कर्नाटक की तर्ज पर राजस्थान में कांग्रेस उम्मीदवारों का चयन, सितंबर के अंतिम सप्ताह में पहली सूची जारी करने का प्रयास
जयपुर/नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कर्नाटक की तर्ज पर राजस्थान में कांग्रेस उम्मीदवारों का चयन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सितंबर के अंतिम सप्ताह या अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में पहली सूची जारी करने का प्रयास किया जायेगा।
शुक्रवार को जयपुर में पार्टी की दो महत्वपूर्ण बैठकों के बाद मीडिया से वार्ता करते हुए गहलोत ने बताया कि आज कांग्रेस के जयपुर वार रूम में दो बैठकें हुई है। उन्होंने बताया कि एक बैठक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से नियुक्त सीनियर पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री, पर्यवेक्षक शशिकांत और केंद्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल के नेतृत्व में लोकसभा के 25 पर्यवेक्षकों के साथ हुई है। दूसरी बैठक पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की हुई जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 18 मंत्री प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी,भँवर जितेन्द्र सिंह अलवर और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित अन्य नेताओं सहित कुल 35 सदस्य हैं।
हम एक साथ मिलकर लड़ेंगे
गहलोत ने कहा कि पार्टी के प्रदेश नेताओं में किसी प्रकार का कोई मनमुटाव नहीं है। विधानसभा का चुनाव हम एक साथ मिलकर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता और नेता सभी एकजुट हैं और आपस में कोई गिला शिकवा नहीं है। गहलोत ने कहा कि छोटी मोटी चीजें हर पार्टी में होती है लेकिन कई बार मीडिया इसको गलत तरीके से पेश करता है।
गहलोत ने बताया कि पार्टी के सभी 25 पर्यवेक्षक 17 अगस्त से अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र में जाकर वास्तविक ज़मीनी स्थिति का पता लगाएंगे और वहां पर कांग्रेस के पदाधिकारियों, नेताओं और कार्यकर्ताओं से पार्टी की स्थिति का आकलन करेंगे। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सह प्रभारी भी अपने-अपने क्षेत्रों का दौरा करेंगे और पार्टी में सक्रियता लाने का काम किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों के लिए पर्यवेक्षक भी बनाए जाएंगे।यह पर्यवेक्षक विधानसभा क्षेत्रों में जाकर संबंधित जिला प्रमुख, विधानसभा के सदस्य और चुनाव लड़ने को इच्छुक प्रत्याशियों के साथ ही वहां के कार्यकर्ताओं नेताओं से विचार विमर्श करेंगे। इसके बाद आगे की बातें पॉलिटिकल अफेयर कमेटी में तय की जायेंगी।
सीएम गहलोत ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने राजस्थान की सरकार को गिराने का प्रयास किया था लेकिन वह उसमें सफल नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि उनके दिल में इस बात का दर्द है कि हम अपने मिशन में कामयाब नहीं हो सके।
इन बैठकों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, सह प्रभारी अमृता धवन, विरेंद्र सिंह और काजी निजामुद्दीन मौजूद रहें।
जीतने वाले और कांग्रेस के वफादार को दिया जाएगा टिकट: रंधावा
पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक के बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मीडिया से कहा कि कांग्रेस विधानसभा का चुनाव एकजुट होकर लड़ेगी। उन्होंने दावा किया कि सरकार रिपीट होगी। उनका कहना था कि जीतने वाले और पार्टी के वफादार व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा।
रंधावा ने पत्रकारों से कहा कि आज की बैठक में निर्णय किया है कि अब कोई भी राजनीतिक या अन्य कोई भी फैसला पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी के माध्यम से ही किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार ईडी और सीबीआई के माध्यम से हमें डराने का प्रयास कर रही है लेकिन कांग्रेस डरने वाली नहीं है। अब चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन हम सब विधानसभा का चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेंगे और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार फिर से बनेगी।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय नेतृत्व ने केसी वेणुगोपाल और मधुसूदन मिस्त्री को राजस्थान भेजकर एक नया संदेश देने का काम किया है। मधुसूदन मिस्त्री और केसी वेणुगोपाल यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि राजस्थान में कांग्रेस की वास्तव में कैसी स्थिति है। साथ ही केंद्रीय नेतृत्व ने जो पर्यवेक्षक लगाए हैं उनसे जानने का प्रयास किया जा रहा है कि उन्होंने किस तरह के हालात क्षेत्र में जाकर देखें हैं और आने वाले समय में वह किस प्रकार से कांग्रेस को मजबूत करने का काम अपने-अपने क्षेत्रों में रहकर करेंगे।
साथ ही यह भी जाना जा रहा है कि राज्य सरकार की योजनाओं का धरातल पर कितना प्रभाव है और लोगों को आम धारणा क्या है।
उल्लेखनीय है कि केसी वेणुगोपाल गुरुवार को देर रात जयपुर आ गए थे । उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट से भी बातचीत की । शुक्रवार को सुबह केसी वेणुगोपाल मुख्यमंत्री निवास पर गए और उन्होंने सीएम गहलोत से बातचीत कर राजनीतिक हालात के बारे में जानकारी ली है। कांग्रेस वार रूम में वे सीएम गहलोत के साथ ही आए।