Mission Chandrayaan : आज लैंडर की गति कम होगी, फिर चांद को छूने को तैयार!

आने वाले दिन ISRO के लिए बेहद महत्वपूर्ण, सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश!

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Mission Chandrayaan : आज लैंडर की गति कम होगी, फिर चांद को छूने को तैयार!

Bengaluru : चंद्रयान-3 चांद पर पहुंचने से कुछ ही दूरी पर है। वह लगातार चांद के करीब पहुंच रहा है। गुरुवार को विक्रम लैंडर प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलता से अलग हो गया। इसके बाद अब ISRO साइंटिस्ट्स को लैंडिंग का इंतजार है। आने वाले दिन काफी महत्वपूर्ण है, जब लैंडर की स्पीड को कम किया जाएगा और सॉफ्ट लैंडिंग के लिए तैयारी की जाएगी।

प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने के बाद लैंडर मॉड्यूल में लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ शामिल हैं, जो अब एक ऐसी कक्षा में उतरने के लिए तैयार हैं। इससे वो चंद्रमा की सतह के और करीब पहुंचेगा। 23 अगस्त को लैंडर चांद की सतह को छू लेगा। पिछली बार की तुलना में इस बार चंद्रयान-3 में इस तरह के बदलाव किए गए हैं कि सॉफ्ट लैंडिंग आसानी से हो जाए। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर शाम 5.47 बजे ये ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने की कोशिश होगी।

डीबूस्टिंग का प्रोसेस होगा
लैंडर के अलग होने के बाद इसरो की तरफ से इसकी जानकारी दी गई. इसरो ने ट्विटर पर बताया कि लैंडर मॉड्यूल प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग हो गया है। शुक्रवार 18 अगस्त को शाम करीब 4 बजे इसके डीबूस्टिंग (गति कम करने की प्रक्रिया) से गुजरते हुए चंद्रमा की कक्षा में थोड़ा और नीचे आने की उम्मीद है।

जब नहीं हुई थी सॉफ्ट लैंडिंग
ISRO ने यह भी बताया कि प्रोपल्शन मॉड्यूल अपनी वर्तमान कक्षा में कई महीनों और सालों तक घूमता रहेगा और कई महत्वपूर्ण जानकारियां देगा। चंद्रयान-3 से पहले भेजा गया चंद्रयान-2 साल 2019 में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में असफल रहा था। इसके बाद चंद्रयान-3 भेजा गया, जिसका मकसद चांद की सतह पर सुरक्षित ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चांद पर रोवर के घूमने और वैज्ञानिक प्रयोग करने का है। करीब 600 करोड़ की लागत वाले चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को चांद के दक्षिणी ध्रुव तक की यात्रा पर रवाना किया गया था।