Kissa-A-IAS: इस कलेक्टर की लोकप्रियता सरकार को नहीं आई रास

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Kissa-A-IAS: इस कलेक्टर की लोकप्रियता सरकार को नहीं आई रास

 

कोई कलेक्टर यानी डीएम अपने कामकाज के तरीके से जनता में कितना लोकप्रिय हो सकता ,है इसका प्रमाण उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले की कलेक्टर दिव्या मित्तल ने दे दिया। वे जनता में इतनी ज्यादा लोकप्रिय गई थी, कि जब उनका तबादला मिर्जापुर से बस्ती किया गया, तो जनता भावविह्ल हो गई। उन्हें ऐसी भावभीनी विदाई दी कि वो एक मिसाल बन गई। उन्हें ऐसी विदाई दी गई कि लोग देखते रह गए। उन पर फूल बरसाए गए और उनके काम की तारीफ की गई। जनता की इस भावना से खुद दिव्या मित्तल इतनी भाव विभोर हो गई कि उन्होंने ट्वीट किया ‘सरकारी नौकरी में आना-जाना तो चलता रहता है। लेकिन, मिर्जापुर ने जितना प्रेम दिया वह जीवनभर नहीं भूल पाएंगी।’ उन्होंने अपनी पोस्ट में माता के मंदिर और गंगा के सानिध्य को भी याद किया। यह भी लिखा कि तबादले की खबर के बाद उनके पास इतने फोन और कॉल आए कि नेटवर्क जाम हो गया।

Kissa-A-IAS: इस IAS की लोकप्रियता ही सरकार की आंखों में किरकिरी बनी!

लेकिन, उनकी यह लोकप्रियता शायद सरकार को रास नहीं आई। उन्हें मिर्जापुर से तो रिलीव होने दिया, लेकिन बस्ती ज्वाइन करने से पहले वहां किसी और अफसर का ट्रांसफर कर दिव्या मित्तल को रोक दिया। ऐसा क्यों हुआ, यह एक अलग विषय है। लेकिन, कोई अधिकारी अपने कामकाज के तरीके और जनता से जुड़कर कितना लोकप्रिय हो सकता है दिव्या मित्तल ने इसका एक मापदंड तो तय कर ही दिया।

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मिर्जापुर जिले तैनात रही IAS अधिकारी दिव्या मित्तल को कड़क अंदाज के लिए जाना जाता रहा है। लेकिन, आश्चर्य की बात ये है कि फिर भी वे जनता के दिल में जगह बनाने में कामयाब हुई। दफ्तर में कोई फाइल गायब होने पर या सीवर बिछाने में लापरवाही बरतने पर दिव्या मित्तल का अंदाज दफ्तर के सहकर्मियों और आम जनता ने देखा था। अपने इस अंदाज के बावजूद पीड़ित लोगों के प्रति उनका व्यवहार बेहद कोमल देखा गया। दिव्या मित्तल सिविल सेवा में प्रवेश करने के बाद से ही एक प्रतिभाशाली आईएएस अधिकारी रही। मसूरी में प्रशिक्षण के दौरान भी अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें ‘अशोक बंबावाले पुरस्कार’ मिला था।

Kissa-A-IAS: इस IAS की लोकप्रियता ही सरकार की आंखों में किरकिरी बनी!

दिव्या मित्तल ने आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की और फिर आईआईएम बैंगलोर से एमबीए भी किया। सिविल सेवा में आने से पहले, उन्होंने लंदन में एक एग्जोटिक डेरिवेटिव्स ट्रेडर के रूप में काम किया था। वे देश सेवा की खातिर लंदन से लाखों रुपए की नौकरी छोड़कर वापस लौट आईं। यहां आकर उन्होंने UPSC की तैयारी की। दिव्या मित्तल पहले आईपीएस बनी फिर अगले साल फिर यूपीएससी क्रेक करके आईएएस की परीक्षा पास की। 2012 में उनका सिलेक्शन आईपीएस में हो गया, उन्हें गुजरात कैडर मिला। लेकिन, आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान ही 2013 में उन्होंने फिर परीक्षा दी और वे आईएएस के लिए सिलेक्ट हो गई। दिव्या मित्तल के पति गगनदीप सिंह भी आईएएस अधिकारी हैं।

