आचार्य प्रमोद कृष्णम का CM अशोक गहलोत पर निरन्तर हमला किस रणनीति का हिस्सा?

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आचार्य प्रमोद कृष्णम का CM अशोक गहलोत पर निरन्तर हमला किस रणनीति का हिस्सा?

नई दिल्ली/जयपुर ।
दिवंगत प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी ने एक बार कहा था कि कांग्रेस को और कोई नही बल्कि कांग्रेसी ही पराजित करते हैं। इसका ताजा उदाहरण कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम द्वारा कांग्रेसी नेताओं विशेष कर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर लगातार हमलावर होना हैं। प्रमोद कृष्णम ने पहले भी कई बार अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विशेष कर राजेश पायलट के मामले में वे अक्सर गहलोत के विरोध में बोलते रहें हैं। गहलोत-पायलट का मामला राहुल गाँधी और मल्लिकार्जुन आदि राष्ट्रीय नेताओं की दख़ल अंदाजी से बमुश्किल सुलटा है लेकिन राजस्थान विधान सभा चुनाव और अन्य प्रदेशों के चुनावों से चन्द महीनों पहलें आचार्य प्रमोद द्वारा हाल ही में किया गया एक ट्वीट सियासत में जमकर सुर्खियों में बना हुआ है। इसमें उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधते हुए बड़ा हमला किया।

उन्होंने एक्स पर राजस्थान में महिला अत्याचार, रेप और कथित भ्रष्टाचार आदि को लेकर जमकर गहलोत सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही जिस लाल डायरी की चर्चा थम गई थी उसे भी फिर से चर्चाओं में ला दिया हैं। प्रमोद कृष्णम के इस ट्वीट से एक ओर राजस्थान की सियासत में गर्मी पैदा हो गई है। वही कांग्रेस पार्टी में भी जमकर हड़कंप मचा हुआ है।
कांग्रेस में पैदा हुए इस बवाल से भाजपा भी इस ट्वीट को भुनाने के लिए आक्रमक मूड में आ गई हैं। ट्विटर के माध्यम से प्रमोद कृष्णम ने हवाई जहाज में बैठे हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के फाइल पढ़ते हुए और कुछ लिखते हुए एक फोटो पर यह पोस्ट की है। जिसमें उन्होंने ‘अध्ययन मनन और 2023 का मिशन’ कैप्शन दिया है । इस पर पर तंज कसते हुए भ्रष्टाचार, बलात्कार, लूट खसोट और खनन, नासिर-जुनैद की हत्या, लाल डायरी और दमन जैसे शब्दों का प्रयोग कर कांग्रेस के सबसे ताकतवर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर बड़ा हमला किया है। इस हमले को लेकर सियासी गलियारों में पारा चढ़ गया है तथा इस हमले को लेकर सियासत में कई मायने भी निकाले जा रहे हैं।

प्रमोद कृष्णम ने अशोक गहलोत के साथ ही कांग्रेस के अन्य नेताओं पर भी बड़े आरोप लगाए हैं।
उन्होंने एक एक टी वी डिबेट पर किसी का बिना नाम लिए बगेर कांग्रेस के कुछ नेताओं पर जमकर निशाना साधा। इसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेताओं को हिंदू नाम से नफरत है। कांग्रेस के कुछ नेता भगवा से भी नफरत करते हैं। उन्हें वंदे मातरम से भी नफरत है। उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता पार्टी को वामपंथ के रास्ते पर ले जाना चाहते है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता टुकड़े टुकड़े गैंग के लोगों को पसंद करते है।

प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेसी नेताओं पर निशाना बनाते हुए कहा कि कुछ बड़े नेताओं को उनकी वेशभूषा और तिलक से चिढ़ है। इस दौरान उन्होंने सी डब्ल्यू सी कांग्रेस वर्किंग कमेटी में उन्हें शामिल नहीं करने पर भी नाराजगी जताई है । इसे लेकर भी उन्होंने बिना नाम लिए कांग्रेस के कई बड़े नेताओं पर जमकर हमला बोला है।

उल्लेखनीय है कि कि आचार्य प्रमोद कृष्णम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर शुरू से ही लगातार हमलावर बने रहे हैं। इससे पहले भी उन्होंने पायलट और गहलोत के बीच के बवाल के दौरान भी उन पर कई बार निशाना साधते हुए हमला किया था। उन्होंने अशोक गहलोत को यह सुझाव भी दिया था कि उनको बड़ा दिल दिखाना चाहिए और युवाओं को आगे आने का मौका देना चाहिए। इसके अलावा भी आचार्य प्रमोद ने श्रद्धा मर्डर केस मामले में गहलोत के बयान की कड़ी निंदा की थी। उस समय उन्होंने गहलोत के बयान को बेहद अफसोस जनक बताया। उन्होंने गहलोत पर हमला करते हुए कहा कि उनका यह बयान अपराधियों के हौसले बढ़ाने वाला है।

अपने ताज़ा बयान से आचार्य प्रमोद कृष्णम ने लाल डायरी की चर्चा को भी फिर से चर्चाओं में ला दिया हैं। कांग्रेस के अधिकतर नेता यह जानते हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे नजदीकी नेता आर टी डी सी चेयरमेन धर्मेन्द्र राठौड़ को डायरी लिखने की आदत है। वे पिछले कई सालों से नियमित रूप से डायरी लिखते आए हैं। ऐसा कहा जाता है कि हर दिन वे अपने मुवमेंट को अपनी डायरी में नोट करते हैं। दिन में किन किन से मुलकात की। किस विषय में बातें की और आगे की प्लानिंग का जिक्र भी डायरी में करते है । पिछलें नवम्बर 2020 में धर्मेन्द्र राठौड़ के ठिकानों पर इनकम टैक्स की रेड पड़ी थी। उस दिन राठौड़ के आवास पर दो डायरियां थी। बताया जाता है कि एक डायरी इनकम टैक्स के अधिकारियों ने जब्त कर ली लेकिन दूसरी डायरी गहलोत के मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा के हाथ लग गई। इसी डायरी को लेकर विधान सभा में बड़े खुलासे होने के दावे किए गए और राजेंद्र सिंह गुढ़ा को मंत्री पद से हटा दिया गया था।

लाल डायरी को लेकर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के अन्य नेताओं ने सार्वजनिक रूप से गहलोत सरकार पर हमले किए थे लेकिन इस मामले को कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम द्वारा फिर से उठाने से कई कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता आश्चर्य चकित है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद सार्वजनिक रूप से ऐसे बयानों को पार्टी में अनुशासन हीनता की श्रेणी में मानते हुए ऐसा करने वालों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी थी लेकिन राजनीतिक पंडितों के अनुसार प्रमोद कृष्णम लगातार अपने विवादास्पद बयान देकर पार्टी की रीति नीति सिद्धान्तों और कार्यक्रमों के विपरीत आचरण किसके इशारे पर कर रहें है यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है।

कतिपय लोग यहाँ तक कहने लगे है कि प्रमोद कृष्णम जैसे कांग्रेसी नेता भाजपा को अप्रत्यक्ष रूप से मदद किस उद्देश्य से और किस रणनीति के अंतर्गत कर रहें है।उनका हिडन राजनीतिक ऐजेंडा क्या है, यह समझ से परे है?