राजस्थान के BJP नेता इतने नाकाबिल कि PM के चेहरे पर चुनाव लड़ने की बात की जा रहीं है!असली चेहरे वसुन्धरा राजे को कहा छुपा रखा है?
प्रधानमंत्री बनाम मुख्य मंत्री मुक़ाबले पर अशोक गहलोत का भाजपा पर कटाक्ष
जयपुर से ब्यूरो प्रमुख गोपेंद्र नाथ भट्ट की विशेष रिपोर्ट
जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस वर्ष नवम्बर में होने वाले राजस्थान विधानसभा के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्य मंत्री अशोक गहलोत की सीधी लड़ाई होने की सम्भावनाओं पर मीडिया में आ रही खबरों पर अप्रत्यक्ष रुप से कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा वाले कहते हैं मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ेंगे। अजीब है चुनाव राजस्थान विधानसभा का हो रहा है और देश के प्रधानमंत्री को चेहरा बनाएंगे।
ये इतने नाकाबिल लोग हैं जो कहते हैं कि पीएम के चेहरे पर चुनाव लड़ेंगे। मैं तो राजस्थान में जो काम किए हैं। उसके आधार पर ही चुनाव लड़ूंगा और जनता की अदालत में जाऊँगा ।
गहलोत ने कहा कि मोदी जी तो अंतर्राष्ट्रीय नेता हैं, विश्व गुरू हैं। उनको राजस्थान क्यों ला रहे हो? इनके जो मुख्यमंत्री के चेहरे बने हुए हैं, क्या ये लोग मुख्यमंत्री के चेहरे के लायक नही हैं?
जयपुर में सीएम हाउस पर मीडिया से बातचीत करते हुए गहलोत ने भाजपा को सीधी चुनौती दी कि भाजपा में सीएम का असली चेहरा तों दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रही वसुंधरा राजे हैं। उन्हें छिपाया क्यों जा रहा है ? गहलोत यहीं तक नही रुकें वरन उन्होंने कहा कि यदि भाजपा को मुकाबला करना है तो वसुन्धरा जी को आगे क्यों नही लाते है?
गहलोत ने यह कटाक्ष भी किया कि दुर्भाग्य है कि राजस्थान में बीजेपी के नेता 25 साल में भी मुख्यमंत्री का चेहरे नहीं बन पाए। इनका हाईकमान भी चार-पांच चुनाव जीतने के बावजूद इन्हें अंडर एस्टीमेट ही कर रहा है।गहलोत ने सवाल किया कि क्या आप इतने काबिल नहीं हो कि आपका चेहरा आगे रखकर चुनाव लड़ा जाए।
मुख्य मंत्री गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आज बीजेपी में कई ऐसे नेता भी सीएम का चेहरा बने हुए हैं,जो तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत की सरकार गिराने के षडयंत्र में शामिल थे। शेखावत जब अमेरिका इलाज के लिए गए थे तो यें लोग मेरे पास भी आए थे कि सरकार गिराने में मदद कीजिए। मैंने ऐसे अनैतिक काम के लिए साफ मना कर दिया था। उस समय मैं पीसीसी अध्यक्ष था।
गहलोत ने व्यंग कसा कि बीजेपी में जो नेता प्रदेश के सीएम के चेहरे बने हुए हैं, क्या वे उस स्तर के है? असली में वसुंधरा राजे ही मुख्यमंत्री का चेहरा हैं। उसे तो इन्होंने छिपा रखा है। गहलोत ने कहा कि हाल ही भाजपा ने जयपुर में महा घेराव कार्यक्रम रखा और दावा किया कि इसमें एक-दो लाख लोगों बे भाग लिया। जबकि हकीकत में उसमें 15 से 20 हजार लोग ही आए थे।उस घेराव में वसुंधरा राजे क्यों नहीं आईं? उनको क्यों छुपा रखा है? अगर मुकाबला करना है तों उनको आगे लाओ , उनको तो इन्होंने पीछे कर रखा है। बाकी चारों को आगे कर रखा है। आने वाले चुनाव में अब देखेंगे जनता इनको क्या जवाब देगी।
गहलोत बोले कि वसुन्धरा राजे और कैलाश मेघवाल ने कभी मेरी सरकार नहीं बचाई। गहलोत ने कहा मुझ पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने मेरी सरकार बचाई। इसलिए मैं इस तरह की बातें बोल रहा हूं। वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल ने मेरी सरकार नहीं बचाई। उन्होंने अपना व्यू दिया था कि हमारे यहां हॉर्स ट्रेडिंग से सरकार गिराने की परंपरा नहीं रही है।जैसे महाराष्ट्र मध्य प्रदेश और कर्नाटक में सरकार गिराई गई । यह कहना क्या गलत था? उन्होंने ठीक कहा। मैं तो उनका स्वागत करता हूं। वसुंधरा राजे हों, चाहे कैलाश मेघवाल हों।अगर आगे आकर कहते हैं कि हॉर्स ट्रेडिंग से सरकार गिराने की हमारी परंपरा नहीं रही।यहीं बात मैंने कही थी।
गहलोत ने यह भी कहा कि बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री को चोट नहीं लगी हुई है। मैंने जानबूझकर पट्टियाँ बांध रखी है। बीजेपी नेता कहें तो मेरी सीटी स्कैन रिपोर्ट भेज दूं।ये इतने बेशर्म लोग हैं। इन्हें शर्म भी नहीं आती कि अपने राज्य के मुख्यमंत्री की चोट के बारे में इस तरह के कमेंट कर रहे हैं।कह रहे हैं कि गहलोत ने जानबूझकर पट्टा बांधा हुआ है। बीजेपी वालों को डर लग रहा है कि जिस तरह ममता बनर्जी व्हीलचेयर पर घूम रही थी, चुनाव जीत गई।इन्हें लगता है कि अशोक गहलोत भी व्हीलचेयर पर घूमकर कहीं चुनाव नहीं जीत जाए। मेरे दोनों पैरों में फ्रैक्चर है। एक पैर में अंगूठे के तीन टुकड़े हो गए और एक में हेयर लाइन फ्रैक्चर है।
बीजेपी नेता यह भी कह रहे हैं कि सात तारीख को दिल्ली कोर्ट में नहीं जाना पड़े, इसलिए पट्टा बांध रखा है।
मानहानि केस पर गहलोत फिर से बोलें कि केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनका पूरा परिवार संजीवनी घोटाले में आरोपी है। इसमें मैंने गलत क्या कह दिया। मैं आज भी उस बात पर कायम हूं। मैंने एसओजी रिपोर्ट के आधार पर यह बातें कहीं थी।
संजीवनी घोटाले के पीड़ित मेरे पास आए थे तो उनकी दर्द भरी दास्ताँ सुन मेरी आंखों में भी आंसू आ गए थे। आज भी गजेंद्र शेखावत पीड़ितों का पैसा दिला दें लेकिन वे क्यों नहीं बोल रहे हैं।
लगता है कि विधान सभा चुनाव नज़दीक आते-आते दोनों पार्टियों की ओर से इस तरह के शब्द बाणों की धार और अधिक नुकीली होंती जायेंगी।