Improving the Air Quality of Indore : सफाई के बाद अब ‘एयर क्वालिटी’ सुधारना जरूरी

इंदौर नगर निगम प्रशासक और कमिश्नर ने नागरिकों को बधाई दी

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इंदौर। देश के स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर के पांचवी बार नंबर-वन आने पर इंदौर नगर निगम के प्रशासक और इंदौर कमिश्नर डॉ पवन कुमार शर्मा (Indore Commissioner Dr. Pawan Kumar Sharma) ने कहा कि दो अलग-अलग श्रेणियों में राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों को मिलना मध्यप्रदेश और इंदौर के लिए बड़े ही हर्ष का विषय है। अब इंदौर को AQI (एएक्यूआई) यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स को और बेहतर करने की दिशा में भी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह अवॉर्ड इंदौर के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ इंदौर की पूरी जनता के प्रयासों का नतीजा है। सभी के सहयोग से शहर को स्वच्छ बनाने और रखने का अभियान सफल हो सका।

उन्होंने कहा कि पहले के सालों में सरकारी संस्थाओं के जरिए शहर को स्वच्छ रखने का संदेश दिया जाता था। निश्चित समय पर मोहल्ला स्तर पर अभियान चलाए गए थे। इसका परिणाम ही है कि आज इंदौर का हर नागरिक इतना जागरूक हो चुका है कि वह खुद तो सफाई का ध्यान रखता है और दूसरों को भी स्वच्छता के लिए प्रेरित करता है।

डॉ पवन कुमार शर्मा के मुताबिक एक साथ दो सम्मान मिलने से इंदौर वासियों और सरकारी अमले की जिम्मेदारी और बढ़ गई! जिम्मेदारी इस मायने में कि जिस प्रकार इंदौर लगातार 5 साल से देश का सबसे स्वच्छ शहर बना रहा, भविष्य में भी वह पहले स्थान पर ही बरकरार रहे। इसके लिए और मेहनत करनी होगी। उनका यह भी कहना था कि इंदौर सीवरेज और जमीनी सफाई को तो इंदौर बेहतरीन स्थिति में ला चुका है। अब यहां के एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स को और बेहतर करने की दिशा में भी प्रयास किए जाएंगे।

इंदौर पहली बार 2016-17 में सफाई के मामले में देश का नंबर वन शहर बना था। उसके बाद 2017-18, 2018-19, 2019-20 में वह पुरस्कार जीता था। अब 2020-21 में 10 लाख से अधिक की आबादी वाली श्रेणी के स्वच्छता सर्वेक्षण में पहले स्थान पर काबिज रहते हुए इंदौर ने ‘स्वच्छता का पंच’ लगाया है।

सूरत फिर सेकंड रहा

इंदौर के बाद बीते साल की ही तरह इस साल भी गुजरात का शहर सूरत रहा। वहीं, आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा को देश का तीसरा सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया। जहां तक इंदौर का सवाल है, तो वहां नगर-निगम का सफाई करने का सिस्टम इतना तेज है कि शहर में अब गंदगी नजर नहीं आती। शहर में कहीं खुले में नाला बहता नजर नहीं आता। वहीं शहर के पेड़-पौधों और पार्कों की सिंचाई के सीवरेज वाटर को ट्रीट करके काम में लाया जाता है। सड़कों पर कूड़ा न फैले इसके लिए जगह-जगह पर गीले और सूखे कूड़े के लिए अलग-अलग कूड़ेदान लगाए गए हैं। शहर की खूबसूरती निखारने के लिए जगह-जगह दीवारों पर आकर्षक तस्वीरें और पेंटिंग भी बनाई गई हैं।