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दिव्या मित्तल हरियाणा के रेवाडी जिले की निवासी हैं। उनका जन्म और प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में हुई। 12वीं के बाद दिव्या मित्तल ने दिल्ली आईआईटी से बीटेक किया, फिर आईआईएम बेंगलुरु से एमबीए की पढ़ाई की। एमबीए के बाद दिव्या मित्तल की शादी गगनदीप सिंह के साथ हो गई। शादी के बाद दोनों लंदन चले गए, जहां उनके अच्छे पैकेज पर नौकरी लग गई। लेकिन, ज्यादा दिन वहां उनका तक मन नहीं लगा। कुछ ही दिनों बाद दिव्या और गगनदीप इस्तीफा देकर देश लौट आए। दोनों ने यूपीएससी की परीक्षा दी और सिलेक्ट हुए।

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दिव्या मित्तल उत्तर प्रदेश कैडर में अपने काम के दौरान वीसी बरेली विकास प्राधिकरण, संयुक्त एमडी यूपीएसआईडीए, सीडीओ गोंडा और मवाना मेरठ के रूप में काम किया है। नीति आयोग में सहायक सचिव के रूप में काम करते हुए दिव्या मित्तल के द्वारा प्रधानमंत्री को दी गई 5 प्रस्तुतियों में से चुना गया था। मिर्जापुर की डीएम बनने से पहले वे संत कबीर नगर जिले की डीएम भी रहीं।

 

जिस दिन चंद्रयान-3 ने लैंडिंग की थी, उस दिन भी एक ऐसा प्रसंग हुआ, जिसे दिव्या मित्तल ख़बरों की सुर्खियां बनी थी। उनकी अध्यक्षता में मिर्जापुर की लहंगपुर ग्राम पंचायत में ‘मेरा गांव-मेरा गौरव’ व ‘चौपाल कार्यक्रम’ चल रहा था। उसी दौरान चंद्रयान-3 ने चंद्रमा पर सफलता पूर्वक लैंडिंग की जानकारी आई। चौपाल में बैठीं डीएम ने चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर सफल लैंडिंग का आंखो-देखा हाल मोबाइल फोन को ध्वनि माइक पर लगाकर खुद सुनने के साथ ही वहां मौजूद ग्रामीणों को भी सुनाया। चंद्रयान-3 ने जैसे ही लैंडिंग की, वे खुशी से झूम उठीं। उन्होंने खुशी में मंच पर वंदे मातरम व भारत माता जय के नारे लगाए।

दिव्या मित्तल सोशल मीडिया पर यूपीएससी की तैयारी करने वालों को भी मोटिवेट करती रही हैं। उन्होंने देश की सबसे चुनौतीपूर्ण प्रवेश परीक्षाओं में सफलता हासिल करने की अपनी यात्रा को भी ट्विटर पर साझा किया था। उन्होंने बताया कि कैसे वे प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) भारतीय प्रबंधन संस्थानों (IIM) और यूपीएससी की परीक्षा में सफल हुईं। उन्होंने इन परीक्षाओं को क्रैक करने के लिए क्या-क्या रणनीतियां अपनाईं,इस बारे में जानकारी दी। दिव्या मित्तल ने बताया कि उन्होंने अपनी तैयारी के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल बेहद कम किया। सुझाव दिया है कि आप उस मोबाइल एप्स की पहचान करें, जिसमें आपका समय ज्यादा बर्बाद होता है। तैयारी के दौरान ध्यान केंद्रित रहने के लिए उन्होंने इंटरनेट एक्सेस को अवरुद्ध करने के लिए ‘ब्लैकआउट’ जैसे ऐप्स का उपयोग करने की सिफारिश भी की।