दहेज प्रताड़ना के मामले में दोषमुक्त हुए तो IAS हरिजिंदर को मिला प्रमोशन

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Major Administrative Reshuffle

दहेज प्रताड़ना के मामले में दोषमुक्त हुए तो IAS हरिजिंदर को मिला प्रमोशन

भोपाल: दहेज प्रताड़ना के मामले में न्यायालय से दोषमुक्त होंने के बाद 2011 बैच के IAS और कलेक्टर पन्ना हरजिंदर सिंह की पदोन्नति के लिए लिफाफाबंद अनुशंसा को खोला गया तो वे पदोन्नति के पात्र पाए गए और उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग ने वरिष्ठ वेतनमान में पदोन्नत किया है।

आईएएस हरजिंदर सिंह के विरुद्ध वर्ष्ज्ञ 2012 में हबीबगंज थाने में दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा तीन और चार के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था। न्यायालय न्यायालिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी भोपाल में विवेचना के बाद दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत अभियोजन पक्ष अपना मामला अभियुक्तगण के विरुद्ध युक्तियुक्त संदेह के प्रमाणित करने में सफल नहीं रहा। इसके चलते हरजिंदर सिंह को फरवरी में इस आरोप से दोषमुक्त कर दिया गया।

हरजिंदर सिंह की पदोन्नति के लिए अनुशंसा का लिफाफा इस प्रकरण के चलते बंद किया गया था। इसे खोला गया तो वे वरिष्ठ वेतनमान के पात्र पाए गए उन्हें एक जनवरी 2015 से वरिष्ठ वेतनमान और एक जनवरी 2020 से कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड स्वीकृत किया गया है और इसमें उन्हें एरियर्स की राशि भी दी जाएगी।

2015 से किया इंतजार-
वरिष्ठ वेतनमान के लिए हरजिंंदर वर्ष 2011 से इंतजार कर रहे थे वरिष्ठ वेतनमान दिए जाने के लिए आवंटन वर्ष 2011 के अधिकारियों के साथ 24 अप्रैल 2015 को विचारण में लेने के बाद आवंटन वर्ष 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017, 2018 के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को वरिष्ठ वेतनमान स्वीकृत किए जाते समय उनके नाम पर विचार किया जाता रहा लेकिन उनके विरुद्ध प्रकरण विचाराधीन होंने के कारण उन्हें वरिष्ठ वेतनमान दिए जाने संबंधी समिति की अनुशंसाएं हर बार सीलबंद लिफाफे में रखी जाती रही।

हरजिंदर सिंह को उनके कनिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को दिए गए वरिष्ठ वेतनमान एवं कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड की तिथि से वास्तविक लाभ ही प्राप्त होंने की पात्रता के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने 20 अप्रैल 2022 को विजिलेंस की स्थिति का उल्लेख करते हुए भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को भेजकर पुष्टि किए जाने का अनुरोध किया था। केन्द्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने अप्रैल 2023 में इसके लिए मंजूरी प्रदान की।