंता जाहिर की है और कहा कि राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज में फिर एक डॉक्टर कार्तिक द्वारा आत्महत्या के प्रयास का समाचार दुर्भाग्यपूर्ण है। एक सप्ताह में दूसरे डॉक्टर द्वारा यह कोशिश कॉलेज के अंदरूनी हालात पर रोशनी डालती है। सरकार से अपेक्षा है कि वह बच्चों का जीवन बचाये।
जीएमसी के डीन डॉ. अरविंद राय ने कहा कि अस्पताल अधीक्षक इस अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के बारे में बात करने के लिए सही व्यक्ति होंगे. हालांकि, उन्होंने कहा कि एक आकस्मिक योजना बनाई गई है.
जहरीली कार्य संस्कृति होनी चाहिए खत्म
राय ने कहा, ‘‘जीएमसी से डॉ. कुमार को हटाने का अधिकार राज्य सरकार के पास है.’’उन्होंने कहा कि प्रसूति और स्त्री रोग विभाग की 27 वर्षीय स्नातकोत्तर छात्रा सरस्वती बाला की कथित आत्महत्या से पहले उनके कार्यालय में ‘जहरीली कार्य संस्कृति’ के बारे में कोई शिकायत नहीं मिली थी. जूनियर डॉक्टरों के संगठन जूडा की जीएमसी इकाई के अध्यक्ष डॉ. संकेत सीते ने बताया कि उनके काम पर लौटने से पहले अस्पताल में व्याप्त ”जहरीली कार्य संस्कृति” खत्म होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि डॉ. कुमार को अस्पताल से हटाया जाए और जीएमसी की ‘जहरीली कार्य संस्कृति’ को खत्म किया जाए. अगर वह इसी अस्पताल में रहती हैं, तो छात्रों को डर है कि उनका भविष्य खराब हो सकता है.’’उन्होंने दावा किया कि बाल रोग विभाग की एक अन्य पीजी छात्रा ने चार जनवरी को आत्महत्या कर ली थी. डॉ. सीते ने दावा किया कि 50 से 70 रेजिडेंट डॉक्टर शुक्रवार को हड़ताल में शामिल होंगे. डॉ. बाला ने सोमवार को कथित तौर पर बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
डॉ. बाला सरस्वती सुसाइड केस में डॉ. अरुणा कुमार को एचओडी पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह विभाग की ही डॉ. भारती सिंह परिहार को प्रभारी एचओडी बनाया है। इसकी पुष्टि गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन दफ्तर से जुड़े सीनियर डॉक्टर ने की है।
इससे पहले, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद राय और अस्पताल अधीक्षक डॉ. आशीष गोहिया से कॉलेज में हड़ताल कर रहे जूनियर डाॅक्टर्स की मांगों के संबंध में मीटिंग की।
डॉ. कुमार बोलीं- पद से इस्तीफा नहीं दूंगी
जीएमसी में दोपहर 2 बजे कॉलेज काउंसिल की मीटिंग हुई। इसमें काउंसिल सदस्यों ने डॉ. बाला सरस्वती सुसाइड केस के बाद शुरू हुई जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म कराने स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर और एचओडी डॉ. अरुणा कुमार से इस्तीफा मांगा। लेकिन, डॉ. कुमार ने काउंसिल के फैसले को मानने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि मैं पद से इस्तीफा नहीं दूंगी।